Mahakal Lok Ujjain: महाकाल की नगरी उज्जैन में भव्य कॉरिडोर का उद्घाटन, शिवपुराण की दिखेगी साफ झलक

Mahakal Lok Ujjain: मध्य प्रदेश के उज्जैन में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को राजधानी भोपाल से करीबन 200 किलोमीटर की दूरी पर महाकालेश्वर मंदिर कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे।

Report :  Vidushi Mishra
Update:2022-10-10 15:10 IST

Mahakal Lok Ujjain: महाकाल की नगरी उज्जैन में भक्तों को बस कुछ दिन का इंतजार और करना होगा, उसके बाद महाकाल लोक मंदिर के द्वार खुल जाएंगे। मध्य प्रदेश के उज्जैन में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को राजधानी भोपाल से करीबन 200 किलोमीटर की दूरी पर महाकालेश्वर मंदिर कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे। बता दें, कि महाकालेश्वर मंदिर कॉरिडोर विकास परियोजना के प्रथम चरण को 856 करोड़ रूपए की लागत से तैयार किया गया है। ऐसे में अब कॉरिडोर के उद्घाटन की तैयारियां जोरो-शोरों से चल रही हैं। वहीं बीते दिन रविवार को शाम के समय राज्य मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तैयारियों का जायजा लिया।

महाकालेश्वर मंदिर कॉरिडोर के उद्घाटन की तैयारियों को लेकर अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मेगा इवेंट और मोदी के स्वागत के लिए नंदी द्वार से मंदिर तक कॉरिडोर परिसर में होने वाले विभिन्न सांस्कृतिक प्रदर्शन की ड्रेस रिहर्सल का निरीक्षण किया है। साथ ही कॉरिडोर के उद्धघाटन पर महाकाल बाबा को समर्पित एक गीत गाया जाएगा। भगवान शिव को समर्पित ये गीत गायक कैलाश खेर द्वारा गाया जाएगा।

भव्य कॉरिडोर 

महाकालेश्वर मंदिर कॉरिडोर के बारे में आपको जानकारी देते हुए बता दें कि इस कॉरिडोर में दो भव्य प्रवेश द्वार है। साथ ही नक्काशीदार बलुआ पत्थरों से बने 108 अलंकृत स्तंभ, फव्वारों से सजाया गया है। इसके अलावा शिव पुराण की कहानियों को दर्शाने वाले 50 से ज्यादा भित्ति चित्रों का एक पैनल 'महाकाल लोक' में दर्शाया जाएगा।

महाकाल लोक जोकि 900 मीटर से भी ज्यादा लंबा कॉरिडोर है। भारत में महाकालेश्वर मंदिर कॉरिडोर सबसे बड़े ऐसे कॉरिडोर में से है जो पुरानी रूद्रसागर झील के चारों तरफ है। कॉरिडोर की खूबसूरती बढ़ा रहे बलुआ पत्थरों को राजस्थान के बंसी पहाड़पुर से निर्माण के लिए मंगाया गया है। 

उज्जैन महाकाल कॉरिडोर (फोटो- सोशल मीडिया)

आधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल

महाकालेश्वर मंदिर कॉरिडोर परियोजना से जुड़े एक आला अधिकारी ने बताया कि कॉरिडोर के डिजाइन के लिए मुख्य रूप से राजस्थान, गुजरात और उड़ीसा के कलाकारों और शिल्पकारों ने कच्चे पत्थरों को तराशने और अलंकृत करने का बहुत खूबी से काम किया है।

आगे उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि त्रिशूल के डिजाइन के साथ 108 स्तंभ, सीसीटीवी कैमरे और पब्लिस एड्रेस सिस्टम को सामंजस्यपूर्ण रूप से शामिल किया गया है। साथ ही मंदिर कॉरिडोर परिसर में सुरक्षा व्यवस्था पर पैनी नजर बनाए रखने के लिए इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर बनाया गया है। इसके अलावा देश-विदेश से आने वाली जनता के लिए मंदिर कॉरिडोर खुलने के बाद भीड़ प्रबंधन के लिए घोषणाएं करने और भक्ति गीत बजाने के लिए पब्लिस एड्रेस सिस्टम का इस्तेमाल किया जाएगा।

 मंदिर कॉरिडोर में कालिदास के अभिज्ञान शकुंतलम में वर्णित बागवानी प्रजातियों को भी बेहद खूबसूरत तरीके से लगाया गया है। धार्मिक और पौराणिक महत्व रखने वाले पेड़ों की करीबन 40-45 प्रजातियों का उपयोग किया गया है। इनमें रुद्राक्ष, बकुल, कदम, बेलपत्र, सप्तपर्णी समेत तमाम पेड़ों की प्रजातियों शामिल हैं।

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