Rewa News: बांध बनने के बावजूद किसानों को नहीं मिल रहा पानी, निर्माण कार्यों पर उठे सवाल
Rewa News: रीवा जिले के बांधों और नहरों में किसानों को समुचित रूप से सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है। भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ाया गया उससे लोगों को इस बांध से ज्यादा उम्मीदें नहीं हैं।
Rewa News: किसी वैज्ञानिक और चिंतक ने कहा है कि अगला विश्व युद्ध पानी के लिए लड़ा जाएगा। यह बात काफी हद तक जायज भी लगती है। जीवन में पानी का कितना महत्व है इसका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि सरकार की अरबों की योजनाएं मात्र पानी के लिए ही केंद्रित हैं। भारत में तो सरकारें तक पानी के लिए बनती-बिगड़ती रही हैं। शायद कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच का कावेरी जल विवाद तो आपको याद ही होगा। इसी तरह जनपद रीवा में किसानों को आवश्यक पानी कैसे मिले, इसकी चिंता उन्हें सता रही है। सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में पानी आपूर्ति करने के लिए वाटर शेड के बाद अब प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना भी चलाई जा रही है। बावजूद इसके रीवा के किसान सिंचाई के लिए पानी की कमी से जूझ रहे हैं।
जूड़ा बांध से किसानों को नहीं मिल रहा पानी
रीवा जिले के बांधों और नहरों में किसानों को समुचित रूप से सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है। हनुमना तहसील का जूड़ा बांध काफी बड़ा बांध है, जो कोलहा सहित दर्जनों आसपास के ग्रामों की लाइफ लाइन हो सकता है। पर दुखद बात यह है कि जिस प्रकार इसे भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ाया गया उससे लोगों को इस बांध से ज्यादा उम्मीदें नहीं हैं।
मापदंडों का पालन नहीं होने का आरोप
रिटायर्ड अधीक्षण अभियंता नागेंद्र मिश्रा और एक्टिविस्ट शिवानंद द्विवेदी से मिली जानकारी के मुताबिक जब जूड़ा बांध बनाया गया था, तो इसे बनाते समय तकनीकी मापदंडों का बिल्कुल पालन नहीं किया गया। सामान्य तौर पर बांध के भीटे में मिट्टी डालते समय उसे सतह-दर-सतह वाइब्रेटर और रोलर से दबाकर बैठाया जाता है, जिससे बांध में मजबूती आती है। इसमें मिट्टी का चयन भी तकनीकी मापदंडों के हिसाब से किया जाता है। कुछ सलेक्टेड किस्म की मिट्टी का ही बांध के भीटे में उपयोग किया जाता है परंतु यहां ठेकेदार और कमीशनखोर अधिकारियों ने न तो सही मिट्टी का उपयोग किया गया और न ही तकनीकी मापदंडों का सही पालन किया गया। उस समय निगरानी की व्यवस्थाएं आज जैसी नहीं थीं, लिहाजा यह बांध जैसे-तैसे बनाकर खड़ा कर दिया गया।
किसानों को नहीं नसीब हुआ पानी
इस बीच एक्टिविस्ट शिवानंद द्विवेदी हनुमना के जूड़ा बांध के नजदीक स्थित ग्राम टटिहारा के कुछ किसानों से भी चर्चा की तो किसानों ने बताया की जब से बांध बना है उन्हें इससे कोई पानी नसीब नहीं हुआ। बताया गया कि जो नहरें बांध से आगे की तरफ उनके खेतों को तोड़ काटकर बनाई गई हैं, उनमें पानी नहीं पहुंच पा रहा है। जिससे उन्हें खेती से जुड़े कार्यों में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।