कलयुग की शबरी उर्मिला चतुर्वेदी, राम मंदिर के लिए 41 साल पहले त्यागा अन्न
Urmila Chaturvedi: अब उर्मिला किसी दिन रामलला के दर्शन के बाद अयोध्या में ही अन्न ग्रहण कर अपना संकल्प पूरा करने को सेलिब्रेट करेंगी।
Urmila Chaturvedi: 6 दिसंबर, 1992 को अयोध्या में बाबरी ढांचे को गिरा दिया गया था। उस वक्त हुए विवाद को लेकर जब खून खराबा हुआ तो उर्मिला चतुर्वेदी विचलित हो गई थीं। तब इन्होंने संकल्प लिया कि जब तक अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू नहीं हो जाता तब तक ये अन्न ग्रहण नहीं करेंगी। उर्मिला चुतर्वेदी मूलरूप से मध्य प्रदेश के जबलपुर के विजय नगर इलाके की रहने वाली हैं। बीते 41 साल से ये अन्न की बजाय सुबह में चाय, फल, दूध और मठा ले रही हैं। अयोध्या विवादित भूमि को लेकर कोर्ट का फैसला आया । तब भी यह अपने फैसले पर अडिग रहीं। बोलीं कि वे अयोध्या में भगवान राम के मंदिर में उनके दर्शन के बाद ही अपना उपवास तोडे़गी। अब वह बाइस जनवरी के बाद किसी दिन राम लला के दर्शन के बाद अयोध्या में ही अन्न ग्रहण कर अपना संकल्प पूरा करने को सेलिब्रेट करेंगी।