MP News: झूठे बलात्कार केस में फंसा व्यक्ति हुआ बरी, चेहरे पर लौटी खुशी की रौनक
MP News: मध्य प्रदेश में एक मामला सामने आया है, जहां एक पॉस्को और बलात्कार के झूठे केस में सिर्फ 14 महीने में आरोपी को न्याय मिला है।
MP News: भारत में अक्सर लोगों की शिकायत रहती है कि न्यायालय में न्याय मिलने पर काफी वक्त लगता है और लोगों को सिर्फ तारीख पर तारीख मिलती है। कई बार खबरें आती हैं कि किसी व्यक्ति को 30-40 साल बाद न्याय मिलता है। लेकिन, मध्य प्रदेश में एक मामला सामने आया है, जहां एक पॉस्को और बलात्कार के झूठे केस में सिर्फ 14 महीने में आरोपी को न्याय मिला है।
ये है पूरा मामला
बताते चलें कि मध्य प्रदेश के रीवा जिले के पुलिस थाना महिला रीवा में 26 जुलाई 2021 को नाबालिग ने यह रिपोर्ट लिखाई थी की आरोपी द्वारा उसके साथ जबरिया बलात्कार की घटना को अंजाम दिया गया है, जिस पर महिला थाना रीवा द्वारा आरोपी बालेंद्र साकेत के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कर गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। 80 दिन बाद वह न्यायालय से जमानत पाकर जेल से बाहर आया। इसके बाद विचारण विशेष न्यायालय रीवा कंचन गुप्ता के न्यायालय द्वारा किया गया, विचारण उपरान्त न्यायालय द्वारा आरोपी को पॉस्को और बलात्कार के आरोप से 14 महीने बाद दोषमुक्त घोषित किया गया। आरोपी की ओर से पैरवी अधिवक्ता राजीव सिंह परिहार (शेरा सिंह) कर रहे थे।
आखिर सत्य की जीत हुई: आरोपी
वहीं, आरोपी बालेंद्र साकेत ने कहा कि अधिवक्ता राजीव सिंह परिहार की अच्छे पैरवी और न्याय के देवता कहे जाने वाले मजिस्ट्रेट कि वजह से आज मैं बहुत खुश हूं। अंततः आख़िर सत्य की जीत हुई।
अधिवक्ता ने दी ये जानकारी
वहीं, अधिवक्ता राजीव सिंह परिहार का कहना है कि रेप के झूठे आरोपों में आरोपी के जीवन और करियर को तबाह करने की क्षमता होती है। "बलात्कार के झूठे मामले में आरोपी अपना सम्मान खो देता है, अपने परिवार का सामना नहीं कर सकता है और जीवन भर के लिए कलंकित हो जाता है। इस तरह के तुच्छ मुकदमों को रोकने की तत्काल आवश्यकता है।