बेटी की लाश को खाट पर 25 किमी तक ढोने को मजबूर हुआ गरीब बाप

एमपी में एक मजबूर पिता को अपनी बेटी का शव खाट पर लेकर 25 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ा। इस पर पुलिस ने सफाई दी है।

Newstrack Network :  Network
Published By :  Suman Mishra | Astrologer
Update:2021-05-10 08:56 IST

शव को खाट पर ले जाते परिजन की तस्वीर (साभार-सोशल मीडिया)

सिंगरौली: देशभर में कोरोना ( Corona) का कहर बरप रहा है तो वहीं इंसानियत भी खत्म होती जा रही है। आज के विकट हालात में सबको अपनी पड़ी है। बहुत कम लोग सहयोगात्मक रवैया अपना रहे हैं। एक ऐसा ही मामला जिसमें सिस्टम की लापरवाही का हर्जाना एक बेबस पिता के भुगतना पड़ा।

बेबस पिता की एक दिल को झकझोर देने वाली तस्वीर मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सिंगरौली (Singrauli) जिले से सामने आई है। यहां एक मजबूर पिता को अपनी बेटी का शव खाट पर लेकर 25 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ा। इस पूरी घटना के सामने आते ही प्रशासन के पैरों तले जमीन खिसक गई है। पुलिस सफाई देने में व्यस्त है। इस मामले पर एमपी पुलिस (MP Police) का कहना है कि मृतका के शव को ले जाने के लिए पुलिस द्वारा वाहन की व्यवस्था कराई थी।

शव ले जाते पिता की तस्वीर (साभार-सोशल मीडिया)

जानिए पूरा मामला

यह मामला सिंगरौली के निवास पुलिस चौकी अंतर्गत गड़ई गांव का है। गड़ई गांव के रहने वाले धिरुपति की 16 वर्षीय बेटी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। जिसके बाद परिजनों ने पुलिस को इस पूरी घटना की सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए शव को समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजने का फैसला किया,लेकिन जब पीड़ित को लंबे इंतजार के बाद भी शव को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिली तो मजबूर पिता को खाट पर ही बेटी का शव ले जाना पड़ा।

मृतका के पिता धिरपति का कहना है कि पुलिस-प्रशासन से मदद के लिए गुहार लगाने के बाद भी जब मदद नहीं मिली और एंबुलेस नहीं आया तो हम किसी तरह शव को पोस्टमार्टम के लिए ले गए।

 तस्वीर (साभार-सोशल मीडिया)

 जांच के दिए गए निर्देश

सिंगरौली पुलिस अधीक्षक का कहना कि संज्ञान में यह मामला अभी आया है। ऐसा नहीं होना चाहिए था, मामले की जांच के निर्देश दे दिए हैं। जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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