मेनका ने किया नामांकन: वरुण की नामौजूदगी पर फिर उठा सवाल, मेनका ने ये दिया जवाब

Sultanpur News: नामांकन से पहले रोड शो में उमड़ी भारी भीड़, कैबिनेट मंत्री संजय निषाद और कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल के साथ स्थानीय विधायक रहे मौजूद।

Report :  Taaquweem Fatma
Update:2024-05-01 14:47 IST

Maneka gandhi filed nomination  (photo: social media )

Sultanpur News: सुल्तानपुर लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी मेनका गांधी ने आज लाव लश्कर के साथ कलेक्ट्रेट पहुंच कर नामाँकन किया। इस दौरान उनके साथ कैबिनेट मंत्री संजय निषाद, कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल के साथ स्थानीय विधायक मौजूद रहे।

इस दौरान मेनका गांधी ने कहा कि विकास उनकी प्रथमिकता होगी, आरक्षण के मुद्दे पर कहा कि फेक वीडियो वायरल किया जा रहा है आरक्षण को कोई भी बदल नहीं सकता है।

मेनका लगभग एक महीने से क्षेत्र में एक्टिव हैं, लेकिन वरुण गांधी की नामौजूदगी और लगातार सवाल उठते रहते हैं, आज भी जब उनसे नामाँकन में वरुण की नामौजूदगी पर ये सवाल किया गया कि आप एक अप्रैल से क्षेत्र में हैं और आज आपके नामाँकन में भी वरुण गांधी नहीं हैं। इस पर मेनका गांधी ने कहा कि वो पहले भी नहीं थे।

बहरहाल इस बार वरुण के टिकट कटने के बाद उसने राजनीतिक भविष्य को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं तो इस पर भी मेनका मुस्कुरा कर जवाब टालती दिखीं।

मेनका गांधी का जब विशाल रोड शो

नामांकन से पहले अयोध्या-प्रयागराज राष्ट्रीय राजमार्ग पर सांसद मेनका गांधी का जब विशाल रोड शो निकला तो यहां हजारों की संख्या में कार्यकर्ता हाथों में बीजेपी का झंडा लिए नारेबाजी कर रहे थे। कार्यकर्ताओं और पदाधिकारी में भारी उत्साह का माहौल देखा गया। मुख्य सड़क से लेकर लोगों के घरों तक से रोड शो देखने वालों का मजमा लगा रहा। जगह-जगह पुष्प वर्षा की गई और मेनका का काफिला कलेक्ट्रेट पहुंचा, जहां उन्होंने अपना नामांकन किया। उसके बाद दीवानी के निर्माणाधीन पार्किंग स्थल पर जनसभा में सभी पहुंचे। बता दें कि मेनका के रोड शो और रैली के लिए बाकायदा प्रधानों को जिम्मेदारी दी गई थी। दिल्ली से आई मेनका की टीम ने एक-एक प्रधान को फोन कर जहां रैली में आने का निमंत्रण दिया था तो वही भीड़ लेकर आने का आग्रह किया था। इस बीच मंत्री संजय निषाद और राज्यमंत्री राकेश निषाद को लाकर मेनका ने निषाद वोटों को साधने का पूरा प्रयास किया।

दरअसल 2019 के लोकसभा चुनाव में मेनका गांधी को मात्र 14 हजार वोटों से ही जीत मिली थी। जिसमें निषादों का बड़ा योगदान था। इस बार सपा से निषाद प्रत्याशी के रूप में पूर्व मंत्री राम भुआल निषाद के आने के बाद से मेनका को इन वोटरों के छटकने के डर के साथ अपना समीकरण गड़बड़ाने का भय सता रहा है।

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