MP News: सांसद प्रज्ञा की ग्रामीणों ने लगाई क्लास, गांव की बहू-बेटियों को लेकर दिया था विवादित बयान

MP News: बंगरसिया ग्राम पंचायत के सचिव जगदीश विश्वकर्मा ने सांसद प्रज्ञा ठाकुर के बयान का खंडन किया है।

Newstrack :  Network
Update: 2022-09-23 05:27 GMT

सांसद प्रज्ञा ठाकुर (photo: social media ) 

MP News: साध्वी प्राची का विवादों से नाता रहा है। एक बार फिर अपने बयानों की वज़ह से घिर गई हैं। उन्होंने हफ्तेभर पहले ही बेटियो को लेकर एक बयान दिया था। उसके बाद ग्रामीणों ने उनकी क्लास लगा दी। "हम गरीब लोग हैं। मजदूरी करते हैं और मेहनत की रोटी खाते हैं। बहु-बेटियों को नीलाम नहीं करते हैं। भाजपा सांसद हमारी मदद नहीं कर सकती तो इस तरह कीचड़ तो न हीं उछालें।" यह कहना है राजधानी भोपाल के समीप स्थित बंगरसिया के ग्रामीणों की जिसे सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने गोद लिया है।

गौरतलब है कि बीते हफ्ते सांसद प्रज्ञा ठाकुर व्यापारियों के संगठन 'भारतीय उद्योग व्यापार मंडल मध्य प्रदेश' के कार्यक्रम में शामिल हुईं थीं। यहां उन्होंने अपने गांव लिए गांवों के लोगों की गरीबी का जिक्र करते हुए कहा कि वहां लोगों के पास खाने को भी नहीं है। वे कच्ची शराब बनाते हैं। जब उन्हें पुलिस पकड़ती है तो छुड़ाने के अपनी मासूम बेटियों को बेचते हैं।

बंगरसिया ग्राम पंचायत के सचिव जगदीश विश्वकर्मा ने सांसद प्रज्ञा ठाकुर के बयान का खंडन किया है। उन्होंने बताया कि यहां 1133 परिवार निवास करते हैं। यहां की कुल आबादी 5444 है। किसान, नौकरी पेशा और मजदूर हर वर्ग के लोग रहते हैं। वे स्वयं की मेहनत से परिवार को पालते हैं। गांव में शराब बनाने और बेटियों को बेचने जैसा कोई भी मामला अब तक सामने नहीं आया है।

बंगरसिया ग्राम पंचायत के सरपंच रतन सिंह का कहना है कि गांव में संपन्न और गरीब सभी तरह के लोग हैं। जो मजदूर हैं वह मेहनत कर अपना गुजारा करते हैं। मैं सरपंच हाल में बना हूं लेकिन रह शुरू से रहा हूं। यहां बच्ची बेचने और शराब बनाने जैसा कोई काम नहीं होता है। कोई बच्चियों को बेचकर पुलिस को रिश्वत नहीं देता। सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने यह बयान क्यों दिया इसका जबाव तो वही देंगी।

प्रज्ञा ठाकुर के इस बयान पर कांग्रेस भी हमलावर

प्रज्ञा ठाकुर के इस बयान पर कांग्रेस भी हमलावर है। कांग्रेस मीडिया विभाग की उपाध्यक्ष संगीता शर्मा ने कहा कि, 'गांव के अपमान को लेकर भोपाल सांसद प्रज्ञा ठाकुर माफी मांगे या बताएं कि बेटियां कहां बेची जा रहीं हैं? वह स्पष्ट करें कि मासूम बेटियों के खरीददार कौन हैं? जिस गोद लिए गांव में सांसद आज तक नहीं पहुंची, उस गांव को सार्वजनिक मंच से बदनाम क्यों कर रही हैं?' उन्होंने प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

ग्रामीण महिलाओं का कहना है कि, 'प्रज्ञा ठाकुर ने सिर्फ कागजों पर गांव को गोद लिया है। वह आजतक कभी हमसे मिलने भी नहीं आई हैं। रात होते ही पूरा गांव अंधेरे में डूब जाता है। स्ट्रीट लाइट तक नहीं है।पानी की समस्या आज भी बरकरार है। सांसद ने गांव को भले ही गोद लिया हो, लेकिन हालात नहीं बदले हैं।' गांव के एक बुजुर्ग व्यक्ति ने सांसद के बयान पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि, 'हम गरीब लोग हैं। मजदूरी करते हैं और मेहनत की रोटी खाते हैं। बहु-बेटियों को नीलाम नहीं करते हैं। भाजपा सांसद हमारी मदद नहीं कर सकती तो इस तरह कीचड़ तो न हीं उछालें।'

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