Rewa News: 550 वर्ष से ज्यादा पुराना किला आज भी छोड़ रहा छाप
Rewa News: यह दुनिया का इकलौता मंदिर है जहां 1001 छिद्र वाला शिवलिंग है जो अलौकिक शक्ति देने वाला है।
Rewa News: खबर एमपी के रीवा से है। जहाँ नदियों के बीच आज से लगभग 550 वर्ष पूर्व किले का निर्माण कराया गया था, जो आज भी रीवा में आकर्षण का मुख्य केंद्र है। किले के पीछे दो नदियाँ हैं, जो किले को प्राकृतिक सुंदरता प्रदान करती हैं। किले का मुख्य द्वार भारतीय वास्तुकला का एक अच्छा उदाहरण है। यह पर्यटकों को आवास प्रदान करता है। इसमें एक रेस्तरां और एक संग्रहालय भी है।
यहां घूमने के लिए मुख्य स्थल हैं, कैनन, शाही चांदी का सिंहासन, संग्रहालय हॉल का झूमर, हथियार गैलरी और सफेद बाघ गैलरी है , रीवा किला परिसर स्थित महामृत्युंजय मंदिर में स्वयं भू महामृत्युंजय विराजते हैं। यह दुनिया का इकलौता मंदिर है जहां 1001 छिद्र वाला शिवलिंग है जो अलौकिक शक्ति देने वाला है। रीवा किला परिसर के महामृत्युंजय मंदिर में विराजने वाले शिवलिंग की बनावट बिलकुल भिन्न है। इस तरह का शिवलिंग विश्व में अन्यत्र नहीं है। महामृत्युंजय के सहस्त्र नेत्र हैं। अल्प आयु को दीर्घ आयु में बदलने वाला महामृत्युंजय मंत्र एक मात्र मंत्र है।
दर्शन से असाध्य रोगों से छुटकारा मिलता है
यहाँ मान्यता है कि महामृत्युंजय मंदिर में भगवान शिव के दर्शन से असाध्य रोगों से छुटकारा मिलता है। ऐसा माना जाता है कि लगभग 550 वर्ष पहले बघेल रियासत के महाराज ने यहां पर महामृत्युजंय की अलौकिक शक्ति को भाप लिया था और फिर यहां पर मंदिर की स्थापना के साथ ही रियासत के किले की स्थापना करवाई। रियासत के महाराज ब्याघ्रदेव सिंह शिकार के दौरान पडाव पर थे उसी रात महाराज ने एक चमत्कार देखा। मंदिर परिसर के पास एक शेर चीतल को दौडा रहा था लेकिन चीतल जब टीले के पास पहुंचा तो शेर शांत हो गया। उसी वक्त महाराज ने यहां विद्यमान शक्ति को समझा और मंदिर की स्थापना कर किले का निर्माण कराया था।