Transgender Marriage: भारत में पहली बार हुआ ऐसा, इंदौर में महिला से पुरुष बने युवक ने रचाई शादी, बहन की सहेली को बनाया अपना हमसफर

Transgender Marriage: सुप्रीम कोर्ट की ओर से ट्रांसजेंडर विवाह को कानूनी मान्यता देने के बाद मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में पहली बार स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत शादी हुई है। यहां महिला से पुरुष बने युवक ने अपनी शादी रचाई है।

Written By :  Ashish Kumar Pandey
Update:2023-12-08 14:59 IST

Indore Transgender Marriage   (photo: social media)

Transgender Marriage: देश में पहली बार ऐसा मामला सामने आया जिसमें महिला से पुरुष बने युवक ने युवती से विवाह किया है। यह मामला मध्य प्रदेश के इंदौर का है। अक्टूबर महीने में सुप्रीम कोर्ट द्वारा देश में ट्रांसजेंडर विवाह को कानूनी मान्यता दी गई थी। इसके बाद इंदौर में गुरुवार को महिला से पुरुष बने युवक ने स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत युवती से कोर्ट में शादी की। यह शादी अलका से अस्तित्व बने युवक ने युवती आस्था से रचाई है।

दोनों परिवारों के 25 लोग हुए शामिल

बता दें कि यह शादी कोर्ट मैरिज के तहत हुई। कोर्ट मैरिज में दोनों परिवारों के 25 लोग शामिल हुए। बीते साल अलका ने अपने 47वें जन्मदिन पर सर्जरी करवाकर अपना जेंडर स्त्री से पुरुष करवा लिया था। यहीं नहीं इसके बाद उसने अपना नाम भी बदलकर अस्तित्व कर लिया।

बहन की सहेली से किया विवाह

अस्तित्व ने आस्था से विवाह किया है। आस्था उसकी बहन की सहेली है। आस्था को शुरू से ही इस बदलाव की जानकारी थी। उसे अलका के अस्तित्व बनने की पूरी प्रक्रिया के बारे में बताया गया था। वहीं इस मामले में आस्था का कहना था कि हमने बहुत विचार करने के बाद विवाह करने का निर्णय लिया। दोनों परिवारों को भी इस विवाह से किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं थी। इसके बाद दोनों ने अपर कलेक्टर रोशन राय को अपनी स्थिति को समझाते हुए विवाह का आवेदन दिया।

क्या है स्पेशल मैरिज एक्ट?

आइए यहां जानते हैं कि स्पेशल मैरिज एक्ट है क्या? स्पेशल मैरिज एक्ट सभी धर्मों पर लागू होता है। इस कानून के तहत शादी रजिस्टर करवाने के लिए धर्म बदलने की जरूरत नहीं होता है, फिर चाहे वो हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध या किसी भी धर्म का क्यों न हो। इस कानून के जरिए भारत के हर नागरिक को ये संवैधानिक अधिकार दिया गया है कि वो जिस धर्म या जाति में चाहे, वहां शादी कर सकता है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ट्रांसजेंडर की शादियों का मामला विषमलैंगिक संबंध की प्रकृति का है और इसे भी कानूनी मान्यता दी जानी चाहिए।

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