Rewa News: रीवा में शिक्षा व्यवस्था चरमराई, गुरु ही शराब पीकर बच्चों को दे रहे ज्ञान

Rewa News: शिक्षक के खिलाफ रीवा डीईओ ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की। मीडिया के सामने कार्रवाई करने का आश्वासन दिया था।

Update:2023-01-25 10:36 IST

Rewa news  (photo: social media )

Rewa News: मध्य प्रदेश के रीवा जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे सुनकर लोगों का शिक्षक और स्कूलों से मिल रही बच्चों की शिक्षा से भरोसा उठ ही जायेगा। जब एक शिक्षक शराब के नशे में बच्चों को पढ़ाने पहुंचा। शराब पीकर स्कूल में दाखिल होने वाले शिक्षक के खिलाफ रीवा डीईओ ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की। मीडिया के सामने कार्रवाई करने का आश्वासन दिया था।

शिक्षकों का स्तर गिरता जा रहा है। आजकल देखा जाता है कि शिक्षक शराब पीकर बच्चों को स्कूल में जाकर शिक्षा देने का कार्य कर रहे हैं जो कहीं ना कहीं बच्चों को प्रकाश की जगह अंधकार की ओर धकेल रहे हैं। ऐसे लापरवाह अनुशासनहीन शिक्षकों पर आखिर जिला प्रशासन क्यों मेहरबान है?

वीडियो जारी होने के बाद भी जिला शिक्षा अधिकारी गंगा प्रसाद ने कोई एक्शन नहीं लिया। ऐसा तो नहीं कि जिला शिक्षा अधिकारी की सांठगांठ के चलते शराबी शिक्षकों को संरक्षण मिला हुआ है। जब गुरु ही शराब पिएगा तो फिर बच्चों को भला कैसे ज्ञान की बातें बता पाएंगे? वही शराबी शिक्षक द्वारा खुलेआम चैलेंज दिया जा रहा है कि कलेक्टर जिला शिक्षा अधिकारी को रखता हूं जेब में, मेरे कितने भी वीडियो वायरल क्यों न हो नहीं होगी मेरे खिलाफ किसी भी प्रकार की कार्रवाई। क्योंकि मेरी ऊपर सेटिंग चल रही है। शराब पी रहा हूं तो अपने पैसे की पी रहा हूं किसी और का नहीं। अब देखना यह होगा कि जिला प्रशासन ऐसे अनुशासन हीन एवं लापरवाह शिक्षक पर क्या कार्रवाई करता है।

क्या है पूरा मामला

एमपी के रीवा में जवा की इकलौती शासकीय हाई स्कूल जवा प्रभार की बैसाखी पर संचालित है। विद्यालय का माध्यमिक से हाई स्कूल में उन्नयन तो हुआ परन्तु शिक्षा विभाग यहां प्राचार्य तक उपलब्ध नहीं करा सका। ऐसे शिक्षक को प्रभारी प्राचार्य बनाकर विद्यालय संचालन की कागजी नौटंकी शुरू की, जो आए दिन शराब के नशे में धुत होकर विद्यालय में रहते हैं। जवा शासकीय हाई स्कूल थाना जवा के बगल में संचालित है।

जवा में ब्लाक शिक्षा अधिकारी, ब्लॉक श्रोत समन्वयक तहसीलदार एवं जनपद कार्यालय जवा में ही संचालित है, स्कूल के ही अन्य स्टाफ के द्वारा बताया गया कि प्राचार्य राजेश कुमार कोल शराब के नशे में विद्यालय आया और नशे के हालात में क्लास ले रहे है। छात्र- छात्राओं का भविष्य अंधकार की ओर धकेलने का कार्य निरंतर जारी है।

ऐसे में विभागीय अधिकारियों से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों की कर्तव्यनिष्ठा एवं नेक नियति पर प्रश्न चिन्ह लगाता है। जब मीडिया विद्यालय में पहुंची तो प्रभारी प्राचार्य राजेश कुमार कोल नशे में थे । पास मे ही विद्यालय के कुछ अन्य शिक्षक को देखकर प्राचार्य महोदय को घर चले जाने को कह रहे थे, जब प्राचार्य जी से विद्यालय में नशा करके आने पर सवाल किया तो प्रभारी प्राचार्य लटपताते हुए कहा कि मैं नशे में दिख रहा हूं...अगर मै नशा करता भी हूं तो आपको क्या... अपने पैसे से करता हूं।

नहीं की जिला शिक्षा अधिकारी ने कार्यवाही

क्या इसी तरह देश का भविष्य तैयार किया जाएगा, क्या इसी तरह के शिक्षकों से सुशिक्षित संस्कारिक नागरिक व्यवस्था तैयार कराएगी। ताज्जुब की बात तो यह है कि लापरवाह शिक्षक के खिलाफ अब तक जिला शिक्षा अधिकारी ने आखिर कार्यवाही क्यों नहीं की? नशे में धुत होने का वीडियो सामने आने के बाद भी जिला शिक्षा अधिकारी गंगा उपाध्याय ने कहा कि आप लोगों के माध्यम से यह जानकारी मिली है मगर यह भी क्लियर नहीं है। यह किस स्कूल में पदस्थ है यह जानकारी जैसे ही लग जाएगी तो वह कार्यवाही कर देंगे। मगर जिला शिक्षा अधिकारी को खुद ही नहीं पता है कि उनके जिले में कितने विद्यालय हैं? और कौन कहां पदस्थ है? प्रशासनिक सिस्टम में कई प्रश्न खड़े हो रहे हैं। क्या शिक्षक छात्रों की जिंदगी इसी तरह शराब के नशे में शिक्षा देकर नष्ट करते रहेंगे? अगर नहीं तो फिर जिला शिक्षा अधिकारी ने अनुशासनहीनता करने वाले शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की।

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