MP: सामूहिक विवाह से पहले वर्जिनिटी-प्रेगनेंसी टेस्ट पर सियासी बवाल, रिपोर्ट आई पॉजिटिव तो लिस्ट से कटा नाम

MP Pregnancy Test Row: मध्य प्रदेश के डिंडौरी जिले में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत सामूहिक विवाह से पहले युवतियों का प्रेगनेंसी और वर्जिनिटी टेस्ट कराया गया। विपक्षी पार्टी कांग्रेस अब शिवराज सरकार पर हमलावर रुख अख्तियार किए है।

Update: 2023-04-24 15:45 GMT
प्रतीकात्मक चित्र (Social Media)

MP Pregnancy Test Row: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh News) के डिंडौरी जिले में सामूहिक विवाह से पहले युवतियों के वर्जिनिटी और प्रेगनेंसी टेस्ट (Virginity and Pregnancy Test) करवाने का मामला तूल पकड़ने लगा है। राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने शिवराज सरकार पर सवाल खड़े किए। स्थानीय कांग्रेस विधायक ओमकार मरकाम (Congress MLA Omkar Markam) ने मेडिकल जांच के नाम पर बेटियों के वर्जिनिटी और प्रेगनेंसी टेस्ट का विरोध किया। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Former CM Kamal Nath) ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से पूछा है कि 'प्रदेश की बेटियों का ऐसा घोर अपमान किसके आदेश पर किया गया?'

ये मामला मध्य प्रदेश के डिंडौरी जिले (Dindori News) के गाड़ासरई कस्बे में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना (Mukhyamantri Kanyadan Yojna) के तहत सामूहिक विवाह से जुड़ा है। यहां शादी से पहले बेटियों के प्रेगनेंसी और वर्जिनिटी टेस्ट कराए गए। शिवराज गवर्नमेंट के इस रुख पर अब कांग्रेस बिफर पड़ी है। शिवराज सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस एमएलए ओमकार मरकाम के साथ-साथ कमलनाथ ने इसे प्रदेश की बेटियों का घोर अपमान बताया है।

'टेस्ट के लिए कोई नियम है, तो सार्वजानिक करें'

आपको बता दें कि, डिंडौरी जिले के गाड़ासरई में बीते शनिवार मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत 219 जोड़ों का विवाह बड़े ही धूमधाम से कराया गया। लेकिन, इस विवाह समारोह में कुछ ऐसा हुआ कि, लोग आवक रह गए। शादी से पहले लड़कियों के वर्जिनिटी और प्रेगनेंसी टेस्ट करवाए जाने के आरोपों के बाद कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। पूर्व मंत्री और कांग्रेस के स्थानीय विधायक ओमकार मरकाम ने कहा, 'यदि सरकार ने मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में ऐसे किसी टेस्ट को लेकर कोई नियम बनाया है तो उसे सार्वजनिक किया जाए। कांग्रेस एमएलए ने ऐसे टेस्ट को युवतियों का अपमान बताया।

क्या है मामला?

गौरतलब है कि, मध्य प्रदेश के डिंडौरी जिले के गाड़ासरई कस्बे में 22 अप्रैल को जिला प्रशासन ने मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत 219 जोड़ों का विवाह कराया। लेकिन, इस विवाह समारोह में शादी के लिए आई कुछ युवतियों के नाम सूची में नहीं मिले। जिसके बाद सामने आया कि प्रेगनेंसी टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आने की वजह से उन्हें विवाह समारोह में शामिल नहीं किया गया। इस तरह के टेस्ट की खबर बाहर आने के बाद कांग्रेस ने इसे मुद्दा बना लिया। अब राज्य की सियासत गरमा गई है।

पॉजिटिव रिपोर्ट पर शादी कैंसिल

सामूहिक विवाह में पहुंची एक युवती ने मीडिया को बताय कि, उन्होंने मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के लिए फॉर्म भरा था। शादी कार्यक्रम से पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उसका मेडिकल टेस्ट करवाया गया। प्रेगनेंसी टेस्ट भी हुआ। जिसमें रिपोर्ट पॉजिटिव आई। उसे बताया गया कि उसका नाम लिस्ट से हटा दिया गया है। उक्त युवती का कहना है कि वो पूरी तैयारी के साथ विवाह करने आयोजन स्थल पहुंची थी। मगर, उसकी शादी नहीं हो पाई। अब वो बेहद नाराज और मायूस है।

क्या कहा बीजेपी ने?

कांग्रेस विधायक मरकाम ने कौमार्य परीक्षण (virginity test) को जहां आदिवासी युवतियों का अपमान बताया, वहीं बीजेपी के जिलाध्यक्ष अवधराज बिलैया ने प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री कन्यादान योजना को जन हितैषी करार दिया। कांग्रेस की आपत्ति पर उन्होंने ओछी राजनीति करने का आरोप लगाया। बीजेपी जिलाध्यक्ष ने प्रेग्नेंसी टेस्ट को जायज ठहराया। साथ ही, दलील भी दी।

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