MP News: रीवा जनपद में चलती है अलग हुकूमत, कार्रवाई करने से अधिकारी भी हैं कतराते

MP News: संजीव पाण्डेय की नियुक्ति विकलांग कोटे मे हुई है लेकिन संजीव पाण्डेय बाहर से किसी तरह से भी विकलांग दिखाई नहीं देते हैं, जिसकी जाँच जल्द ही कराई जाएगी।

Update: 2022-12-27 05:37 GMT

रीवा जनपद पंचायत भ्रष्टाचारियों का जमावड़ा (photo: social media )

MP News: जनपद पंचायत रीवा इन दिनों सुर्खियों का विषय बना हुआ है किसी भी जनपद पंचायत में इतने भ्रष्टाचारियों का जमावड़ा नहीं है जितने रीवा जनपद पंचायत में है। रामचंद्र पाण्डेय का भ्रष्टाचार उजागर हो चुका है आयुक्त रीवा संभाग ने पदोन्नति अनुमोदन निरस्त कर दोषी अधिकारी एवं कर्मचारी के ऊपर कार्यवाही प्रस्तावित कर दी है, अब पाण्डेय के ऊपर कार्यवाही की जिम्मेदारी जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत की है।

भ्रष्टाचारी पाण्डेय के दो और सहयोगी जो की रीवा जनपद पंचायत में ही पदस्थ हैँ। प्रथम खण्ड पंचायत अधिकारी सुरभि दुबे जिनकी पदस्थापना वर्ष 2007 से रीवा जनपद पंचायत मे हुई थी लेकिन उक्त दिनांक तक खण्ड पंचायत अधिकारी का स्थानांतरण अनत्र किसी और जनपद पंचायत में नहीं हुआ। यदि खण्ड पंचायत अधिकारी के जनपद कार्यालय के द्वारा प्रस्तावित दौरे की जाँच कराई जाय तो इनकी लाग बुक में शून्य प्रस्तावित दौरे मिलेंगे।

दूसरा साथी पीसीओ संजीव पाण्डेय जनपद पंचायत रीवा का सबसे चर्चित नाम है जिनकी नियुक्ति 1995 मे रीवा जनपद पंचायत में हुई थी उक्त दिनांक तक सम्बन्धित अधिकारियों का स्थानांतरण रीवा जिले की अन्यत्र किसी जनपद पंचायत मे नहीं हुआ है।

संजीव पाण्डेय की नियुक्ति विकलांग कोटे मे हुई

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार संजीव पाण्डेय की नियुक्ति विकलांग कोटे मे हुई है लेकिन संजीव पाण्डेय बाहर से किसी तरह से भी विकलांग दिखाई नहीं देते हैं, जिसकी जाँच जल्द ही कराई जाएगी। यदि किसी वरिष्ठ अधिकारी ने कभी इनका ट्रांसफर करने की हिमाकत की तो उस वरिष्ठ अधिकारी का या ट्रांसफर करवा दिया जाता है या लोकायुक्त के झूठे केस में फंसा कर अपने रास्ते से हटा दिया जाता है। जबकि शासन का आदेश है कि किसी शासकीय अधिकारी या कर्मचारी का किसी भी शासकीय कार्यालय में तीन वर्ष से ज्यादा पस्थापना भ्रष्टाचार को दर्शाता है

खण्ड पंचायत अधिकारी सुरभि दुबे 19 वर्ष एवं पीसीओ संजीव पाण्डेय 25 वर्षो से जनपद पंचायत रीवा मे ही पदस्थ हैं। जांच का विषय यह है कि कैसे आज तक इन अधिकारियों का स्थाननंतरण अन्यत्र किसी जनपद या जिले के बाहर क्यों नहीं हुआ। आखिर क्या वजह है कि रीवा जिला प्रशासन इन भ्रष्ट अधिकारियों के ऊपर कार्यवाही नहीं कर पा रहा है।

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