Zebra death in Zoo: फेन्सिंग की बाड़ से ढाई वर्षीय मादा जेब्रा की मौत, अब बची इतनी संख्या

Zebra Death in Zoo: भोजन करने के पश्चात घूमते घूमते चैनलिंक से टकराने के कारण एक ढ़ाई वर्षीय मादा जेब्रा की मृत्यु हो गई। पोस्टमॉर्टम के बाद उसकी मौत का सच सामने आएगा।

Update:2023-04-11 18:55 IST
ढाई वर्षीय मादा ज़ेब्रा की वाजिद अली शाह प्राणी उध्यान में चैनललिंक से टकराव के बाद हुई मौत (फ़ोटो :सोशल मीडिया)

Zebra Death in Zoo: नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान में रविवार को एक ढ़ाई वर्षीय ज़ेब्रा की मौत हो गई। उसका पोस्टमॉर्टम प्राणी उद्यान के अस्पताल में ही आज किया जायेगा। इसके बाद प्राणी उद्यान में जेब्रा की संख्या कुल चार बाकी है। मादा जेब्रा अपनी बाड़े में बेहोश होकर गिर गई जिसके कारण उसकी मौत हो गई। चिड़ियाघर के निर्देशक वीके मिश्रा कहते हैं रविवार शाम जैसे ही कीपर ज़ेब्रा को भोजन देकर निकला वैसे ही दो जेब्रा अचानक तेज दौड़ने लगे। एक नर जेब्रा गोलाई से घूमकर अलग खड़ा हो गया लेकिन मादा घूम नहीं पाई और वह चैनलिंक से टकराकर गिर गई। इससे उसकी मौके पर मृत्यु हो गई।

वर्ष 2021 में इजराइल से भारत आए थे ज़ेब्रा

नवंबर 25 वर्ष 2021 को इजरायल के रामता गन सफारी से भारत में नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान लखनऊ ज़ेब्रा लाए गए थे। वर्ष 2021 से अब तक दो ज़ेब्रा की मौत हो चुकी है। वर्ष 2021 में इजरायल से आए पहले ज़ेब्रा की मृत्यु हुई थी। अलग पर्यावरण में गुज़ारा न कर पाने के कारण और इनके अनियमित व्यवहार के कारण मृत्यु हुई थी। वी के मिश्रा प्राणी उद्यान डायरेक्टर कहते हैं कि एनीमल एक्सचेंज के तहत दो जेब्रा को अशफाक उल्लाह खान गोरखपुर प्राणी उद्यान भेजा जाना था लेकिन इनके व्यवहार में बदलाव और नए पर्यावरण में ढलने के बाद ही गोरखपुर भेजा जाएगा। अब लखनऊ प्राणी उद्यान में शेष चार जेब्रा बाकी है।

पशु चिकित्सालय पहुँचाया गया था

बाड़े में दो ज़ेब्रा रखे गए हैं एक नर और एक मादा। ज़ेब्रा के लिए कुल दो बाड़े बनाये गए हैं। इस दौरान मादा जेब्रा की चेनलिंक से टकराने की वजह से मौत हो गई। टक्कर इतनी तेज थी कि वह वहीं पर गिर गई और तत्काल ही उसकी वहीं पर मृत्यु हो गई। उसके शव को बाहर निकालकर चिड़ियाघर में बने पशु चिकित्सालय पहुंचाया गया था, जहां पर सभी वरिष्ठ चिकित्सकों के पैनल ने उसका पोस्टमार्टम किया है। पोस्टमार्टम में मौत की वजह अभी साफ नहीं हो पाई है। अधिकारियों के अनुसार ज़ेब्रा स्वस्थ था और उसके बीमारी का कोई भी संकेत नहीं था। सहायक निर्देशक और मुख्य पशु चिकित्सक डॉ उत्कर्ष शुक्ला ने कहा "ज़ेब्रा को बचाने की हर सम्भव कोशिश की जा रही है लेकिन यह चिड़ियाघर के लिए एक दुर्भाग्यपूर्ण छति है। ज़ेब्रा की मौत के बाद अब दो नर और दो मादा ज़ेब्रा रह गए है। ज़ेब्रा अभी भी पूरी तरह भारत के परिवेश से अनुकूलित नहीं हुए है, इसलिए वह आसानी से उत्तेजित हो जाते है। शहर के चिड़ियाघर के अधिकारी विदेशी जानवर के अनियमित व्यवहार के पीछे के कारण का पता लगाने की कोशिश में लगे हुए हैं।"

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