MP Assembly Election 2023: विधानसभा चुनाव लड़ने पर उमा भारती ने किया बड़ा ऐलान, बीजेपी में उपेक्षा से चल रही हैं नाराज
MP Assembly Election 2023:सियासी गलियारों और मीडिया के हलकों में कयास लगाए जा रहे थे कि पूर्व सीएम उमा भारती इस बार मध्य प्रदेश के चुनावी अखाड़े में कूदना चाहती हैं। वे अपने लिए बुंदेलखंड की कोई सीट चाह रही हैं।
MP Assembly Election 2023: भारतीय जनता पार्टी की फायरब्रांड नेता और मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने विधानसभा चुनाव लड़ेंगी या नहीं, इस पर अपनी स्थिति साफ कर दी है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वे 2023 का विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी। साथ ही उन्होंने ये भी स्पष्ट कर दिया कि चुनाव में वह बीजेपी का प्रचार जरूर करेंगी। बताया जा रहा है कि उमा ने चुनाव न लड़ने का फैसला पार्टी में हो रही अपनी उपेक्षा के कारण लिया है।
दरअसल, सियासी गलियारों और मीडिया के हलकों में कयास लगाए जा रहे थे कि पूर्व सीएम उमा भारती इस बार मध्य प्रदेश के चुनावी अखाड़े में कूदना चाहती हैं। वे अपने लिए बुंदेलखंड की कोई सीट चाह रही हैं। बताया जाता है कि सीएम शिवराज सिंह चौहान इसके लिए तैयार नहीं थे। इसके अलावा सोशल मीडिया पर पिछले दिनों उनके द्वारा लिखा गया एक कथित लेटर भी वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा को अपने पसंद के 19 लोगों को टिकट देने की मांग की थी।
चुनाव लड़ने की अटकलों पर लगाया विराम
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में केंद्रीय मंत्री रहीं उमा भारती ने विधानसभा चुनाव लड़ने की अटकलों पर चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने साफ कर दिया कि साल के अंत में होने जा रहा विधानसभा चुनाव वह नहीं लड़ेंगी। उन्होंने ट्वीट कर कहा, जो भी समाचार छपता है वह तथ्य एवं अनुमान दोनों के मेल से बनता है। कई बार अनुमान सत्य पर भारी पड़ जाता है और अनुमान गलत होता है।
इसके आगे पूर्व मुख्यमंत्री लिखती हैं - मैं मध्य प्रदेश के 2023 के विधानसभा चुनाव में प्रचार भले ही करूं किंतु म.प्र. विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ने वाली। आप इस अनुमान को खारिज कर दीजिए। इससे पहले उमा भारती ने सोशल मीडिया पर उनके नाम से उम्मीदवारों की जो सूची वायरल हो रही है, उसे भी खारिज किया है।
उमा ने खुलकर जाहिर की थी नाराजगी
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती पार्टी में हो रही अपनी उपेक्षा को समय-समय पर बयां करती रही हैं। शराबबंदी जैसे मुद्दे पर वो कई बार अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ दिखीं। हाल ही में उनका दर्द तब सार्वजनिक तौर पर छलका, जब चित्रकूट से शुरू हुई बीजेपी की पहली जन आर्शीवाद यात्रा में उन्हें बुलावा नहीं भेजा गया। इस यात्रा को राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हरी झंडी दिखाई दी थी। उमा ने कहा था कि बीजेपी ने मुझे निमंत्रण न देकर औपचारिकता भी नहीं निभाई। हो सकता है कि वो (बीजेपी नेता) घबरा गए हों कि अगर मैं वहां रहूंगी तो पूरी जनता का ध्यान मुझ पर होगा। इसी के चलते नहीं बुलाया होगा। उमा यहीं नहीं रूकीं उन्होंने आगे आरोप लगाते हुए कहा कि मुझे तो डर है कि सरकार बनने के बाद मुझे पूछेंगे या नहीं।
उमा भारती को मनाने में जुटी है बीजेपी
केंद्र और मध्य प्रदेश में सरकार चला रही भारतीय जनता पार्टी पूर्व सीएम उमा भारती की नाराजगी को दूर करने में जुटी हुई है। उमा के बयान पर बीजेपी के नेता कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी पिछले दिनों जाकर उनसे मुलाकात की थी। उनके भतीजे और विधायक राहुल लोधी को हाल ही में कैबिनेट विस्तार में मंत्री बनाया गया है। इसके अलावा उनके एक अन्य करीबी प्रीतम लोधी को बीजेपी ने शिवपुरी की पिछोड़ सीट से टिकट दिया है।
लोधी ने बीते साल ब्राह्मण समुदाय के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी की थी, जिसके बाद अगस्त 2022 में उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। लेकिन महज 9 माह में उनका निष्कासन कर दिया गया और फिर टिकट भी थमा दिया गया।
लोकसभा चुनाव लड़ सकती हैं उमा !
सियासी जानकार उमा भारती के विधानसभा चुनाव न लड़ने के पीछे के फैसले की वजह लोकसभा चुनाव को मान रहे हैं। बताया जा रहा है कि 2014 की तरह एकबार फिर उमा दिल्ली की राजनीति करना चाहती हैं। वो जानती हैं कि भोपाल की राजनीति में उनके लिए अब ज्यादा स्पेस रह नहीं गया है। चूंकि विधानसभा चुनाव के तीन-चार माह बाद लोकसभा चुनाव होगा, इसलिए वो अभी से प्रेशर पॉलिटिक्स कर रही हैं, ताकि उन्हें लोकसभा का टिकट मिल जाए। हालांकि, लोकसभा चुनाव लड़ने को लेकर उमा भारती की ओर से फिलहाल किसी तरह का बयान नहीं आया है।
बता दें कि 2003 में मध्य प्रदेश में दिग्विजय सिंह की अगुवाई में 10 वर्षों से चली आ रही कांग्रेस सरकार को बीजेपी ने उमा भारती के नेतृत्व में ही उखाड़ फेंका था। तब बीजेपी ने 173 सीटों पर जीत हासिल की थी, जो मध्य प्रदेश में भगवा दल का अब तक का सबसे शानदार प्रदर्शन है।