MP News: नाली निर्माण में किया जमकर भ्रष्टाचार, महिला सचिव व इसके पति ने किया लाखों का गबन

MP News: नाली निर्माण कार्य में सचिव सरोज पाण्डेय व इनके पति हरीश पाण्डेय उर्फ रंजन ने जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है।

Update: 2022-10-26 16:33 GMT

MP News: नाली निर्माण में किया जमकर भ्रष्टाचार

MP News: एमपी के रीवा जिले की ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार किस हद तक सिर चढ़कर बोल रहा है। यह अंदाजा लगा पाना किसी के बस की बात नहीं है, गांव में कैसे सरपंच और सचिव तथा मिल कर आम जनता व शासन की खजाने को चूना लगा रहे। आप इस ख़बर के माध्यम हैं देख सकते है, मामला रीवा जिले की रायपुर जनपद पंचायत अंतर्गत गुढ़ क्षेत्र के ग्राम पंचायत इंटार पहाड़ व जल्दर, पंचायत समेत आस-पास की उन पंचायतों का है जहां पंचायत सचिव के तौर पर भ्रष्टाचार की सारी सीमाएं लांघने सचिव सरोज पाण्डेय व इनके पति हरीश पाण्डेय उर्फ रंजन तैनात है और इनके द्वारा जम कर भ्रष्टाचार किया जा रहा है।

इसका यही भ्रष्टाचार आम जनता के लिए मुसीबत बना हुआ है। सचिव पति नटवरलाल के काले कारनामों की एक नहीं दो नहीं बल्कि आधा सैकड़ा से अधिक शिकायतें है, जिसमें सचिव पति नटवरलाल रंजन जनता के खून पसीने की कमाई को सीधे-सीधे डकार रहा है। इसके साथ साथ शासन के खजाने को भी जमकर चूना लगा रहा है और अपनी जेब भर रहा है। यही नहीं सचिव पति इतना बड़ा ठग है कि पूरे क्षेत्र व गांव के आसपास लोगों को अपने मायाजाल मैं फंसा कर ठग चुका है, अब जनता इसे ढूंढती है लेकिन यह इतना बड़ा शातिर है कि मुंह में कपड़ा बांधकर और भेष बदलकर निकल जाता है। लोग इसे पहचान ही नहीं पाते, यही करके करोड़ों रुपये का गोल माल इसके द्वारा किया जा चुका है।


आखिर इतने बड़े नटवरलाल को क्यों दिया जा रहा है संरक्षण बड़ा सवाल

आखिरकार सवाल उठना इस लिए लाजमी हो जाता है क्यों कि मामला आम जनता के हितों का है, लेकिन कुछ नेता है जो इन भ्रष्टाचारियों को पनाह दे रहे हैं, ऐसा क्यों? यह जनता सवाल पूछती है क्या आम जनता से इन्हें कोई मतलब नहीं रहा। यह बात समझ से परे है, जिस जनता ने बड़े-बड़े सपने पाल कर इन नेताओं को अपनी सुरक्षा एवं विकाश के बागडोर के साथ सत्ता की कुर्सी इन्हें सौंपने में जी जान लगा दी, लेकिन ये वही नेता व नेताओं के चहेते हैं, जो वोट देने वाली जनता को इस तरह मरने के लिए छोड़ चुके है। इनके दलाल अब इस जनता के दुख दर्द को भूल कर अपनी जेब भरने तक ही सीमित रह गए है और इनके आका भी पैसे के लिए इन भ्रष्टाचारियों की ही मदद करते हैं। यही नहीं भ्रष्टाचार करने वाले लोग नेताओं के इर्द-गिर्द घूम कर जनता को अपना प्रभाव दिखाते है। उसके बाद उसी की धौंस दिखा कर उसी जनता को ठगने और परेशान करने में जरा भी संकोच नहीं कर रहे हैं, बल्कि अब भ्रष्टाचार की सभी सीमाओं को लांघ कर इनके द्वारा सीधे-सीधे जनता जनार्दन के हक पर डाका डाला जा रहा है। अगर यही हाल रहा तो ऐसे दोहरे चरित्र के नेताओं व इनके दलालों को भी जनता चुनाव में सबक सिखा कर ही दम लेगी।


15 लाख रुपये की लागत से किया नाली का निर्माण

तकरीबन 15 लाख रुपये की लागत से नाली का निर्माण कार्य सरपंच व सचिव पति नटवर हरीश पाण्डेय द्वारा मनरेगा व 14वें व 15वें वित्त के माध्यम से कराया गया, जो कागजों में बन कर तैयार हो चुकी है, लेकिन अगर नाली निर्माण की जमीनी हकीकत पर नजर दौड़ाये तो इस निर्माण कार्य की असलियत कुछ और ही बयां कर रही है, जिसमें साफ देखा जा रहा है कि भ्रष्टाचारियों ने जनता व शासन प्रशासन की आंखों में धूल झोंकने में कोई कसर नहीं छोड़ा है।

इसी नाली निर्माण के चलते ग्राम वासियों की जिंदगी नरक बन कर रह गई है। यही नहीं इस निर्माण के माध्यम से आम जनता के लिए मौत का रास्ता तैयार किया गया है। जहां आए दिन लोगों की जिंदगी तबाह हो रही है। इसकी वजह से आधा दर्जन से अधिक लोग व कई जानवर व अन्य मवेशी दुर्घटनाग्रस्त हो चुके है जो जिंदगी और मौत से जुझ रहे है और आए दिन दुर्घटना की संभावना बनी रहती है।


20 से 30 प्रतिशत कार्य करा कर निकाल लिया पूरा पैसा

नाली का निर्माण लाल बिहारी नामदेव के घर से रामायण पाण्डेय के घर तक किया गया है , इस नाली निर्माण की लागत लगभग 15 लाख है, जिसे मनरेगा और 14वें व 15वें वित्त से बनाया गया है, मनरेगा मद से 2, लाख 24 हजार रुपये मजदूरी के नाम पर निकाल लिया गया है। इसके अलावा 12, लाख 73 हजार रुपये चौदहवे एवं पंद्रहवे वित्त से निकाले गए है। निर्माणाधीन नाली की लम्बाई स्टीमेट के मुताबिक 677 मीटर है, जिसे आधा अधूरा बना कर पूरा दिखा दिया गया है। लेकिन 677 मीटर की जगह अभी तक मे महज 540 मीटर ही नाली का निर्माण किया गया है। इसे बीच बीच में छोड़ कर बनाया गया, जिसकी बजह से पानी भी पास नहीं होता है और नाली में ही भरा रहता है, जिसकी वजह से गंदगी और अनेक बीमारियां हो रही है और डेंगू जैसे खतरनाक मच्छर पनप रहे है।

स्थानीय लोगों ने लगाया आरोप

स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि नाली का निर्माण कार्य जगह जगह तो छोड़ ही दिया गया है, साथ ही प्लास्टर व जमीन में कांक्रीट तथा कोपिंग का कार्य भी नहीं कराया गया है, यही नहीं कई जगह नाली को जोड़ा भी नही गया है, असल में नाली निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है। जब कि अधिकारियों से सांठगांठ कर नटवर लाल पेमेंट पूरा 15 लाख निकाल चुका है और निर्माण कार्य कागजों में पूर्ण होना दिखा दिया है, लेकिन निर्माण कार्य अभी भी महज 20 से 30% ही हो पाया है। अधूरे निर्माण कार्य की वजह से जगह-जगह सीपेज है और नाली का गंदा पानी लोगों के घरों व दुकानों में भी घुस रहा है, जिसकी बजह से घरों में सीलन भी हो रही है, जो अनेक बीमारियों को जन्म दे रही है और लोग इसकी वजह से परेशान है।

शिकायत करने पर सचिव व सचिव पति लोगों को देता है धमकी

मामला है इंटार पहाड़ ग्राम पंचायत का जंहा नाली निर्माण के चलते लोग पूरी तरह से परेशान हैं। समस्या से जूझ रहे लोग इस कठिनाई भरी जिंदगी से निजात पाने की उम्मीद पाल कर मुख्यमंत्री ऑनलाइन व अन्य अधिकारियों से शिकायत तो करते हैं लेकिन इन्हें अपना हक पाने और भ्रष्टाचार के विरुद्ध आवाज उठाने से रोक दिया जाता है। लोगों ने आरोप लगाया है कि शिकायत करने पर सचिव पति हरीश पाण्डेय उर्फ रंजन द्वारा दबाव बनाकर डराया और धमकाया जाता है। साथ ही कहा जाता है कि अगर अपनी शिकायत वापस नहीं लिये तो जितनी शासन की योजनाएं हैं उन सब के लाभ को बंद करा कर उससे वंचित कर दिया जाएगा। इन धमकियों के बाद ग्रामीण डर सहम कर अपनी शिकायत वापस ले लेने को मजबूर हो जाती है।

निर्माण कार्य में गुणवत्ता का नहीं रखा गया कोई ध्यान

लोगों ने यह भी आरोप लगाया है निर्माण के दौरान वहां रह रहे लोगों का रास्ता अवरुद्ध हो गया, तब लोगों ने अपने ही पैसे से घर के सामने आने जाने के लिए रास्ता तैयार किया जिसका पैसा स्वयं अपनी जेब से खर्च करना पड़ा, कई लोगों को तो सचिव पति यानी नटवर लाल द्वारा यह भी आश्वासन दिया गया था कि अभी आप खर्च करके अपना रास्ता बना लें बाद में सरकारी पैसे आने पर लौटा दिया जाएगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं, लोगों ने अपने घर के सामने का कार्य तो करा लिया, लेकिन पैसे मंजूर होने के बाद सचिव पति द्वारा पैसे देने मे आनाकानी की गई।

यही नहीं इसके अलावा जो आधा अधूरा निर्माण कार्य कराया गया है उसमें भी गुणवत्ता का जरा भी ध्यान नहीं रखा गया। लोगों की माने तो मिट्टी डस्ट और देसी बालू से नाली का निर्माण कार्य कराया गया है जो सिर्फ स्थानीय लोगों के लिए मुसीबत बन कर रह गया है।

समस्या से जूझ रहे लोग कलेक्टर व सीइओ से शिकायत कर करेंगे कलेक्ट्रेट का घेराव

नटवरलाल के इस भ्रष्टाचार से परेशान स्थानीय लोगों ने अपनी समस्या को लेकर कलेक्टर व जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी के समक्ष ज्ञापन देकर इस भ्रष्टाचार की जांच कराने का संकल्प लिया है। साथ ही इन्होंने कहा है कि अगर तत्काल इस मामले की जांच करा कर लोगों को इस समस्या से निजात नहीं दिलाई गई तो, ग्रामवासी कलेक्ट्रेट के समक्ष धरना प्रदर्शन व घेराव करेंगे।

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