Mountain Climbing Day: कौन है ज्योति रात्रि, जो बनी लोगों के लिए मिशाल

एमपी की रहने वाली 52 साल की ज्योति रात्रि ने माउंट एलब्रुस को 8 जुलाई को समिट किया...

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Published By :  Ragini Sinha
Update: 2021-08-01 14:51 GMT

ज्योति रात्रि ने माउंट एलब्रुस को 8 जुलाई को समिट किया

मध्य प्रदेश की ज्योति रात्रे ने 52 साल की उम्र में रूस की सबसे ऊंची चोटी माउंट एलब्रुस को 8 जुलाई को समिट किया। इसी के साथ वह सबसे उम्रदराज भारतीय महिला बनी. रूस की सबसे ऊंची चोटी पर पहुंच कर उन्होंने खुद को तो साबित किया ही, प्रदेश का मान भी बढ़ाया।

माउंट एलब्रुस से पहले अमरनाथ यात्रा की ट्रैकिंग

ज्योति रात्रे ने कहा वह माउंट एवरेस्ट के बारे में कभी सोच भी नहीं सकती। ट्रैक सिलेक्ट कर सबसे पहले पिन-पार्वती ट्रैक किया, फिर उसके बाद अमरनाथ यात्रा की। अमरनाथ यात्रा 4 दिनों में पूरी होती है, लेकिन मैंने 2 दिन में ही पूरी कर लिया। इसके बाद मैंने मनाली में 6000 फीट ऊंचा ट्रैक देवटिप्पा क्रॉस किया। देवटिप्पा ट्रैक करने के दौरान ट्रेनिंग बहुत काम आई, क्योंकि इसमें एक दिन की रॉक क्लाइम्बिंग होती है। वहां आइस वॉक सिर्फ 1 दिन की थी, ज्यादा कठिन नहीं थी। इसमें यह सीखने को मिला कि आखिर क्लाइंबिंग कैसे करते हैं, आईस ट्रैक कैसे करते हैं.आइस पर कैसे चलते हैं। देवटिप्पा में ट्रैकिंग के दौरान रूस की माउंट एल्ब्रुस को ट्रैक करने में बहुत ज्यादा मदद मिली। मैंने फिजिकल हेल्थ के साथ-साथ मेंटल हेल्थ पर फोकस किया।अपने अंदर आत्मविश्वास और विश्वास था कि एक दिन सबसे ऊंची चोटी तक जरूर भारत का झंडा फहराऊंगी

ऊंची पहाड़ियां और चोटियां हमेशा आकर्षित करती है

ज्योति ने आगे कहा है कि उनको ऊंची-ऊंची पहाड़ियां और चोटियां हमेशा आकर्षित करती थीं। पहाड़ों पर ट्रैकिंग के प्रति लगाव था तो माउंट एवरेस्ट फतह करने की ठानी। उम्र के बंधन के चलते माउंट एवरेस्ट पर जाने की एप्लीकेशन एक्सेप्ट ही नहीं हुई. क्योंकि, पहाड़ों को समिट करने की उम्र 40 से 42 साल।इसके बाद 2017 से खुद ही माउंटेन सिलेक्ट कर ट्रेनिंग शुरू कर दी।

पता ही नही था सपना पूरा होने के साथ रिकॉर्ड भी बनेगा

 रूस के माउंट एलब्रुस पर जाते वक्त ये नहीं सोचा था कि सपना भी पूरा होगा और रिकॉर्ड भी बनेगा। 4 लोगों के दल में मध्य प्रदेश से 52 साल की सबसे ज्यादा उम्र की इकलौती महिला मैं ही थी. माउंट एलब्रुस पर पहुंचना किसी चुनौती से कम नहीं था, क्योंकि वहां मौसम सबसे बड़ी चुनौती है.

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