Rewa News: नगर निगम की बैठक में घमासान, बीजेपी और कांग्रेस पार्षद भिड़े

Rewa News: एमपी के रीवा नगर निगम की बैठक के दौरान नगर निगम कार्यालय युद्ध का रणस्थल जैसा बन गया। खेल के आयोजन के मुद्दे पर भाजपा व कांग्रेस के पार्षदों में यह गहमागहमी हुई।

Update: 2023-03-01 09:07 GMT

 नगर निगम कार्यालय में गहमागहमी (फोटो: सोशल मीडिया)

Rewa News: एमपी के रीवा नगर निगम की बैठक के दौरान नगर निगम कार्यालय युद्ध का रणस्थल जैसा बन गया। खेल के आयोजन के मुद्दे पर भाजपा व कांग्रेस के पार्षदों में काफी गहमागहमी हुई। जिसके बाद पहुंचे महापौर अजय मिश्रा बाबा भी आग बबूला हो गए। देखते ही देखते नगर निगम परिषद् का सदन अखाड़ा जैसा नजर आने लगा। दरअसल, बैठक के दौरान कबड्डी खेल के आयोजन को लेकर हो रही चर्चा में भाजपा-कांग्रेस आमने-सामने आ गए और दोनों के बीच जमकर बहस हुई। जब दोनों पक्ष आपा खोने लगे तो अध्यक्ष ने बैठक को 10 मिनट के लिए स्थगित कर दिया।

धरने पर बैठे भाजपा के पार्षद

बैठक जब दोबारा शुरू हुई तब भी बात नहीं बनी और आक्रोशित भाजपा पार्षद धरने पर बैठ गए। जिसके बाद बैठक को आगामी 2 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया। परिषद् की बैठक में सदन की गरिमा एक बार फिर तार-तार हो गई। बता दें कि नगर निगम की परिषद् की बैठक में प्रस्ताव क्रमांक 5 में एमआईसी से स्वीकृत होकर आए वॉलीबाल और कबड्डी खेल महापौर कप आयोजन को लेकर चर्चा शुरु हुई तो लेखा समिति के अध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह पटेल ने कहा कि उनके वार्ड के शहीद मंगल पांडेय पार्क में आयोजन का प्रस्ताव आया है।

लेकिन यहां आसपास आबादी है और घरो में कांच लगे हुए हैं, ग्राउंड भी छोटा है इसलिए इस मैदान में यह खेल कराना उचित नहीं है। जिसपर कांग्रेस के वार्ड 14 पार्षद रवि तिवारी ने कहा कि कुछ दिन पूर्व ही यहां खेल आयोजन हुआ था और रीवा विधायक राजेन्द्र शुक्ला मुख्य अतिथि थे। स्थानीय लोगो की मांग पर ही इस प्रतिष्ठित पार्क में खेल आयोजन का निर्णय लिया गया है, जब भाजपा विधायक मुख्य अतिथि थे तब भी वहां घर बने थे, कांच लगे थे, ऐसे में भाजपा का यह तर्क गलत है।

महापौर अजय मिश्रा बाबा ने बताया

चर्चा के बाद जब इस आयोजन को लेकर महापौर अजय मिश्रा बाबा जानकारी देने लगे तभी एक बार फिर लेखा समिति अध्यक्ष वीरेन्द्र पटेल ने बीच में बोलना शुरु कर दिया। बीच-बीच में बोलने की बात को लेकर महापौर अजय मिश्रा बाबा ने नाराजगी जताई और चुप रहने को कहा, इस बात पर एक-दूसरे को टोका-टाकी शुरु हो गई। भाजपाई अपनी कुर्सी छोड़ लेखा समिति अध्यक्ष की ओर आने लगे तो महापौर व एमआईसी सदस्य और कांग्रेस पार्षद भी लेखा समिति अध्यक्ष के पास पहुंच गए, जिसके बाद किसी तरह मामला शांत हुआ।

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