कोरोना पॉजिटिव पत्नी के लिए पति ने किया एंबुलेंस हाईजैक, फिर हुआ ये

एक युवक ने अपनी गर्भवती पत्नी की हालत बिगड़ते देख एंबुलेंस को बुलाया, एंबुलेंस में ऑक्सीजन थी, जिसके बाद उसने एंबुलेंस को ही हाईजैक कर लिया।

Newstrack Network :  Network
Published By :  Roshni Khan
Update: 2021-04-25 09:49 GMT

मध्य प्रदेश का मामला (फोटो- सोशल मीडिया)

भोपाल: प्यार में न जानें लोग अपने पार्टनर्स के लिए क्या क्या करते हैं, ऐसी ही खबर आ रही मध्य प्रदेश के विदिशा जिले से जहां एक युवक ने अपनी गर्भवती पत्नी की हालत बिगड़ते देख एंबुलेंस को बुलाया, एंबुलेंस में ऑक्सीजन थी, जिसके बाद उसने एंबुलेंस को ही हाईजैक कर लिया।

ये मामला मध्य प्रदेश के विदिशा जिले का है, जहां के पुतली घाट क्षेत्र के मुखर्जी नगर में स्थित कुशवाहा परिवार के यहां 4 दिन पहले कोरोना पॉजिटिव गर्भवती महिला को ऑक्सीजन की जरूरत थी। उसके पति ने ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था कर ली थी लेकिन बीती 11:00 बजे रात से वो लगातार गुहार लगा रहा था कि घर पर एंबुलेंस आ जाए तो उसे हॉस्पिटल में एडमिट कर दे।

जब 108 एंबुलेंस उसके घर पहुंची तो उसने उस एंबुलेंस को ही बंधक बना लिया। लगभग 2 घंटे बंधक बनाने के बाद वहां पुलिस पहुंची और काफी मिन्नतें की। उसकी पत्नी को उसी 108 एंबुलेंस से अस्पताल लाकर एडमिट कराया गया। एंबुलेंस अटेंडर दीपक ने आरोप लगाया कि पीड़िता का पति एंबुलेंस के कांच तोड़ने की और एंबुलेंस को नुकसान करने की बात भी कह रहा था।

अटेंडर ने बताया कि, 'हमने जब अपने सीनियर से बात की तो उन्होंने कहा डायल हंड्रेड को सूचना दे दो, तब पुलिस यहां आई।'

मिली जानकारी के अनुसार गर्भवती महिला 4 दिन से कोरोना पॉजिटिव थी और उसके इलाज की दरकार के लिए उसका पति सुनील शुक्रवार रात्रि 11:00 बजे से मेडिकल कॉलेज को लगातार फोन लगा रहा था कि 108 एंबुलेंस भेज दी जाए। पूरी रात एंबुलेंस नहीं आई बल्कि 108 एंबुलेंस दूसरे दिन 9:30 बजे सुनील कुशवाहा के घर पहुंची।

पीड़िता के पति सुनील का कहना है कि मेरी पत्नी गर्भवती है मैं 1 दिन पहले से ही एंबुलेंस के लिए फोन लगा रहा हूं। अटेंडर बार-बार कह रहा था आ रहा हूं आ रहा हूं लेकिन वह नहीं आया।

सुनील ने बताया कि इसी बीच मैंने ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था भी कर ली थी। जब अटेंडर नहीं आया तो मैंने ग्यारसपुर के अस्पताल में किसी डॉक्टर से भी चर्चा कर ली थी। लेकिन एंबुलेंस दूसरे दिन आई तब मैंने उसे 2 घंटे के लिए रोक लिया।

सीएसपी विदिशा के मुताबिक ऐसा मामला हमारे संज्ञान में आया था। पुलिसकर्मियों की समझाइश पर बाद में उसे लाकर अस्पताल में एडमिट करा दिया गया है।

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