MP Assembly Election 2023: केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों के विधानसभा चुनाव लड़ने पर बोले कमलनाथ, ‘नाम बड़े और दर्शन छोटे’
MP Assembly Election 2023: बीजेपी इस विधानसभा चुनाव को कितनी गंभीरता से ले रही है, इसका अंदाजा सोमवार को जारी हुई उम्मीदवारों की दूसरी सूची में दर्ज नामों को देखकर पता चलता है।
MP Assembly Election 2023: पांच राज्यों में से जिन चार बड़े राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, उनमें मध्य प्रदेश भी शामिल है। जो हिंदी पट्टी का तीसरा सबसे बड़ा राज्य है। इन पांच राज्यों में एमपी ही है, जहां बीजेपी की सरकार है और कांग्रेस से उसे तगड़ी चुनौती मिल रही है। बीजेपी इस विधानसभा चुनाव को कितनी गंभीरता से ले रही है, इसका अंदाजा सोमवार को जारी हुई उम्मीदवारों की दूसरी सूची में दर्ज नामों को देखकर पता चलता है।
बीजेपी आलाकमान ने संगठन और सरकार के कद्दावर नेताओं को विधानसभा चुनाव के रण में उतार दिया है। इनमें से कई तो ऐसे हैं जो पहली बार राज्य की राजनीति करेंगे और कई दशकों से केंद्र की राजनीति में व्यस्त हैं। बीजेपी उम्मीदवारों की दूसरी सूची में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद सिंह पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते शामिल हैं। इसके अलावा सांसद राकेश सिंह, गणेश सिंह, रीति पाठक और राव उदय प्रताप सिंह को टिकट दिया गया है। संगठन के बड़े चेहरे कैलाश विजयवर्गीय को भी इस बार मैदान में उतारा गया है। बीजेपी के इस कदम पर कांग्रेस ने निशाना साधा है।
कमलनाथ बोले - ‘नाम बड़े और दर्शन छोटे’
पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने बीजेपी की दूसरी सूची में दिग्गज नेताओं को उम्मीदवार बनाए जाने पर तंज कसा है। उन्होंने कहा, दूसरी लिस्ट पर एक ही बात फिट है- नाम बड़े और दर्शन छोटे। भाजपा ने मप्र में अपने सांसदों को विधानसभा की टिकट देकर साबित कर दिया है कि भाजपा न तो 2023 के विधानसभा चुनाव में जीत रही है, न 2024 के लोकसभा चुनाव में। इसका सीधा अर्थ ये हुआ कि वो ये मान चुकी है कि एक पार्टी के रूप में तो वो इतना बदनाम हो चुकी है कि चुनाव नहीं जीत रही है, तो फिर क्यों न तथाकथित बड़े नामों पर ही दांव लगाकर देखा जाए। उन्होंने आगे दावा किया कि कांग्रेस इस बार भाजपा से दोगुनी सीट जीतने जा रही है।
सुरजेवाला बोले – बीजेपी नहीं बचा पाएगी सत्ता
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और मध्य प्रदेश के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बीजेपी की दूसरी सूची को पार्टी का आंतरिक कलह करार दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक लंबा-चौड़ा पोस्ट लिख कर कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपना पतन देखते हुए पार्टी में मौजूद अपने प्रतिद्वंदियों को भी ठिकाने लगाने का मन बनाया है। इसलिए केंद्रीय नेतृत्त्व को शिवराज और महाराज ने बताया कि मध्यप्रदेश में जीर्णशीर्ण हो चुकी सत्ता की डूबती नाव की पतवार को अब नरेंद्र तोमर, प्रहलाद पटेल, फग्गनसिंह कुलस्ते ,कैलाश विजयवर्गीय और राकेश सिंह की ज़रूरत है।
मगर असल में शिवराज और महाराज की मंशा ,"हम तो डूबेंगे, तुम्हें भी ले डूबेंगे सनम" की है, ये साफ़ है। इस बात को कैलाश विजयवर्गीय ने एक इंटरव्यू में कहा भी कि हमको टिकिट देकर केंद्रीय नेतृत्त्व ने चौंका दिया। इन टिकिटों की घोषणा के बाद महाराज और शिवराज कह रहे हैं, -"न रहेगा बाँस न बजेगी बाँसुरी।" अर्थात हमारी सत्ता तो जा ही रही है, मगर हमारे साथ साथ इन नेताओं का राजनीतिक अस्तित्व भी समाप्त हो जाएगा। आगे उन्होंने बीजेपी की सूची का हवाला देते हुए कहा कि एक मुख्यमंत्री, तीन केंद्रीय मंत्री सहित 7 सांसद, एक राष्ट्रीय महासचिव, मगर फिर भी सत्ता नहीं बच पाएगी।
एमपी कांग्रेस ने कुछ यूं साधा निशाना
मध्य प्रदेश कांग्रेस ने बीजेपी की दूसरी सूची पर रामायण के पात्रों के सहारे निशाना साधा है। पार्टी ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, हार को सामने देख कर रावण ने कुंभकर्ण, अहिरावण, मेघनाद सबको उतार दिया था…बस यही दूसरी लिस्ट में हुआ है।
बता दें कि मध्य प्रदेश में बीच के करीब 15 माह के समय को छोड़ दें तो 20 साल से बीजेपी सत्ता में है। मजबूत संगठन और कद्दावर नेताओं के होने के बावजूद पार्टी को जबरदस्त सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ रहा है। कैडर में दोबारा जोश और उत्साह का संचार करने के लिए दिग्गज नेताओं को चुनाव मैदान में उतारा जा रहा है। बीजेपी की यह कवायद रंग लाती है या नहीं ये तो चुनाव परिणाम ही बताएंगे।