MP News: जिला पंचायत कार्यालय में फर्जी नौकरी के नाम पर करोड़ों की वसूली
जिला पंचायत कार्यालय रीवा में पदस्थ अधिकारियों तथा कर्मचारियों की सांठ गांठ से रिक्त पद भरने तथा नियुक्ति के नाम पर विज्ञापन जारी किया गया और नौकरी देने के नाम पर करोड़ों की राशि ठगी गई।
Rewa News: मध्य प्रदेश में 2013 व्यापम घोटाला (2013 Vyapam scam) के बाद एक दूसरा बड़ा घोटाला सामने आया है। जानकारी के अनुसार जिले के जिला पंचायत कार्यालय रीवा (District Panchayat Office Rewa) में पदस्थ अधिकारियों तथा कर्मचारियों की सांठ गांठ से रिक्त पद भरने तथा नियुक्ति के नाम पर विज्ञापन जारी किया गया।
नौकरी देने के नाम पर अभ्यर्थियों से ली गई करोड़ों की राशि: समाजिक कार्यकर्ता
समाजिक कार्यकर्ता बी के माला ने बताया कि जिला पंचायत रीवा का विज्ञापन जारी दिनांक 18/10/2020 जो कि मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा के हस्ताक्षर से जारी किया गया। संविदा सहायक ग्रेड 3 पद 18, लेखापाल पद 18, परियोजना समन्वयक पद 16 कुल योग 54 पद के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। कुल 77 पदों के लिए एक और विज्ञापन दिनांक 03/01/2020 को जारी किया गया। अभ्यर्थियों का फार्म भरवाया गया था तथा नौकरी देने के नाम पर करोड़ो की राशि संबंधित अभ्यर्थियों तथा उनके परिवारजनों से ली गई।
''पूरे प्रकरण पर जिला पंचायत रीवा के कई अधिकारी तथा कर्मचारी शामिल''
सामाजिक कार्यकर्त्ता ने बताया कि इस पूरे प्रकरण पर जिला पंचायत रीवा के कई अधिकारी तथा कर्मचारी शामिल है। इस समुचे प्रकरण की शिकायत संबंधित अभ्यर्थियों द्वारा भी कलेक्टर रीवा के पास की गई थी। जिला पंचायत रीवा में पदस्थ संजय सिंह परियोजना समन्वयक तथा एक कर्मचारी अभय वर्मा वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष कक्ष में कम्प्यूटर आपरेटर के दायित्व में है व अन्य अधिकारी कर्मचारी इस विज्ञापन के आधार पर करोड़ों की राशि ली गई है।
योजनाबद्ध तरीके से ठगी करने की बनाई गई थी प्लानिंग
कुछ अभ्यर्थियों तथा उनके परिजनों द्वारा दी गई राशि है जिसकी एक सूची भी बनी है जो प्रमाण बतौर देखी जा सकती है। यह सूची अभ्यर्थियों द्वारा बनाई गई है। उन्होंने बताया कि जिला पंचायत रीवा में इस प्रकार की गंभीर नियम विरूद्ध कूटरचित मनगढ़त फर्जी दस्तावेज तैयार नौकरी के नाम पर योजनाबद्ध तरीके से ठगी करने की एक प्लानिंग बनाई गई थी। इस समुचे प्लान में जिला पंचायत रीवा कार्यालय के शीर्ष अधिकारी भी शामिल है।
उन्होंने कहा कि यदि इसकी गहनता से जांच हो तो बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े के मामले सामने आयेंगे तथा कई अधिकारी व कर्मचारी बेनकाब होंगे। अब यह तो जांच के बाद ही पता चल पायेगा कि इस प्रकरण की लिंक कहा तक है और इस समुचे व्यापक फर्जीवाड़े में कौन-कौन शामिल है।