Wild Life : भारत की सबसे पतली हथनी लक्ष्मी हुई जुल्म और बर्बरता का शिकार, सामने आए चौंकाने वाले खुलासे

Wild Life : 25 से 30 वर्ष आयु की दिव्यांग हथनी का कथित तौर पर सड़क पर भीख मांगने के लिए इस्तेमाल के साथ ही उसके मालिकों ने उसे भूखा रखा था दुर्व्यवहार किया था और उपेक्षा की थी।

Newstrack :  Network
Published By :  Ragini Sinha
Update:2022-01-06 14:29 IST

Wild Life : दुर्बलता की शिकार हथनी वाइल्डलाइफ एसओएस हाथी अस्पताल पहुंची (social media)

Wild Life News : गंभीर रूप से कुपोषित और दिव्यांग हथनी, लक्ष्मी- जिसे "भारत की सबसे पतली हथनी" भी कहा गया है - लंगड़ापन, गठिया रोग, एवं कई अन्य प्रकार की बीमारियों से पीड़ित है। अदालत के आदेश के बाद, उसे मथुरा स्थित वाइल्डलाइफ एसओएस के हाथी अस्पताल एवं हाथी संरक्षण और देखभाल केंद्र में देखभाल के लिए लाया गया है- जो भारत में अपनी तरह का पहला हाथियों का संरक्षण केंद्र है। यह नया साल वाइल्डलाइफ एसओएस हाथी अस्पताल के सुरक्षित वातावरण में लक्ष्मी के लिए जीवन में दूसरा मौका पाने की नई उम्मीद लेकर आया है।

दिव्यांग हथनी का कथित तौर पर भीख मांगने के लिए इस्तेमाल

लगभग 25 से 30 वर्ष आयु की दिव्यांग हथनी का कथित तौर पर सड़क पर भीख मांगने के लिए इस्तेमाल के साथ ही उसके मालिकों द्वारा भुख, दुर्व्यवहार और उपेक्षा के अधीन किया गया, जिसके बाद स्थानीय पशु प्रेमी श्री एस जैन की शिकायत पर मध्य प्रदेश वन विभाग ने कार्रवाई करते हुए हथिनी को जब्त कर लिया l


भारत की सबसे पतली हथनी

कहा जाना गलत नहीं है क्योंकि लक्ष्मी अपने दुर्बल शरीर के अलावा गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं। लंबे समय से कुपोषित, असामान्य रीढ़ की हड्डी के उभार, मुड़े हुए घुटनों के साथ हथनी से लगातार काम करवाया गया जो एक हाथी के लिए अशोभनीय हैं।


मध्य प्रदेश वन विभाग ने लक्ष्मी की बिगड़ती सेहत और गंभीर स्थिति को देखते हुए उसके मालिकों से जब्त कर लिया और मालिकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने की प्रक्रिया में है।


अदालत के आदेशों के बाद, जिसने मथुरा में वाइल्डलाइफ एसओएस हाथी अस्पताल और संरक्षण एवं देखभाल केंद्र में लक्ष्मी के पुनर्वास की अनुमति दी, पशु चिकित्सकों की टीम के साथ एक विशेष हाथी एम्बुलेंस, वाइल्डलाइफ एसओएस के हाथी देखभाल कर्मचारियों ने उसका चिकित्सा उपचार शुरू करने के लिए छतरपुर, मध्य प्रदेश की यात्रा की- लक्ष्मी के साथ दोस्ती और विश्वास का बंधन बनाया जिससे उसकी अस्पताल तक की यात्रा को सुविधाजनक बनाने में मदद मिले। यात्रा के दौरान हथनी को तत्काल उपचार एवं राहत प्रदान करने के लिए पशु चिकित्सकों का दल भी चिकित्सा उपकरण लेकर साथ मौजूद रहा।


हाथी अस्पताल और देखभाल केंद्र में पहुंचने पर, लक्ष्मी ने भारत के पहले और एकमात्र हाथी अस्पताल परिसर में विशेषज्ञों के हाथों लेजर थेरेपी, डिजिटल वायरलेस रेडियोलॉजी और थर्मल इमेजिंग जैसी विशेष चिकित्सा प्रक्रियाएं प्राप्त करना शुरू कर दिया है।


क्या कहा एसओएस के सीईओ और सह-संस्थापक ने

वाइल्डलाइफ एसओएस के सीईओ और सह-संस्थापक कार्तिक सत्यनारायण ने कहा "लक्ष्मी जैसे गंभीर रूप से दुर्बल और दिव्यांग हथनी को देख हम हैरान थे। उसकी हालत निश्चित रूप से काफी चिंताजनक है। हम लक्ष्मी की बिगड़ती स्वास्थ्य स्थिति के प्रति सहानुभूति रखने के लिए माननीय न्यायालय के आभारी हैं l उसे आवश्यक चिकित्सा देखभाल हेतु हमारे हाथी अस्पताल में लाने की अनुमति जारी करने के लिए मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन को धन्यवाद देते हैं।

'हथिनी का इस्तेमाल भीख मांगने के लिए किया जाता है'

वाइल्डलाइफ एसओएस की सह-संस्थापक और सचिव, गीता शेषमणि ने कहा, "लक्ष्मी की दुर्दशा कई ऐसे हाथियों के शारीरिक और मनोवैज्ञानिक आघात को दर्शाती है, जिनका इस्तेमाल सड़कों पर भीख मांगने और कमाने के लिए किया जाता है।"


वाइल्डलाइफ एसओएस की पशु चिकित्सा सेवाओं के उप-निदेशक, डॉ. एस इलियाराजा, ने कहा, "हथनी की विकलांगता के लिए चिकित्सा उपचार के साथ निगरानी की आवश्यकता है। कूल्हे पर दर्दनाक फोड़े की उपस्थिति और उसके कानों पर अंकुश के घाव साफ़ तौर पर क्रूरता और गंभीर दुर्व्यवहार का संकेत देते हैं।

वाइल्डलाइफ एसओएस एक वन्यजीव संरक्षण संस्था है, जो 35 हाथियों की देखभाल के लिए धन जुटाने और उनके रखरखाव की दिशा में काम कर रही है। संस्था के संरक्षण कार्यों को अपना समर्थन देने के लिए कृपया नीचे दिए गए लिंक पर जाएँ https://give.wildlifesos.org/page/16138/donate/1

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