MP Assembly Election 2023: दोबारा चुनाव लड़ रहे 50 प्रतिशत विधायकों की दौलत बढ़ी, जानें कितनी बढ़ी किसकी संपत्ति

MP Assembly Election 2023: 2018 और 2023 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों के बीच दूसरी बार चुनाव लड़ रहे 192 विधायक ऐसे हैं जिनकी औसत संपत्ति वृद्धि 5.90 करोड़ रुपये रही है। 2018 में इन विधायकों की औसत संपत्ति 11.91 करोड़ रुपये थी, जो अब 2023 में बढ़कर 17.81 करोड़ हो गई है।

Update:2023-11-13 17:49 IST

ADR Report (Pic: Newstrack)

MP Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। चुनाव के लिए प्रचार जोरों पर है। यहां मुख्य रूप से मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस में है। 15 नवंबर को प्रचार थम जाएगा। इससे पहले अंतिम दिनों में नेताओं के ताबड़तोड़ चुनावी रैली और कार्यक्रम हो रहे हैं। वहीं इस बीच, एडीआर और मध्य प्रदेश इलेक्शन वॉच ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में फिर से चुनाव लड़ने वाले 192 विधायकों के हलफनामों का विश्लेषण किया।

आइये यहां जानते हैं कि एडीआर की रिपोर्ट से क्या-क्या जानकरियां सामने आई हैं...

2023 के विधानसभा चुनाव में दोबारा चुनाव लड़ रहे 192 विधायकों में से 180 यानी 94 प्रतिशत विधायकों की संपत्ति में एक फीसदी से लेकर 1982 फीसदी तक का इजाफा हुआ है। वहीं 12 विधायक यानी छह फीसदी ऐसे भी हैं जिनकी संपत्ति कम हुई है। 12 विधायकों की दौलत में एक फीसदी से लेकर 64 फीसदी तक की कमी आई है।

औसतन 50 प्रतिशत बढ़ी संपत्ति

2018 में निर्दलीय सहित विभिन्न दलों द्वारा मैदान में उतारे गए इन 192 विधायकों की औसत संपत्ति 11.91 करोड़ रुपये थी। अब 2023 के चुनावों में इन विधायकों की औसत संपत्ति 17.81 करोड़ हो गई है। रिपोर्ट के अनुसार, 2018 और 2023 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों के बीच इन विधायकों की औसत संपत्ति वृद्धि 5.90 करोड़ रुपये यानी 50 फीसदी रही है।


इन पांच की दौलत में सबसे ज्यादा इजाफा

रतलाम शहर विधानसभा सीट से भाजपा के चैतन्य कश्यप की संपत्ति में सबसे ज्यादा वृद्धि दर्ज की गई है। 2018 में उनकी संपत्ति 204.63 करोड़ रुपये थी जो 2023 में बढ़कर 296.08 करोड़ रुपए हो गई। इस मामले में दूसरे स्थान पर तेंदूखेड़ा सीट से कांग्रेस के संजय शर्मा हैं। संजय की संपत्ति 2018 में 130.97 करोड़ रुपये से बढ़कर 212.52 करोड़ रुपये हो गई है।

इस सूची में तीसरे नंबर पर इंदौर-1 निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस के संजय शुक्ला हैं। शुक्ला की संपत्ति 2018 में 139.93 करोड़ थी जो अब बढ़कर 217.41 करोड़ रुपये हो गई। चैथा नंबर कांग्रेस के विशाल पटेल का है। 2018 में देपालपुर विधायक की संपत्ति 69 करोड़ थी जो अब 141 करोड़ हो गई है। सबसे ज्यादा संपत्ति बढ़ने के मामले में शिवपुरी सीट से कांग्रेस के केपी सिंह (कक्का जू) पांचवें स्थान पर हैं। 2018 में केपी सिंह की दौलत 73 करोड़ थी जो बढ़कर 140 करोड़ रुपए हो गई है।

भाजपा के विधायक सबसे ज्यादा अमीर हुए

अगर पार्टी-वार देखें तो 2018 के विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा के 100 विधायकों की औसत संपत्ति 11 करोड़ थी जो बढ़कर 15 करोड़ हो गई है। कांग्रेस के 88 विधायकों की औसत संपत्ति 12 करोड़ करोड़ से बढ़कर 22 करोड़ पहुंच गई। दोबारा चुनाव लड़ रहे बसपा के दो विधायकों की औसत संपत्ति 2018 में चार करोड़ थी। जो अब बढ़कर सात करोड़ रुपए हो गई है।

एक निर्दलीय विधायक की संपत्ति पिछले चुनाव में सात करोड़ थी, जो इस चुनाव में 22 करोड़ हो गई। इसके अलावा विंध्य जनता पार्टी के एक विधायक की संपत्ति 2018 में 89 लाख थी जो 2023 में घटकर 86 लाख हो गई।

और इन विधायकों की घट गई दौलत

एक ओर जहां कई विधायकों की संपत्ति में कई गुना इजाफा हुआ है तो कुछ ऐसे भी विधायक हैं जिनकी दौलत बीते पांच वर्षों में घट गई। इसमें पहला स्थान देवास सीट से भाजपा की गायत्री राजे पवार का है। 2018 में उनकी संपत्ति 27 करोड़ थी जो इस समय घटकर 17 करोड़ रह गई है। इसके बाद रीवा शहरी सीट से भाजपा के राजेंद्र शुक्ला का नाम है। पिछले चुनाव में उनकी दौलत 32 करोड़ थी जो अब कम होकर 30 करोड़ रुपए पर आ गई। इस सूची में तीसरा नाम बड़वाह सीट से भाजपा के सचिन बिड़ला का है। पिछले चुनाव में उनकी दौलत चार करोड़ थी जो अब घटकर तीन करोड़ रह गई है। सबलगढ़ सीट से कांग्रेस के बैजनाथ कुशवाह के पास 1.14 करोड़ की संपत्ति थी जो अब कम होकर 41 लाख पर आ गई। इस मामले में पांचवां स्थान इछवार सीट से भाजपा के करण सिंह वर्मा का है। 2018 में उनकी संपत्ति 3.81 करोड़ थी जो घटकर इस समय 3.24 करोड़ रह गई।

बहुत कम ही विधायक हैं जिनकी संपत्ति पांच साल में घटी है नहीं तो अधिकतर विधायकों की संपत्ति पांच साल में बढ़ी ही है।

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