Loksabha Election 2024: रॉबर्ट्सगंज लोकसभा सीट पर कभी एक साथ चुने जाते थे दो सांसद, जानें यहां का सियासी समीकरण
Loksabha Election 2024 Robertsganj Seats Details: देश में 1952 में हुए पहला चुनाव में सोनभद्र लोकसभा सीट से दो सांसद चुने जाते थे। एक सामान्य वर्ग तो दूसरा अनुसूचित जाति से होता था।
Loksabha Election 2024 : यूपी के सबसे अंतिम लोकसभा सीट रॉबर्ट्सगंज से इस वक्त भाजपा के पकौड़ी लाल कोल सांसद हैं। यह सीट अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित है। सोनभद्र जिले का मुख्यालय रॉबर्ट्सगंज है और इसी नाम से लोकसभा सीट भी है। बसपा ने रॉबर्ट्सगंज लोकसभा सीट पर मंडल प्रभारी धनेश्वर गौतम को उम्मीदवार घोषित किया है। जबकि इंडिया और एनडीए गठबंधन में उम्मीदवार चयन को लेकर ऊहापोह जारी है। इस सीट पर पिछले दो चुनाव में भाजपा और उसके सहयोगी दल अपना दल (सोनेलाल) ने जीत दर्ज की है। लोकसभा चुनाव 2019 में अपना दल (सोनेलाल) के पकौड़ी लाल कोल ने सपा बसपा के संयुक्त उम्मीदवार भाई लाल को 54,336 वोटों से हराकर जीत दर्ज की थी। पकौड़ी लाल कोल को 4,47,914 और भाई लाल को 3,93,578 वोट मिले थे। जबकि कांग्रेस के भगवती प्रसाद चौधरी तीसरे स्थान पर रहे थे उन्हें महज 35,269 वोट मिले थे। इस चुनाव में 21,118 मतदाताओं ने नोटा का भी प्रयोग किया था।
2014 में सपा के टिकट पर पकौड़ी लाल कोल ने लड़ा था लोकसभा चुनाव
वहीं लोकसभा चुनाव 2014 में भाजपा के छोटेलाल ने बसपा के शारदा प्रसाद को 1,90,486 वोटों से हराकर जीत दर्ज की थी। तब समाजवादी पार्टी में रहे पकौड़ी लाल कोल यहां तीसरे स्थान पर रहे। उनको 1,35,966 वोट मिले थे। जबकि कांग्रेस के भगवती प्रसाद चौधरी 86,235 वोट पाकर चौथे स्थान पर रहे। वहीं भाकपा के अशोक कुमार कन्नौजिया को 24,363 और 18,489 वोट नोटा को मिला था। रॉबर्ट्सगंज लोकसभा क्षेत्र का निर्वाचन संख्या 80 है। इसमें वर्तमान में 5 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। इस लोकसभा क्षेत्र का गठन सोनभद्र जिले के ओबरा, घोरावल, दुद्धी और रॉबर्ट्सगंज के अलावा चंदौली जिले के चकिया विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर किया गया है। फिलहाल इन 5 सीटों पर भाजपा के विधायक हैं। यह लोकसभा क्षेत्र 1962 में अस्तित्व में आया था। यहां कुल 17,23,538 मतदाता हैं। जिनमें से 7,95,065 पुरुष और 9,28,430 महिला मतदाता हैं। बता दें कि रॉबर्ट्सगंज लोकसभा सीट पर 2019 में हुए चुनाव में कुल 9,88,804 यानी 57.37 प्रतिशत मतदान हुआ था।
पकौड़ी लाल कोल मूल रूप से मिर्जापुर के निवासी हैं। उन्होंने लोकसभा चुनाव 2009 में समाजवादी पार्टी की टिकट पर रॉबर्ट्सगंज सीट से बसपा के रामचंद्र त्यागी को करीब 53,000 वोटों से हराकर जीत दर्ज की थी। पकौड़ी लाल कोल ने 2002 में बसपा की टिकट से मिर्जापुर के छानबे विधानसभा सीट से जीत दर्ज की थी। 2004 में हुए लोकसभा उपचुनाव में बसपा ने पकौड़ी लाल कोल को टिकट देने का वादा किया लेकिन बाद में मुकर गई। इससे नाराज पकौड़ी कोल ने समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली थी।
रॉबर्ट्सगंज लोकसभा क्षेत्र का राजनीतिक इतिहास
यूपी का सोनभद्र इकलौता जिला है जो चार राज्य बिहार, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और झारखंड से सीमा साझा करता है। यह प्रदेश को सबसे ज्यादा राजस्व देने वाला जिला है। विंध्य और कैमूर पहाड़ियों में बसा यह जिला खनिज संपदाओं से संपन्न है। सोन, कर्मनाशा, चंद्रप्रभा, रिहंद, रेणु, घग्गर नदियां इसके ग्रामीण इलाकों से होकर बहती हैं। विजयगढ़ का किला, सोढरी गढ़ का किला, अगोरी दुर्ग, वीर लोरिक का पत्थर, नगवा बांध, रिहंद बांध, सलखन, जीवाश्म पार्क, लखनिया दरी, रेणुकूट और रेडू कालेश्वर मंदिर यहां के प्रमुख पर्यटन स्थल हैं। रॉबर्ट्सगंज शहर का नाम ब्रिटिश सेना के फील्ड मार्शल फ्रेडरिक रॉबर्ट के नाम पर हुआ था। ऊर्जांचल के नाम मशहूर इस जिले में प्राकृतिक संसाधनों की कोई कमी नहीं है।रॉबर्ट्सगंज सीट पर अभी तक 18 बार लोकसभा के चुनाव हो चुके हैं। जिसमें से 12 बार राम, शिव और नारायण नाम वाले उम्मीदवारों को जीत मिली है। इसमें भी अकेले 9 बार सिर्फ राम नाम वाले उम्मीदवारों की जीत हुई है।
देश में हुआ पहला चुनाव तो इस सीट पर चुने गए दो सांसद
देश में पहला चुनाव 1952 में हुआ तब सोनभद्र लोकसभा सीट से दो सांसद चुने जाते थे। एक सामान्य वर्ग तो दूसरा अनुसूचित जाति से होता था। यहां पहले सांसद जेएन विल्सन और रूप नारायण चुने गए थे। 1957 के चुनाव में भी दुबार जीत दर्ज की थी। जब 1962 के चुनाव से पहले नया परिसीमन हुआ और रॉबर्ट्सगंज लोकसभा अस्तित्व में आया तो कांग्रेस के राम स्वरूप यहां से सांसद बने। उन्होंने 1967 और 1971 के चुनावों में भी जीत हासिल की। रॉबर्ट्सगंज सीट शुरू से ही सुरक्षित रही है। वर्ष 1977 में देश में जनता पार्टी की लहर थी और राबर्ट्सगंज सीट भी इससे अछूती नहीं रही। जनता पार्टी के उम्मीदवार शिव संपत्ति राम ने लोकसभा चुनाव जीत गए। इसके बाद वर्ष 1980 और 1984 में हुए चुनाव में कांग्रेस के राम प्यारे पनिका ने जीत दर्ज की। लेकिन 1989 में हुए लोकसभा चुनाव में यह सीट भाजपा के पास चली गई। भाजपा के सूबेदार प्रसाद ने पहली इस सीट पर कमल खिलाया था। 1991 के चुनाव में यह सीट एक बार फिर जनता दल के पास चली गई। जनता दल के राम निहोर राय ने चुनाव में सफलता हासिल की। इसके बाद 1996, 1998 और 1999 के चुनाव में यह सीट बीजेपी के पास चली गई। भाजपा के टिकट पर राम शकल ने तीन बार लगातार जीत की हैट्रिक लगाई। लेकिन 2004 के चुनाव में बसपा के लाल चंद्र कोल ने भाजपा को मात देकर जीत दर्ज की। इसके बाद 2009 के चुनाव में पहली बार सपा ने इस सीट पर अपना खाता खोला। सपा के पकौड़ी लाल कोल ने बसपा के राम चन्द्र त्यागी को 50,259 वोटों से हराकर सांसद बने। लेकिन लोकसभा चुनाव 2014 में मोदी लहर के दौरान रॉबर्ट्सगंज सीट एक बार फिर भगवामय हो गया।
रॉबर्ट्सगंज लोकसभा में जातीय समीकरण
रॉबर्ट्सगंज लोकसभा सीट के जातीय समीकरणों की बात करें तो यहां पर सबसे अधिक अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति मतदाताओं की भागीदारी है। यहां अनुसूचित जाति के करीब 4,00,000 और अनुसूचित जनजाति के 1,75,000 मतदाता हैं। इसके अलावा यादव की संख्या 1,25,000 और ब्राह्मण 1,05,000 हैं। वहीं 1,00,000 कुशवाहा, 80,000 पटेल और 40,000 राजपूत हैं। मुस्लिम यहां करीब 60,000 हैं।
रॉबर्ट्सगंज लोकसभा क्षेत्र से अब तक चुने गए सांसद
- कांग्रेस से जेएन विल्सन और रूप नारायण 1952 और 1957 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- कांग्रेस से राम स्वरूप 1962, 1967 और 1971 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- जनता पार्टी से शिव संपत्ति राम 1977 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- कांग्रेस से राम प्यारे पनिका 1980 और 1984 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- भाजपा से सूबेदार प्रसाद 1989 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- जनता दल से राम निहोर राय 1991 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- भाजपा से राम शकल 1996, 1998 और 1999 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- बसपा से लाल चन्द्र कोल 2004 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- बसपा से भाई लाल कोल 2007 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- सपा से पकौड़ी लाल कोल 2009 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- भाजपा से छोटेलाल खरवार 2014 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- अपना दल (सोनेलाल) से पकौड़ी लाल कोल 2019 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।