Loksabha Election 2024: शाहजहांपुर लोकसभा सीट पर भाजपा के विजय रथ को कैसे रोकेंगे सपा और बसपा, जानें समीकरण
Shahjahanpur Loksabha Election Details: शाहजहांपुर लोकसभा सीट उन सीटों में शामिल है जहां पर पिछले 50 सालों में किसी भी दल ने अब तक जीत की हैट्रिक नहीं लगाई है। साथ ही योगी सरकार में 3 मंत्री यहां से ताल्लुक रखते हैं। जानें यहां का समीकरण
Shahjahanpur Loksabha Election Details: यूपी के 17 सुरक्षित सीटों में शामिल शाहजहांपुर लोकसभा सीट पर जातीय समीकरण साधने वाले सियासी दल को ही जीत मिलती है। यहां से सिंधी खत्री प्रेम कृष्ण खन्ना, ब्राह्मण चेहरा जितेंद्र प्रसाद, यादव समाज के सत्यपाल सिंह यादव, कुर्मी समाज के राममूर्ति वर्मा भी सांसद बन चुके हैं। शाहजहांपुर लोकसभा सीट उन सीटों में शामिल है जहां पर पिछले 50 सालों में किसी भी दल ने अब तक जीत की हैट्रिक नहीं लगाई है। साथ ही योगी सरकार में 3 मंत्री यहां से ताल्लुक रखते हैं। इस सीट पर 2014 से भाजपा का कब्जा है। इस बार भाजपा जीत की हैट्रिक लगाने की जुगत में है। भाजपा ने यहां से वर्तमान सांसद अरुण कुमार सागर को दूसरी बार उम्मीदवार बनाया है। जबकि सपा ने राजेश कश्यप पर भरोसा जताया है। वहीं बसपा ने डीआर वर्मा को चुनावी मैदान में उतारा है। अगर लोकसभा चुनाव 2019 की बात करें तो यहां भाजपा और बसपा के बीच दिलचस्प मुकाबला देखने को मिला था। भाजपा के अरुण कुमार सागर ने सपा बसपा के संयुक्त उम्मीदवार रहे अमर चंद्र जौहर को 2,68,418 वोट से हराकर जीत दर्ज की थी। इस चुनाव में अरुण कुमार सागर को 6,88,990 और अमर चंद्र जौहर को 4,20,572 वोट मिले थे। जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार ब्रह्म स्वरूप सागर को महज 35,283 वोट मिले थे। वहीं लोकसभा चुनाव 2014 में मोदी लहर के दौरान भाजपा के कृष्णा राज ने बसपा के उम्मेद सिंह कश्यप को 2,35,529 वोट से हराकर 16 साल बाद इस सीट पर कमल खिलाया था। इस चुनाव में कृष्णा राज को 5,25,132 और उम्मेद सिंह कश्यप को 2,89,603 वोट मिले थे। जबकि सपा के मिथलेश कुमार को 2,42,913 और कांग्रेस के चेतराम को महज 27,011 वोट मिले थे।
Shahjahanpur Vidhan Sabha Chunav 2022 Details
Shahjahanpur Lok Sabha Chunav 2014
Shahjahanpur Vidhan Sabha Chunav 2017
यहां जानें शाहजहांपुर लोकसभा क्षेत्र के बारे में
यहां जानें शाहजहांपुर लोकसभा क्षेत्र के बारे में
- शाहजहांपुर लोकसभा क्षेत्र का निर्वाचन संख्या 27 है।
- यह लोकसभा क्षेत्र 1952 में अस्तित्व में आया था।
- इस लोकसभा क्षेत्र का गठन शाहजहांपुर जिले के कटरा, जलालाबाद, तिलहर, पुवायां, शाहजहांपुर और ददरौल विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर किया गया है।
- शाहजहांपुर लोकसभा के 6 विधानसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा है।
- यहां कुल 21,14,201 मतदाता हैं। जिनमें से 9,55,889 पुरुष और 11,58,155 महिला मतदाता हैं।
- शाहजहांपुर लोकसभा सीट पर 2019 में हुए चुनाव में कुल 11,87,133 यानी 56.15 प्रतिशत मतदान हुआ था।
शाहजहांपुर लोकसभा क्षेत्र का राजनीतिक इतिहास
शाहजहांपुर जिले को परशुराम की जन्मस्थली और शहीदों की धरती के रूप में जाना जाता है। शहीद अशफाकउल्ला खान, पंडित राम प्रसाद बिस्मिल और रोशन सिंह जैसे महान स्वतंत्रता सेनानियों का भी यहां से नाता रहा है। शाहजहांपुर शहर से जुड़ने वाले दो 'मजार' हैं एक 'मजार' 1857 के संघर्ष का एक महान स्वतंत्रता सेनानी शहीद 'अहमद उल्लाह शाह' की है तो दूसरा मजार 'शाहिद अशफाकउल्ला खान (काकोरी कांड )' का है। अहमद उल्लाह शाह ने फैजाबाद से देश की आजादी के लिए अपनी जंग शुरू की और शाहजहांपुर आ गए। इनके 70 साल बाद अशफाकउल्ला खान आए और उन्होंने भी अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ अपनी लड़ाई छेड़ दी थी। चंद्रशेखर आजाद, राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाकउल्ला खान और लाहिरी ने मिलकर 9 अगस्त 1925 को काकोरी रेलवे स्टेशन के पास सरकारी फंड को लूट लिया। काकोरी कांड के नाम से मशहूर इस मामले में दोषी ठहराए गए अशफाकउल्ला खान को फैजाबाद की जेल में फांसी दे दी गई।
शाहजहांपुर लोकसभा सीट पर ज्यादातर कांग्रेस का रहा है कब्जा
आजादी के बाद इस सीट पर 1951 से लेकर अब तक हुए चुनावो में कांग्रेस के उम्मीदवारों की नौ बार जीत दर्ज करा चुके हैं, पांच बार भाजपा दो-दो बार सपा जनता दल और एक बार जनता पार्टी का उम्मीदवार जीत हासिल कर चुका है। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और पूर्व पीएम नरसिम्हा राव के राजनीतिक सलाहकार रहे जितेंद्र प्रसाद 'बाबा साहब' के रसूख वाली इस सीट पर कांग्रेस पिछले एक दशक से जीत को तरस रही है। 2001 में बाबा साहब की मृत्यु के बाद उनके बेटे और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ही दोबारा कांग्रेस से जीते अन्यथा 1991 से ऐसा चलन चला कि यहां की जनता ने एक बार जिस पार्टी को सांसद चुन लिया उसको अगली बार बाहर का रास्ता दिखा देती थी। शाहजहांपुर में पहला चुनाव 1952 में हुआ तो यहां 2 सीटें हुआ करती थीं। 1952 में हुए पहले लोकसभा चुनाव में दोनों सीटों पर कांग्रेस से गणेश लाल और दूसरी सीट से रामेश्वर नेवटिया ने चुनाव जीता था। 1957 में भी दो सीट पर लोकसभा का चुनाव हुआ। तब एक सीट से कांग्रेस के नारायणदीन और दूसरी सीट से सेठ विशन चंद्र ने चुनाव जीता। वहीं 1962 में शाहजहांपुर को एक ही लोकसभा सीट बनाया गया। उस समय कांग्रेस से लाखन दास जीते। 1967 में कांग्रेस से पीके खन्ना, 1971 में जितेंद्र प्रसाद, 1977 में जनता पार्टी से सुरेंद्र विक्रम, 1980, 1984 में कांग्रेस से जितेंद्र प्रसाद जीते। 1989 और 1991 में यहां भाजपा के टिकट पर सत्यपाल सिंह यादव ने परचम लहराया। 1996 में राममूर्ति सिंह वर्मा कांग्रेस से सांसद बने। कांग्रेस पार्टी से 1999 जितेंद्र प्रसाद चुनाव जीते थे। 2001 जितेंद्र प्रसाद के निधन के बाद शाहजहांपुर लोक सभा सीट पर उपचुनाव हुआ था, 2002 में कांग्रेस ने कांता प्रसाद को उम्मीदवार बनाया गया। सपा ने जब कांग्रेस के राममूर्ति सिंह वर्मा को उनके खिलाफ चुनाव मैदान में उतारा। चुनाव में राममूर्ति सिंह वर्मा जीत गए थे। 2004 में जितिन प्रसाद ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। इसके बाद 2009 में सपा ने मिथलेश कुमार को उम्मीदवार बनाकर बनाया। उन्होंने इस चुनाव में जीत दर्ज की थी।
भाजपा ने बनाई बढ़त और कांग्रेस के मतदाता हुए कम
अगर शाहजहांपुर लोकसभा सीट पर सभी राजनीतिक दलों के पक्ष में मतदान का ग्राफ देखें तो 2009 में भाजपा 21.25 फीसदी वोट पाकर तीसरे पायदान पर थी और सपा 32.43 फीसदी वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी। जबकि बसपा ने भी करीब 23 फीसदी वोट हासिल किए थे, लेकिन वर्ष 2019 में सपा-बसपा गठबंधन के बावजूद उम्मीदवार को वोट ट्रांसफर नहीं हुए और बसपा के अमर चंद जौहर को महज 35 फीसदी वोट मिले। वैसे वर्ष 2014 में बसपा के उम्मेद सिंह कश्यप को 25 और सपा के मिथिलेश कुमार को 21 फीसदी वोट मिले थे। वहीं दूसरी तरफ भाजपा ने वर्ष 2014 में 25.20 फीसदी की बढ़त के साथ 46.26 मतदाताओं का समर्थन हासिल किया। इसके बाद वर्ष 2019 में भाजपा ने 58 फीसदी वोट हासिल किए। उधर, वर्ष 2009 में 13 फीसदी मत हासिल करने वाली कांग्रेस 10 वर्ष में दो फीसदी के आंकड़े पर पहुंच गई।
शाहजहांपुर लोकसभा क्षेत्र में जातीय समीकरण
शाहजहांपुर लोकसभा सीट के जातीय समीकरण की बात करें तो यहां 1.75 लाख वैश्य, 2.25 लाख ठाकुर, 2 लाख ब्राह्मण, 2.50 लाख मुस्लिम, 2.25 लाख यादव, 2 लाख जाटव, 2 लाख पासी, 1.25 लाख किसान, 1 लाख तेली, 50 हजार कायस्थ, 40 हजार कोरी, 75 हजार कश्यप, 75 हजार धोबी, 35 हजार धानुक, 50 हजार बाल्मिकी, 30 हजार भुर्जी, 30 हजार कुम्हार, 10 हजार स्वर्णकार, 50 हजार सिक्ख, 70 हजार गडरिया और केवट मल्लाह के अनुमानित वोटर 10 हजार के आसपास हैं। यहां मुस्लिम, ठाकुर, अनुसूचित जाति, लोध और यादव जाति के मतदाता उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करते हैं।
शाहजहांपुर लोकसभा क्षेत्र से अब तक चुने गए सांसद
- कांग्रेस से गणेश लाल और रामेश्वर नेवटिया 1952 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- कांग्रेस से नारायणदीन और हिंदू महासभा से सेठ विशन चंद्र 1957 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- कांग्रेस से प्रेम कृष्ण खन्ना 1962 और 1967 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- कांग्रेस से जीतेन्द्र प्रसाद 1971 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- जनता पार्टी से सुरेंद्र विक्रम 1977 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- कांग्रेस से जीतेन्द्र प्रसाद 1980 और 1984 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- भाजपा से सत्यपाल सिंह यादव 1989 और 1991 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- सपा से राममूर्ति सिंह वर्मा 1996 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- भाजपा से सत्यपाल सिंह यादव 1998 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- कांग्रेस से जीतेन्द्र प्रसाद 1999 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- कांग्रेस से जितिन प्रसाद 2004 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- सपा से मिथलेश कुमार 2009 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- भाजपा से कृष्णा राज 2014 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुनी गईं।
- भाजपा से अरुण कुमार सागर 2019 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।