मध्यप्रदेश की बाढ़ पर BJP नेता का विवादित बयान, मनमोहन और कांग्रेस को ठहराया जिम्मेदार

Rameshwar Sharma Controversial Statement: मध्यप्रदेश में बाढ़ की गंभीर स्थिति के लिए भाजपा विधायक ने पूर्व PM मनमोहन सिंह और कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Shreya
Update: 2021-08-06 08:08 GMT

 रामेश्वर शर्मा (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Rameshwar Sharma Controversial Statement: मध्यप्रदेश में मूसलाधार बारिश के कारण कई जिलों में बाढ़ (Flood In Madhya Pradesh) की स्थिति काफी गंभीर हो गई है। खासकर ग्वालियर और चंबल संभाग में स्थिति काफी गंभीर है और सेना व एनडीआरफ की टीमें लोगों को राहत पहुंचाने के काम में जुटी हुई हैं। इस बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता और पूर्व प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा (Rameshwar Sharma) ने मध्यप्रदेश की बाढ़ (Madhya Pradesh Ki Badh) के संबंध में एक विवादित बयान देकर सियासी माहौल गरमा दिया है।

भाजपा विधायक शर्मा ने आरोप लगाया है कि मध्य प्रदेश में बाढ़ की गंभीर स्थिति के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) और कांग्रेस पार्टी (Congress) जिम्मेदार है। भाजपा विधायक के बयान पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है। कांग्रेस ने कहा कि ऐसे बेतुके बयान देने वाले नेताओं का इलाज कराना चाहिए। पार्टी ने कहा कि प्रदेश सरकार को बाढ़ राहत के कार्य में जुटना चाहिए मगर भाजपा के नेता आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति में जुटे हुए हैं।

मनमोहन सिंह (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

मनमोहन सरकार ने नहीं किया कोई काम

भाजपा नेता शर्मा ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को घेरते हुए कहा कि 'अटल सरकार की ओर से नदियों को जोड़ने का अभियान शुरू किया गया था। अटल जी की सरकार जाने के बाद मनमोहन सरकार की ओर से इस दिशा में कोई भी काम नहीं किया गया। मनमोहन सिंह 10 साल तक पीएम रहे पर हाथ धरे बैठे रहे।'

दरअसल मौसम विभाग की ओर से मध्य प्रदेश के ग्वालियर और चंबल संभाग में भीषण बारिश की चेतावनी दी गई थी। पत्रकारों की ओर से शर्मा से सवाल पूछा गया था कि मौसम विभाग की भविष्यवाणी के बावजूद सरकार की ओर से एहतियाती उपाय क्यों नहीं किए गए। इस सवाल का जवाब देते हुए भाजपा नेता रामेश्वर शर्मा ने उल्टे मनमोहन सिंह को लेकर विवादित बयान दे दिया।

अटल सरकार के प्रोजेक्ट की अनदेखी

भाजपा विधायक ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का पूरा जोर नदियों को जोड़ने पर था मगर मनमोहन सरकार ने इसकी पूरी तरह अनदेखी की। उनके कार्यकाल के दौरान इस दिशा में कोई भी कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने कहा कि आज हर आदमी के हाथ में मोबाइल है और वह गूगल पर जाकर मौसम संबंधी जानकारी ले लेता है। उसे पता चल जाता है कि आगामी दिनों में किस इलाके में कैसा मौसम रहने वाला है। इसलिए मौसम विभाग की चेतावनी में कोई भी नई बात नहीं थी।

शर्मा ने कहा कि अटल जी का फोकस नदियों को जोड़ने पर इसलिए था क्योंकि उनका मानना था कि ऐसा न करने पर कहीं पानी ही पानी होगा और कहीं सूखा। मनमोहन सरकार और कांग्रेस को इस बात का जवाब देना चाहिए कि 10 साल के कार्यकाल के दौरान इस दिशा में क्या कदम उठाए गए।

कांग्रेस के पास इस सवाल का कोई जवाब नहीं है और ऐसे में बाढ़ और उससे जुड़ी त्रासदी के लिए मनमोहन सरकार और कांग्रेस ही जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि भाजपा इस समस्या का निदान करने में जुटी हुई है। आने वाले चार-पांच वर्षों के दौरान ऐसी योजना बनाई जाएगी ताकि लोगों को बाढ़ संबंधी दिक्कतों का सामना न करना पड़े।

कांग्रेस ने जताई तीखी प्रतिक्रिया

मध्यप्रदेश में किसी भाजपा नेता के विवादित बयान देने का यह पहला मामला नहीं है। इसके पहले प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने भी महंगाई को लेकर विवादित बयान दिया था। उन्होंने देश में महंगाई के लिए देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के 1947 में दिए गए भाषण को जिम्मेदार ठहराया था। उनके इस बयान को लेकर भी खासा विवाद पैदा हुआ था।

भाजपा नेताओं के बयान पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है। भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा के बयान पर तंज कसते हुए कांग्रेस के प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा कि भाजपा को चिकित्सकों का दल बनाकर ऐसे नेताओं के दिमाग का इलाज कराना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार अपनी जिम्मेदारियां नहीं पूरी कर रही है और दूसरी ओर भाजपा नेताओं की ओर से उल्टे-सीधे बयान दिए जा रहे हैं।  

ग्वालियर-चंबल संभाग में स्थिति गंभीर

इस बीच मध्य प्रदेश के ग्वालियर और चंबल संभाग में बाढ़ के कारण स्थिति काफी गंभीर बनी हुई है। सेना और एनडीआरएफ की टीमों की ओर से इस इलाके में बचाव और राहत अभियान चलाया जा रहा है। बाढ़ के कारण इलाके में अब तक 12 लोगों की मौत होने की खबर है। ग्वालियर संभाग के आयुक्त आशीष सक्सेना का कहना है कि प्रशासन की ओर से लोगों को राहत पहुंचाने का काम युद्धस्तर पर किया जा रहा है और अभी तक बाढ़ से जुड़ी घटनाओं में 12 लोगों के मारे जाने की खबर मिली है।

मौसम विभाग की ओर से प्रदेश के 6 जिलों में अगले 24 घंटे के दौरान भारी से अति भारी बारिश होने की चेतावनी दी गई है। मौसम विभाग की चेतावनी के बाद प्रदेश के 6 जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है जबकि 17 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी कर के लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। 

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