Lucknow News: 69000 शिक्षक भर्ती मामले में अभ्यर्थियों ने बेसिक शिक्षा निदेशालय का किया घेराव

Lucknow News: अभ्यर्थियों ने उत्तर प्रदेश सरकार के ख़िलाफ़ जमकर कर की नारेबाज़ी की। इससे पहले बीते दिन यानी बुद्धवार को 69000 शिक्षक भर्ती के लिए चयनित 6800 कैंडिडेट ने नियुक्ति की मांग को लेकर बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के आवास का घेराव कर प्रदर्शन किया था।

Update:2023-03-16 20:29 IST
File Photo of candidate protest on basic education department (Pic: Ashutosh Tripathi)

Lucknow News: 69000 शिक्षक भर्ती के लिए चयनित उम्मीदवारों ने निशातगंज स्थित बेसिक शिक्षा निदेशालय का घेराव किया। अभ्यर्थियों ने उत्तर प्रदेश सरकार के ख़िलाफ़ जमकर कर की नारेबाज़ी की। इससे पहले बीते दिन यानी बुद्धवार को 69000 शिक्षक भर्ती के लिए चयनित 6800 कैंडिडेट ने नियुक्ति की मांग को लेकर बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के आवास का घेराव कर प्रदर्शन किया था। अभ्यर्थियों का हंगामा बढते देख उनके आवास पर पुलिस बुलाई गई थी। इन अभ्यर्थियों को पुलिस ने जबरन हिरासत में लेकर आलमबाग के इको गार्डन ले गई। प्रदेश भर के चयनित उम्मीदवारों की मांग है कि सरकार हाईकोर्ट की डबल बेंच में जाकर शिक्षक भर्ती मामले में ठीक से पैरवी करे।

आयोग ने जारी किया था आदेश

भर्ती में आरक्षण के नियमों का पालन नहीं किया गया। सरकार 13 दिन के भीतर स्पेशल अपील में जाये, जिससे पिछड़े दलित उम्मीदवारों को न्याय मिल सके, नहीं तो पिछडे दलित अभ्यर्थी सड़क पर संघर्ष करेंगे। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग और राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने 29 अप्रैल 2021 को आदेश दिया था कि आरक्षण नियमावली का पालन करने में हुई गलतियों को सुधारते हुए आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को नियुक्ति दिया जाए। आदेश के बाद कई महीने बीत जाने के बाद भी बेसिक शिक्षा परिषद ने आयोग की रिपोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया। नियुक्ति न मिलने से वंचित अभ्यर्थियों ने लंबे समय तक सड़क पर संघर्ष किया।

समाजवादी पार्टी अध्यक्ष ने कसा तंज

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार पर तंज कसा। उन्होंने बीते दिन कहा कि 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में आया फ़ैसला, आरक्षण की मूल भावना की विरोधी भाजपा सरकार की ढीली पैरवी का नतीजा है। भाजपा दलित-पिछड़ों का हक़ मारने के लिए आरक्षण को विधायी माया जाल में फंसाती है। जातीय जनगणना ही इस समस्या का सही समाधान है जिससे कि जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण हो सके।

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