Lok Sabha Election 2024: सोशल मीडिया ने गर्म किया चुनावी माहौल, बाजार से हटी प्रचार सामग्री

Lok Sabha Election 2024: इस बार बाजार में प्रचार सामग्री का व्यापार 40 प्रतिशत पर सिमट गया है। चुनाव प्रत्याशी भी अब प्रचार के लिए डिजिटल प्लेटफार्म का इस्तेमाल ज्यादा कर रहे हैं।

Written By :  Seema Pal
Update: 2024-04-17 11:51 GMT

Pic - Social Media

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव की घोषणा होते ही चुनाव प्रचार सामग्री से बाजार सज जाते हैं। लेकिन इस बार बाजार में चुनाव प्रचार सामग्री घटी हैं। प्रचार सामग्री का व्यापार 40 प्रतिशत पर ही सिमट गया है। चुनाव प्रत्याशी भी अब प्रचार के लिए डिजिटल प्लेटफार्म का इस्तेमाल ज्यादा कर रहे हैं।

देश में अब चुनाव प्रचार का नया चलन चल गया है। लोकसभा चुनाव में सभी प्रत्याशी चुनाव का प्रचार रील्स के जरिए करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। जिसकी वजह है कम समय और कम खर्च में ज्यादा लोगों तक प्रचार होना। चुनाव के प्रचार के लिए प्रत्याशी सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर रहे हैं। इनमें यूट्यूब शॉर्ट्स, फेसबुक और इंस्टाग्राम रील्स, X वीडियोज पर ज्यादा प्रचार हो रहा है। इस बार लोकसभा चुनाव में मतदाताओं को जागरूक करने के लिए डिजिटल प्लेटफार्म का प्रयोग बढ़ गया है।

सोशल मीडिया ने गिराया बाजार

सोशल मीडिया ने बाजार में चुनाव प्रचार का व्यापार गिरा दिया है। इस साल बाजार में प्रचार सामग्री 40 फीसदी तक दर्ज की गई है। बाजार में प्रचार के लिए झंडा, सीटी, बैनर और बिल्ला सहित अन्य सामग्री की मांग में कमी आई है। थोक कारोबारियों का कहना है कि पूर्वांचल के आसपास के जिलों से चुनाव संबंधित प्रचार सामग्री की डिमांड नहीं आ रही है।

कारोबारियों को नहीं मिल रहा काम

पांच साल पहले तक बाजार चुनाव प्रचार की सामग्रियों से भरे रहते थे। चुनाव के एक महीने पहले से ही चुनावी पार्टी के प्रत्याशी झंडा, सिटी, बिल्ला, टोपी, टीशर्ट और अन्य चुनावी सामग्री के लिए थोक विक्रेताओं को ऑर्डर दे देते थे। इसके साथ ही प्रिंटिंग की दुकानों में भी पोस्टर्स, बैनर, प्रॉम्लेट्स और होर्डिंग्स का काफी काम आ जाता था। लेकिन इस बार बाजार में मंदी छाई है। बैनर और होर्डिंग्स के ऑर्डर आ भी रहें हैं तो केवल कुछ बड़े राजनीतिक दलों के आए हैं।

चुनाव आयोग ने इस बार प्रचार के संबंध में कई नियम लागू किए हैं। जिसके चलते प्रत्याशी पोस्टर और बैनर छपवाने से बच रहे हैं। प्रिंटिंग प्रचार की जगह पर प्रत्याशी डिजिटल कैंपेनिंग पर भरोसा जता रहे हैं। यह वजह है कि बाजार में चुनाव प्रचार सामग्री तेजी से घटी है। लखनऊम में एमबी डिजिट गोमती नगर के रमेश ने बताया कि अब डिजिटल प्रचार ने चुनाव प्रचार का तरीका बदल दिया है। अब रील्स और डिजिटल पोस्टर का समय है।

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