MP Politics: भाजपा महिलाओं को देगी 1000 तो कांग्रेस ने किया 1500 देने का वादा, जानिए कैसे मचा है सियासी घमासान
MP Politics: भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ‘लाडली बहना’ योजना के तहत महिलाओं 1000 रूपए का लाभ देने का वादा कर रहे हैं। अब कांग्रेस ने इसके पलटवार में 1500 रूपए के अलावा गैस और बिजली के दामों में गिरावट का वादा कर दिया है। इससे सूबे में कांग्रेस नेता कमलनाथ का सियासी कद बढ़ने को लेकर तमाम चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
Rewa News: मध्यप्रदेश में धीरे-धीरे चुनावी तैयारियां प्रारंभ हो गई हैं। सियासत परवान चढ़ रही है। सूबे की भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ‘लाडली बहना’ योजना के तहत महिलाओं 1000 रूपए का लाभ देने का वादा कर रहे हैं। अब कांग्रेस ने इसके पलटवार में 1500 रूपए के अलावा गैस और बिजली के दामों में गिरावट का वादा कर दिया है। इससे सूबे में कांग्रेस नेता कमलनाथ का सियासी कद बढ़ने को लेकर तमाम चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
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प्रधानमंत्री के आने से बदलेगी सियासी तस्वीर
विधानसभा चुनावों को लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों राजनीतिक पार्टियां चुनावी बिसात बिछाने में जुट गई हैं। भारतीय जनता पार्टी 24 अप्रैल को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मध्य प्रदेश में एक बार फिर से ला रही है। अभी कुछ दिन पूर्व ही प्रधानमंत्री भोपाल आए थे। वंदे भारत सहित कई सौगातें दी थी। अब एक बार वह फिर मध्य प्रदेश के रीवा पहुंच रहे हैं। पंचायती राज का नारा है, जबकि कहा जा रहा है कि इसके बहाने वोट बैंक को साधने की कवायद है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महिलाओं के खाते में ₹1000 डालने की बात कहकर पूरे प्रदेश की महिलाओं को जाने अनजाने सक्रिय कर दिया है।
महिलाओं के वोटों पर दलों की खास नजर
सूबे में महिलाओं को सहायता राशि देने के ऐलान के बाद से महिलाएं इन दिनों केवाईसी समग्र आईडी फार्म की ही बात करती नजर आ रही हैं। महिलाओं के बीच में ₹1000 मिलने का उत्साह साफ तौर से नजर आ रहा है। लेकिन दूसरी ओर कांग्रेस ने 15 सौ रुपए देने की बात कहकर इस मुद्दे को खत्म करने की तरफ एक कदम बढ़ा दिया है। साथ ही इसमें गैस सिलेंडर भी जोड़ दिया है। उसका कहना है वह 500 में गैस सिलेंडर देगी। इसके अलावा 300 यूनिट बिजली 300 में देने की बात कही गई है।
किसानों की कर्जमाफी है बड़ा मुद्दा
महिलाओं के अलावा राज्य कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम और बचे हुए किसानों की कर्ज माफी करना राजनीतिक दलों के बीच बड़े सियासी मुद्दे हैं। कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इससे पूर्व ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस से बगावत कर बैठे थे अन्यथा भाजपा सत्ता से बाहर हो गई होती। इस बार देखना है कि जनता मोदी-शिवराज के वादों को सुनती है या फिर कमलनाथ-राहुल की बात को मानती है।