MP News: विंध्य का सबसे बड़ा अस्प्ताल बना दलालों का अड्डा, अस्पताल पहुंचा भोपाल से चार सदस्यीय जांच दल

Rewa News: विंध्य के सबसे बड़े संजय गांधी और गांधी मेमोरियल अस्पताल में भर्ती मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में पहुंचाने का कार्य लंबे समय से किया जा रहा है। यह सब जानने बाद भी जिम्मेदार अस्पताल प्रबंधन कुंभकरण की नींद सो रहा है।

Update: 2023-02-14 02:40 GMT

अस्पताल पहुंचा जांच दल (न्यूज़ नेटवर्क)

Rewa News: रीवा विंध्य के सबसे बड़े संजय गांधी व गांधी मेमोरियल अस्पताल में भर्ती मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों एवं नर्सिंग होम में पहुंचाने का कार्य लंबे समय से किया जा रहा है, बावजूद इसके जिम्मेदार अस्पताल प्रबंधन कुंभकरण की नींद सो रहा है, अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों को नर्सिंग होम तक पहुंचाया जाता है इसके बाद फिर शुरू होता है, लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़, और बिजनेस का खेल रीवा में अधिकतर प्राइवेट अस्पताल व नर्सिंग होम संचालक सिर्फ और सिर्फ दुकानदारी करते और खुलेआम मरीजो एवं उनके परिजनों की जेब में डाका डाल रहे हैं।

अस्पताल सूत्रों की माने तो संजय गांधी अस्पताल में पदस्थ कुछ ऐसे चिकित्सक भी हैं, जो दुकानदारी चलाने के लिए नर्सिंग होम खोल रखे हैं, ऐसे ही लोग अस्पताल के छोटे कर्मचारियों से दलाली करवातें हैं, और इसके एवज में उन्हें मोटी दलाली दी जाती है, संजय गांधी अस्पताल में भर्ती एक मरीज को नर्सिंग होम पहुंचाने के एवज में नर्सिंग होम संचालक दलालों को, 3000, से 5000, रुपये बतौर कमीशन दिया जाता हैं, इसी लालच के चलते अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीज व उसके परिजन को अस्पताल के वार्ड बॉय से लेकर सुरक्षाकर्मी, सफाई कर्मी, एंबुलेंस चालक, एवं नर्स तथा कुछ चिकित्सक भी इस कार्य में संलिप्त हैं जो छोटे कर्मचारियों के माध्यम से मरीजों को प्राइवेट अस्पताल पहुंचाने का कार्य करते हैं, और मोटी आमदनी कर रहे हैं।

विधानसभा अध्यक्ष की शिकायत के बाद संजय गांधी अस्पताल की बिगड़ी व्यवस्थाओं का जायजा लेने भोपाल से चार सदस्यीय दल रीवा पहुंचा जिसके द्वारा अस्पताल की विभिन्न व्यवस्थाओं का बारीकी से निरीक्षण किया गया, चिकित्सा शिक्षा विभाग की 4 सदस्ययीय टीम में अपर सचिव सुरभि गुप्ता, उप सचिव केके दुबे, स्वास्थ्य विभाग डीएमई जितेंद्र शुक्ला समेत भोपाल में पदस्थ गायनी विभाग के प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष अरुणा कुमार 2 दिन के प्रवास पर रीवा में है, पहले जांच दल द्वारा गायनी विभाग की जांच की गई इस दौरान अस्पताल की अव्यवस्थाओं को लेकर जांच टीम ने अस्पताल प्रबंधन को जमकर फटकार भी लगाई है।

हालांकि जिस गायनी विभाग की शिकायत की गई है उसी गायनी विभाग में सबसे अधिक मरीज भर्ती होते हैं, और उनका इलाज होता है, ऐसी स्थिति में भी वहां तैनात चिकित्सक कम संसाधन में भी गर्भवती महिलाओं की जान बचाने कि दिशा में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जाती हैं, जब कि इतना बड़ा अस्पताल संसाधन व कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है, इस दिशा में भी जिम्मेदारों को कदम उठाने की जरूरत है, लेकिन इधर किसी की नजर ही नहीं जा रही है, और अस्पताल में जितनी भी अव्यवस्थाएं व कमियां देखने को मिल रही हैं, वह सब अस्पताल में सक्रिय दलालों व पैसे के लालची कुछ चिकित्सकों की वजह से हो रहा है, जिसकी वजह से आम व गरीब जनता लूटने को मजबूर है, संजय गांधी अस्पताल का निरीक्षण करने रीवा पहुंचे 4 सदस्य टीम द्वारा अस्पताल की व्यवस्थाओं का जायजा लेते हुए जिम्मेदारों को जमकर फटकार लगाई गई है, अब देखना यह होगा ने आगे अस्पताल प्रबंधन पर किस तरह की कार्यवाही होती है, कार्यवाही होती है या फिर पूर्व की तरह इस मामले को भी रफा-दफा कर लिया जाता है।

निरीक्षण के पहले दिन गायनी विभाग का बारीकी से निरीक्षण किया गया इसके पश्चात दूसरे दिन संजय गांधी अस्पताल, एवं गांधी मेमोरियल के साथ-साथ सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल की भी व्यवस्थाओं का बारीकी से निरीक्षण किया जाएगा, पहले दिन निरीक्षण के दौरान पाई गई विभिन्न कमियों को लेकर जिम्मेदार अधिकारियों ने अस्पताल प्रबंधन तथा जमकर क्लास ली, हालांकि अभी आगे भी अस्पताल का निरीक्षण जारी है लेकिन ऐसा माना जा रहा है की निरीक्षण के बाद अस्पताल प्रबंधन पर बड़ी कार्यवाही हो सकती है। संजय गांधी अस्पताल एवं गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल की व्यवस्थाओं को लेकर आए दिन सवाल उठते रहते हैं आम आदमी की तो बात छोड़िए जब सरकार में बैठे लोगों एवं विधानसभा अध्यक्ष की बात सुनने में चिकित्सक ध्यान नहीं देते तो आम व्यक्ति की तो बात ही छोड़िए, यहां के चिकित्सक न तो मरीजों की समस्या देखते समझते हैं, ना ही मरीजों पर इनका कोई असर देखने को मिलता है, स्वास्थ्य व्यवस्था के हाल बेहाल है।

हाल ही में विधान सभा अध्यक्ष गिरीश गौतम द्वारा गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल के गायनी विभाग में भर्ती एक महिला के उपचार को लेकर अस्पताल प्रबंधन से बात की गई थी, लेकिन आरोप है कि उस महिला को अस्पताल में उपचार के बजाय उसे नर्सिंग होम में ले जाया गया, हालांकि इस संबंध में प्रबंधन अपनी सफाई दे चुका है, कि संबंधित महिला बिना बताए अस्पताल से चली गई थी, अस्पताल में महिला का उपचार ना होने की शिकायत उसके परिजनों ने विधानसभा अध्यक्ष से की, जिसे संज्ञान में लेते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने चिकित्सा शिक्षा मंत्री से शिकायत की और इस बात पर विधानसभा में भी चर्चा हुई तभी से संजय गांधी अस्पताल में हड़कंप मचा हुआ है।

शिकायत के बाद चार सदस्यीय दल भोपाल से जांच के लिए रीवा पहुंचा और अस्पताल की व्यवस्थाओं का बारीकी से जायजा लिया जा रहा है ऐसा माना जाता है कि संजय गांधी अस्पताल में अव्यवस्थाओं का तो आलम है, ही साथ ही दवाइयों एवं अन्य सुविधाओं का भी अभाव देखा जाता है, यहां तैनात चिकित्सक तानाशाही और मनमानी अधिक और मरीजों की सेवा कम करते हैं , यही नहीं मरीज व उनके परिजनों से आए दिन विवाद व मारपीट करना भी इनकी आदत में है, अस्पतालों में दवाई न मिलने की समस्या तो सुपरस्पेशलिटी, संजय गांधी, और गांधी मेमोरियल तीनों जगह देखी जा रही है, जिसकी वजह से मरीजों को दवा बाहर दुकान से खरीदनी पड़ रही है ।

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