MP News: कबाड़ी मोहल्ले में पहुँचा नगर निगम का बुलडोजर, अवैध निर्माण को किया धराशाई
MP News: कार्रवाई के दौरान अतिक्रमण क्षेत्र में रखी 50 ठेला-गोमटी एवं घर में प्रशासन ने कार्रवाई करके सड़क की जमीन को खाली करवाई है।
MP news: रीवा शहर के चर्चित कबाड़ी मुहल्ले में नगर-निगम का बुल्डोजर चलने से खलबली मच गई है। शहर में एक बार फिर नगर-निगम प्रशासन का बुल्डोजर सक्रिय हो गया और मंगलवार को कबाड़ी मोहल्ले में अतिक्रमण के खिलाफ मुहिम चलाई गई। कार्रवाई के दौरान अतिक्रमण क्षेत्र में रखी 50 ठेला-गोमटी एवं घर में प्रशासन ने कार्रवाई करके सड़क की जमीन को खाली करवाई है। जिससे सड़क का आवागमन सुगम होने के साथ ही मार्ग को व्यवस्थित किया जा सकें।
प्रशासन की इस कार्रवाई से न सिर्फ खलबली मच गई बल्कि स्थानिय लोग इसका विरोध करते रहे, लेकिन प्रशासन पूरी तैयारी से पहुचा था। जिसके चलते अतिक्रमण को हटा कर साफ करवाया गया है। नगर निगम प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि अतिक्रमण को लेकर लगातार शिकायत मिल रही थी। वही सड़क मार्ग प्रभावित हो रहा था। जिसके चलते अतिक्रमण को लेकर कार्रवाई की गई है। कबाड़ी मोहल्ले में अतिक्रमण के खिलाफ चलाई गई मुहिम के दौरान विरोध को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया था।
सिविल लाइन थाना सहित अन्य थानों का भी पुलिस बल तैनात रहा। पूर्व में भी हो चुकी है कार्रवाई । ज्ञात हो कि शहर के कबाड़ी मुहल्ले में काफी धनी आबादी होने के साथ ही यह के रहवासी सड़क मार्ग पर भी टीन-टप्पर लगाकर अतिक्रमण किए हुए थें। यही नही कई व्यापारी तो सड़क पर अपनी दुकानदारी लगा रहे है। इसके लिए प्रशासन लगातार कार्रवाई कर रहा है, लेकिन ठोस कार्रवाई न होने से यहा के रहवासी दूसरे ही दिन अतिक्रमण कर लेते है। अगर बात की जाए शहर के अन्य जगहो कि तो सड़क में ही व्यापारियों ने अतिक्रमण कर रखा है।
साहब जरा बचके बडे गड्ढे हैं इस राह में, कहीं नीचे न गिरना
प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान सरकार के आने के बाद से ही लोगों के मन में विकास को लेकर एक आशा जगी थी मगर तीन वर्ष बाद भी गांवो की कुछ खास सूरत नहीं बदली है। सूबे के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पद सम्भालते ही कुछ महीनों के अंदर प्रदेश की सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का आदेश दिया था लेकिन उनके कार्यकाल के तीन वर्ष बीतने के बाद भी कोई भी जिले की सड़क पूर्ण रूप से गड्ढा मुक्त नहीं हो पाई। अगर इसका असल नज़ारा देखना है तो जिले की गूढ विधान सभा क्षेत्र सहित रीवा जिले के कुछ रोड में घूम आइए फिर आप दोबारा उसमे जाना तो दूर वहां जाने की हिम्मत ही नहीं जुटा पाएंगे। जबकि कुछ रोडो से लगभग प्रत्येक दिन आलाधिकारियों का आवागमन होता है।
मगर सब आंख में पट्टी और नाक में मास्क लगाकर निकल जाते हैं जिन्हें लगता है जनता की मूलभूत जरूरतों से कोई वास्ता ही नहीं है। जिसमें भी सबसे अधिक भयावह स्थितियां ग्रामीणांचलों की है। आज भी जिले के बहुत से गाँव ऐसे हैं। जहां आसपास के कस्बों में आवागमन के लिये पक्की सड़के तक नहीं हैं। जिससे मजबूरन इन गाँवों के बाशिंदों को कच्चे गलियारों से आवागमन करना पड़ता है। जरूरत पड़ने पर न तो वाहन पहुचते है और न ही होस्पिटलाइज होने पर एम्बुलेंस पहुंच पाते हैं। जिसकी वजह से गंभीर बीमारी से ग्रसित मरीज खाट में ही लेटे लेटे भगवान को प्यारे हो जाते हैं। कहीं ना कहीं जिला प्रशासन की लापरवाही भी उजागर होती देखी जा रही है। आज भी गांव कस्बे में ऐसी कई सड़कें हैं जहां आज भी सड़कों में गढ्ढे हैं जहां मरम्मत का कार्य नहीं कराया गया है।