MP News: 3000 देकर दबंगों ने लिखा ली आठ एकड़ जमीन, किसान दर-दर भटकने को मजबूर

MP News: किसान को कर्ज लेने की जरूरत पड़ी तो दादूराम यादव ने भूमि विकास बैंक के मैनेजर सत्यदेव मिश्रा ने लोन के दस्तावेज बताकर 8 एकड़ भूमि को 3000 की फर्जी रजिस्ट्री में साइन करा लिया था।

Update: 2022-12-11 12:03 GMT

 Force to write eight acres of land in MP (Pic: Social Media)

MP News: मैहर में मामला देहात क्षेत्र के ग्राम देवरा का है जहां का पुश्तैनी निवासी है दादूराम यादव जिनके पूर्वजों की बनाई गई भूमि पर वह कई वर्षों से खेती कास्तकारी करते आ रहे हैं। किसान को कर्ज लेने की जरूरत पड़ी तो दादूराम यादव ने भूमि विकास बैंक के मैनेजर सत्यदेव मिश्रा ने लोन के दस्तावेज बताकर 8 एकड़ भूमि को 3000 की फर्जी रजिस्ट्री में साइन करा लिया था। अनपढ़ किसान मैनेजर के भरोसे रहा किसी से दस्तावेजों की पुष्टि भी नहीं कराई। किसान परिवार को कई सालो बाद पता चला कि जिस पुश्तैनी जमीन को वह अपनी समझकर खेती कर रहे हैं। वह दरअसल में फर्जी दस्तावेज से किसी और के नाम हो गई है। जिससे कृषक परिवार के पैरों तले जमीन खिसक गई। पटवारी से पूछताछ करने पर बताया गया कि उनकी यह जमीन भूमि विकास बैंक के मैनेजर सत्यदेव मिश्रा के पुत्र आनंद कुमार मिश्रा के नाम है।

जिसके बाद पीडि़त कृषक दादूराम यादव देवरा स्थित पैतृक आराजी नंबर 966/4ख रखवा 3.344 हेक्टेयर का व्यवहार न्यायाधीश एक मैहर के समक्ष सिविल वाद दायर किया था। कई मुकदमा हारने के बाद बैंक मैनेजर सत्यदेव मिश्रा ने उक्त आराजी को सचिव पद्मेश पांडे पिता वी के पांडे जो वर्तमान में घुनवारा सचिव है के नाम करा दिया जोकि ए निवासी तिलोरा है।

वह दादूराम यादव को आए दिन परेशान करने लगा। पद्मेश पांडे का पिता बी के पांडे मैहर में वकालत करता है। जिसका कैरेक्टर इसके गांव से ही पता चलता है। की ये अपने परिवार के सगे भाइयों की संपत्ति (जमीन) को जबरन अपने बेटे सचिव पद्मेश पांडे के नाम करा चुका है जिसका परिवार भी इन दोनों से परेशान हैं। यह अपने पैसे की बदौलत कहीं भी कुछ भी करा सकता है।

किसान को नहीं मिला सही न्याय

कुछ वर्ष पूर्व में देवरा पहुंचकर गरीब किसान की आराजी को कब्जे पर लेने के लिए प्रशासन को साथ लेकर गया था। गांव वालों ने किसान का साथ दिया था और साथ देते चले आए हैं। अभी वर्तमान में भी दादूराम यादव का कब्जा है। तत्पश्चात सचिव पद्मेश पांडे ने मुकदमा कायम कराया और अपने पैसे के बदौलत और बाप के वकील होने से अन्याय को न्याय में तब्दील कराता गया है। किसान अपील पर अपील करता चला गया है। जिस पर किसान को सही न्याय नहीं मिल पाया। सचिव पद्मेश पांडे व बीके पांडे अब जबरन आए दिन खरीदारों को लेकर जाता है और गाली गलौज करता है जिसका ज्ञापन किसान द्वारा जिला कलेक्ट्रेट, पुलिस अधीक्षक सतना,और मैहर एसडीओपी के यहां ज्ञापन सौंपकर मामले में कार्रवाई किए जाने और जमीन वापस लौटाए जाने की मांग की गई।

किसान का आरोप था कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उसकी जमीन का हस्तांतरण कराया गया है। पीड़ित कृषक परिवार ने मामले की सूक्ष्मता से जांच कर उसकी भूमि राजस्व रिकार्ड में यथावत किए जाने सहित दोषियों पर दंडात्मक कार्रवाई किए जाने की मांग की है। लेकिन महीने भर पहले दिये गए ज्ञापन का प्रशासन द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया। पीडि़त परिवार का कहना था कि यदि जमीन उन्हें वापस नहीं लौटाई जाती है तो पूरा परिवार आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो जाएगा। 

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