Meerut: सपा ने प्रत्याशी बदला, बीजेपी के फायरब्रांड नेता को हराने वाले को दिया टिकट, दलित नेता नाराज
Meerut News: समाजवादी पार्टी द्वारा सरधना विधायक अतुल प्रधान को मेरठ प्रत्याशी घोषित किये जाने से पहले को सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता भानु प्रताप सिंह को प्रत्याशी बनाया था।
Meerut News: आखिरकार एक बार फिर अतुल प्रधान ने पार्टी नेतृत्व पर अपनी पकड़ साबित करते हुए मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट से पार्टी टिकट पाने में कामयाबी हासिल कर ही ली। इस तरह अतुल प्रधान पिछले तीन साल में तीन टिकट पाने वाले सौभाग्यशाली नेता हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो टिकट की जुगाड़बाजी में अव्वल नेता हैं।
समाजवादी पार्टी द्वारा सरधना विधायक अतुल प्रधान को मेरठ प्रत्याशी घोषित किये जाने से पहले 15 मार्च को सपा द्वारा सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता भानु प्रताप सिंह को प्रत्याशी बनाया था। लेकिन,बाहरी प्रत्याशी होने के कारण मेरठ में भानु प्रताप सिंह का भारी विरोध किया जा रहा था। विरोध की आग लखनऊ पहुंची तो पार्टी ने भानु प्रताप सिंह का टिकट काट कर अतुल प्रधान को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया।
लेकिन,सपा ने जिस तरह दलित नेता भानु प्रताप सिंह का 17 दिन बाद टिकट काटा उससे पार्टी के दलित नेताओं में रोष व्याप्त है। टिकट के दावेदार दलित नेताओ में तो यह रोष ज्यादा ही देखा जा रहा है। ऐसे ही नेताओं में शामिल पूर्व विधायक योगेश वर्मा ने तो खुलकर अपना रोष जाहिर करते हुए अपना नया रास्ता चुनने के संकेत भी दे दिए हैं। योगेश वर्मा इस तरह भानू प्रताप सिंह के टिकट कटने को दलितों के साथ धोखा बता रहे हैं। उनका कहना है कि मेरठ में दलित प्रत्याशी का समीकरण था। भानु प्रताप सिंह का टिकट कटा था तो दलित को ही प्रत्याशी बनाना था। योगेश वर्मा ने इस मुद्दे पर आज अपने समर्थकों की बैठक बुलाई है, जिसमें वें अपने आगे का फैसला करेंगे। गौरतलब है कि मेरठ सीट के दावेदारों में शहर विधायक रफीक अंसारी भी शामिल थे।
टिकट कटने के बाद भी भानु प्रताप सिंह ने दिखाई वफादारी
भानु प्रताप सिंह का टिकट कटने पर रफीक अंसारी को उम्मीद थी कि पार्टी अब उन्हें ही उम्मीदवार घोषित करेगी। शायद इसीलिए रफीक अंसारी के नाम पर कल उनके वकील ने नामांकन पत्र भी ले लिया था। हालांकि भानु प्रताप सिंह का टिकट कटने के बाद उनकी प्रतिक्रिया पार्टी के प्रति वफादारी की रही है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का निर्णय सिर आंखों पर है। पार्टी उम्मीदवार को पूरी मजबूती के साथ चुनाव लड़वाया जाएगा।
अतुल प्रधान के बारे में कुछ बातें
यहां बता दें कि चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ कैंपस की छात्र राजनीति से अपना करियर शुरू करने वाले अतुल प्रधान मेरठ की सरधना विधानसभा क्षेत्र के मौजूदा विधायक हैं। 2022 के विधानससभा चुनाव जिसमें उनकी जीत हुई थी इसके अलावा अतुल प्रधान 2023 के मेयर चुनाव में अपनी पत्नी सीमा प्रधान को मेयर का टिकट दिलवाने में सफल रहे थे। यह अलग बात है कि चुनाव में उनकी पत्नी तीसरे स्थान पर रही थीं। लोकसभा चुनाव में अतुल प्रधान पर पार्टी ने एक बार फिर भरोसा जताते हुए उन्हें टिकट दिया है।यानी तीन साल में अतुल सपा से तीन बार टिकट लेने में कामयाब हुए हैं।