Lok Sabha Election: सीवान में किसका खेल बिगाड़ेंगी हिना शहाब, JDU और RJD दोनों प्रत्याशियों की मुश्किलें बढ़ाईं

Lok Sabha Election: सीवान लोकसभा सीट पर करीब 18 लाख मतदाता है और मुस्लिम मतदाताओं की भूमिका इस लोकसभा क्षेत्र में काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है। क्षेत्र में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या करीब तीन लाख है और इन मतदाताओं का समर्थन हिना शहाब को हासिल होने का की उम्मीद जताई जा रही है।

Report :  Anshuman Tiwari
Update:2024-05-16 12:47 IST

 शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शाहब (Pic: Social Media)

Lok Sabha Election: बिहार की बहुचर्चित सीवान लोकसभा सीट पर दिवंगत सांसद शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब ने निर्दलीय नामांकन दाखिल करके जदयू और राजद दोनों दलों की मुश्किलें बढ़ा रखी हैं। शहाबुद्दीन की इस इलाके पर मजबूत पकड़ मानी जाती थी और अब उनकी पत्नी इस बार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरी हैं। शहाबुद्दीन के समर्थक उनके प्रचार में जुटे हुए हैं और ऐसे में सबकी निगाहें इस बात पर लगी हुई है कि हिना शहाब किसका खेल बिगाड़ने वाली है।

सीवान के साथ देश के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद का नाम जुड़ा हुआ है मगर बाद के दिनों में इसे शहाबुद्दीन के इलाके के रूप में जाना जाने लगा। शहाबुद्दीन जेल में रहते हुए यहां विधायकी का चुनाव जीता और फिर 1996 से 2009 तक वे लगातार सीवान लोकसभा सीट से सांसद रहे। अब उनकी पत्नी हिना शहाब ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में इस बार जदयू और राजद प्रत्याशियों को कड़ी चुनौती दी है। सीवान में सभी प्रत्याशी इलाके का जातीय समीकरण साधने की कोशिश में जुटे हुए हैं।

इन प्रत्याशियों के बीच हो रहा मुकाबला

सीवान लोकसभा सीट पर छठवें चरण में 25 मई को मतदान होना है। इस लोकसभा सीट से 20 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया था जिनमें सात प्रत्याशियों का नामांकन खारिज हो गया है। अब चुनाव मैदान में 13 प्रत्याशी बचे हैं। हिना शहाब के अलावा दो और प्रत्याशियों की दावेदारी मजबूत मानी जा रही है।


राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव ने इस सीट पर विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी को चुनाव मैदान में उतारा है। दूसरी ओर एनडीए प्रत्याशी के रूप में पूर्व विधायक रमेश सिंह कुशवाहा की पत्नी पूरी मजबूती के साथ मैदान में डटी हुई हैं।


सीवान पर शहाबुद्दीन की मजबूत पकड़

सीवान लोकसभा सीट पर लेकर राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव लंबे समय तक उधेड़बुन में फंसे रहे। दरअसल उनकी दुविधा शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब को लेकर थी। हिना शहाब को राजद ने पिछले तीन लोकसभा चुनावों में टिकट दिया था मगर तीनों चुनावों में हिना शहाब को हार का सामना करना पड़ा। बाहुबली नेता रहे शहाबुद्दीन ने 1996 से 2009 तक सीवान लोकसभा सीट पर अपना कब्जा बनाए रखा था।

2021 में बाहुबली नेता और पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की कोरोना से मौत हो गई थी मगर इस बाहुबली का परिवार सीवान में राजनीति की मजबूत धुरी माना जाता रहा है। शहाबुद्दीन की गिनती राजद के संस्थापक सदस्यों में होती रही है मगर उनकी मौत के बाद परिवार की राजद से दूरी बढ़ गई। इसी कारण पार्टी की ओर से इस बार हिना शहाब की जगह अवध बिहारी चौधरी को चुनाव मैदान में उतर गया है।


चौधरी सीवान सदर सीट से छह बार विधायक रहे हैं। इसके साथ ही वे एक बार मंत्री और एक बार विधानसभा अध्यक्ष भी रहे हैं। उन्होंने अभी तक संसद का चुनाव नहीं लड़ा था और वे पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतरे हैं।

जदयू प्रत्याशी ने भी लगा रखी है पूरी ताकत

दूसरे ओर जदयू ने इस सीट पर विजयलक्ष्मी कुशवाहा को टिकट दिया है। विजयलक्ष्मी कुशवाहा पूर्व विधायक रमेश सिंह कुशवाहा की पत्नी हैं। रमेश सिंह कुशवाहा की राजनीति की शुरुआत भाकपा माले से हुई थी। बाद में उन्होंने जदयू का दामन थाम लिया। 2015 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने जदयू का टिकट पर जीरादेई विधानसभा सीट से जीत हासिल की थी।

2020 में यह सीट भाकपा माले के कोटे में चली गई थी और इस सीट से अमरजीत सिंह कुशवाहा ने जीत हासिल की थी। जदयू ने इस बार रमेश सिंह कुशवाहा की पत्नी विजयलक्ष्मी कुशवाहा पर भरोसा जताते हुए उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ने का बड़ा मौका दिया है। कुशवाहा ने भी चुनावी बाजी जीतने के लिए पूरी ताकत लगा रखी है।

सीवान लोकसभा क्षेत्र का जातीय समीकरण

सीवान लोकसभा सीट पर करीब 18 लाख मतदाता है और मुस्लिम मतदाताओं की भूमिका इस लोकसभा क्षेत्र में काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है। क्षेत्र में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या करीब तीन लाख है और इन मतदाताओं का समर्थन हिना शहाब को हासिल होने का की उम्मीद जताई जा रही है। वैसे राजद और जदयू की ओर से मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिशें भी की जा रही हैं।

यादव मतदाताओं की संख्या करीब ढाई लाख है और राजद को इन मतदाताओं पर काफी भरोसा है। यदि राजद प्रत्याशी अवध बिहारी चौधरी यादव मतदाताओं के साथ ही मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगाने में कामयाब रहे तो निश्चित रूप से उनकी दावेदारी मजबूत हो जाएगी।


क्षेत्र में करीब सवा लाख कुशवाहा मतदाता और करीब 80 हजार सहनी मतदाता है। क्षेत्र में अपर कास्ट के मतदाताओं की भूमिका सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि इस वर्ग से जुड़े करीब चार लाख मतदाता हैं जबकि ढाई लाख मतदाता अति पिछड़े वर्ग के हैं।

सभी दलों के प्रत्याशी जातीय समीकरण साधने की कोशिश में जुटे हुए हैं। निर्दल प्रत्याशी के रूप में हिना शहाब मुस्लिम मतदाताओं के साथ ही अपर कास्ट मतदाताओं का समर्थन हासिल करने की कोशिश में भी जुटी हुई है। इस कारण इलाके में काफी दिलचस्प मुकाबले की उम्मीद जताई जा रही है।

हिना शहाब के लिए वजूद बचाने की लड़ाई

शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब के लिए यह चुनाव इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि पिछले तीन चुनावों में उन्हें लगातार हार का सामना करना पड़ा है। अगर इस बार वे चुनावी बाजी जीतने में कामयाब नहीं हुईं तो उनके सियासी सफर पर विराम लग सकता है। यही कारण है कि शहाबुद्दीन के कुनबे ने इस चुनाव में पूरी ताकत लगा रखी है।

अब ऐसे में यह देखने वाली बात होगी कि हिना शहाब सीवान में किस प्रत्याशी का खेल बिगाड़ती हैं। वैसे इस लोकसभा क्षेत्र से जदयू मुखिया नीतीश कुमार और राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव दोनों ने उम्मीदें पाल रखी हैं और अब सबकी निगाहें छठवें चरण में 25 मई को होने वाले मतदान पर लगी हुई हैं। अब देखने वाली बात होगी कि इस बार सीवान में कौन प्रत्याशी अपनी ताकत दिखाने में कामयाब हो पाता है।  

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