Dhar Bhojshala: ज्ञानवापी की तर्ज पर अब धार भोजशाला का होगा ASI Survey, MP हाईकोर्ट का आदेश
Dhar Bhojshala ASI Survey: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने आज आदेश दिया। कोर्ट ने 6 हफ्ते में सर्वे रिपोर्ट सौंपने को कहा है।
Dhar Bhojshala ASI Survey: वाराणसी ज्ञानवापी मामले की तर्ज पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच (MP High Court Indore Bench) ने धार भोजशाला (Dhar Bhojshala News) का सर्वे कराने के आदेश दिए हैं। इस मुद्दे पर सुनवाई के बाद सोमवार (11 मार्च) को अदालत ने आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) को पांच एक्सपर्ट टीम बनाने को कहा है। साथ ही, 6 हफ्ते में इस टीम को अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी।
आपको बता दें, अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन (Advocate Vishnu Shankar Jain) ने मामले को लेकर ट्वीट किया। उन्होंने आदेश की कॉपी के साथ लिखा, 'मध्य प्रदेश में भोजशाला/धार के ASI सर्वे के लिए मेरे अनुरोध को इंदौर हाईकोर्ट ने अनुमति दे दी है।
हिन्दू पक्ष ने ASI सर्वे की मांग
गौरतलब है कि, हिंदू पक्ष की ओर से धार भोजशाला पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने की मांग की गई थी। इंदौर हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। हिंदू पक्ष ने यहां होने वाली नमाज पर भी रोक लगाने की मांग की थी। आपको बता दें, धार भोजशाला भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा संरक्षित स्मारक है। इसका नाम राजा भोज पर रखा गया था।
जानें क्या है भोजशाला विवाद?
मध्य प्रदेश के धार स्थित भोजशाला तत्कालीन राजा भोज ने बनवाई थी। जिला प्रशासन की वेबसाइट के मुताबिक, 'यह एक विश्वविद्यालय थी। इसमें वाग्देवी (Vagdevi) की प्रतिमा स्थापित की गई थी। मुस्लिम शासक ने इसे बाद में मस्जिद में तब्दील कर दिया। इसके अवशेष प्रसिद्ध मौलाना कमालुद्दीन मस्जिद में भी देखे जा सकते हैं। यह मस्जिद भोजशाला के परिसर में स्थित है। वहीं, देवी की प्रतिमा लंदन के म्यूजियम में रखी गई है।
हिंदू-मुस्लिम दोनों पक्षों को परमिशन
भोजशाला में हर शुक्रवार मुस्लिम पक्ष को नमाज पढ़ने के लिए दोपहर 1 से 3 बजे तक प्रवेश दिया जाता है। वहीं, मंगलवार को हिंदू पक्ष को पूजा-अर्चना करने की अनुमति है। दोनों पक्षों को इसके लिए नि:शुल्क प्रवेश दिया जाता है। शेष दिनों में एक रुपए का टिकट लगता है। इसके अतिरिक्त, वसंत पंचमी पर मां सरस्वती की पूजा के लिए हिंदू पक्ष को पूरे दिन पूजा और हवन करने की अनुमति प्राप्त है।
सर्वे की वीडियोग्राफी के आदेश
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने पूरे सर्वे की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी करने के लिए कहा है। अदालत ने कहा है कि, GPR-GPS तरीके से इस वैज्ञानिक सर्वे को कराया जाए।