MP News: 72 घंटे की भू समाधि से बाहर निकलेंगे बाबा पुरुषोत्तमानंद

MP News: बाबा पुरुषोत्तमानंद सात फीट गहरे, चार फीट चौड़े और छह फीट लंबे गड्ढे में समाधि लिए हुए हैं। बाबा के भू समाधि लेने की खबर मिलते ही बड़ी संख्या में उनके श्रद्धालु दर्शनों के लिए पहुंचे।

Update:2022-10-03 12:38 IST

MP News Baba Purushottamand will come out of amadhi (Social Media)

MP News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के तात्याटोपे नगर में बाबा पुरुषोत्तमानंद ने 30 सितंबर को 72 घंटे की भू समाधि ली थी। उन्होंने दावा किया कि वो सोमवार शाम 4 बजे अपनी समाधि से बाहर निकलेंगे। इसके लिए पुलिस ने सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किए हैं। बाबा पुरुषोत्तमानंद सात फीट गहरे, चार फीट चौड़े और छह फीट लंबे गड्ढे में समाधि लिए हुए हैं। बाबा के भू समाधि लेने की खबर मिलते ही बड़ी संख्या में उनके श्रद्धालु दर्शनों के लिए पहुंचे।

बाबा के घर पर पुलिस तैनात है। पुलिस प्रशासन ने बाबा को भू समाधि की इजाजत नहीं दी थी। लेकिन बाद में शपथ पत्र पर लिखवाने के बाद बाब ने 30 सितंबर को बाबा गड्ढे में उतर गए थे। बाबा के परिजन का दावा है कि बाबा देवी भक्त हैं और लोगों को चमत्कार दिखाने के लिए समाधि ली है। बाबा के हठयोग ने एक तरफ लोगों की उत्सुकता बढ़ा दी, तो वहीं पुलिस प्रशासन को परेशान कर दिया था।

भोपाल के तात्याटोपे नगर में रहने वाले अशोक सोनी उर्फ पुरुषोत्तमानंद महाराज माता मंदिर के पास मां भद्रकाली विजयासन दरबार के संस्थापक हैं। उनके बेटे मित्रेश कुमार के मुताबिक बाबा ने समाधि के लिए 10 दिन पहले से अन्न त्याग दिया था और सिर्फ जूस ले रहे थे। अब वे सोमवार सुबह 10 बजे समाधि से बाहर निकलेंगे।

पुरुषोत्तमानंद महाराज का कहना था कि विश्व कल्याण और भगवान के निकट आने के लिए उन्हें भूमिगत का समाधि लेनी है। उनका कहना था कि समाधि के दौरान साधक और भगवान एक दूसरे के निकट होते हैं। इस दौरान मनुष्य का शरीर अपने आराध्य के साथ पूरी तरह से जुड़ जाता है।

साधक और भगवान में इसके बाद बिल्कुल भी दूरी नहीं रह जाती है। जनकल्याण के लिए महात्माओं का इस प्रकार की समाधि लेनी पड़ती है। उनका दावा है कि इससे पहले वह जल समाधि ले चुके हैं। इस दौरान वो 12 घंटे तक पानी में रहे थे।

पुरुषोत्तमानंद महाराज इससे पहले 1985 में अग्नि स्नान भी कर चुके हैं। उन्होंने भोपाल के सोमवारा चौक पर अपने शरीर पर पेट्रोल डालकर आग लगा ली थी। उनका दावा है कि तब वे करीब 80 फीसदी जले थे, लेकिन उनके शरीर पर आज जलने का एक भी निशान नहीं है। अब प्रशासन और उनके भक्तों की नजरें इस बात पर लगी हैं कि बाबा समाधि से बाहर कैसे आते हैं।

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