Maharashtra Politics: अब शिवसेना सांसदों की बगावत के आसार, उद्धव सतर्क, भावना गवली को चीफ व्हिप पद से हटाया

Maharashtra Politics: विधायकों के बाद अब शिवसेना के कई सांसदों के बागी तेवर अपनाने के आसार दिख रहे हैं। शिंदे गुट ने दावा किया गया है कि शिवसेना के 12 सांसद बगावत के लिए तैयार हैं।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2022-07-06 14:49 GMT

पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे: photo - social media

New Delhi: शिवसेना (Shiv Sena) विधायकों की बगावत के बाद महाराष्ट्र (Maharashtra) में नई सरकार का गठन हो चुका है मगर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की मुसीबतों का अंत होता नहीं दिख रहा है। विधायकों के बाद अब शिवसेना के कई सांसदों के बागी तेवर अपनाने के आसार दिख रहे हैं। शिंदे गुट की ओर से दावा किया गया है कि शिवसेना के 12 सांसद बगावत के लिए तैयार हैं। सांसदों के बागी तेवर को देखते हुए उद्धव ठाकरे भी इस सतर्क हो गए हैं। 

शिंदे गुट से हमदर्दी दिखाने वाली सांसद भावना गवली को लोकसभा में शिवसेना के चीफ व्हिप पद से हटा दिया गया है। उनकी जगह उद्धव ठाकरे के करीबी माने जाने वाले राजन विचारे को चीफ व्हिप की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है। सियासी जानकारों का कहना है कि सांसदों के बागी तेवर की आशंका को देखते हुए ही उद्धव ठाकरे की ओर से यह कदम उठाया गया है। राष्ट्रपति चुनाव में भी कई सांसद एनडीए के उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के समर्थन के पक्ष में दिख रहे हैं। यही कारण है कि उद्धव ठाकरे की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं।

भावना गवली ने किया था शिंदे गुट का समर्थन 

शिवसेना संसदीय दल के नेता संजय राउत ने चीफ व्हिप भावना गवली को पद से हटाए जाने की जानकारी दी है। उन्होंने इस बाबत संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी को पत्र लिखा है। जोशी को लिखे गए पत्र में भावना गवली की जगह राजन विचारे की तत्काल प्रभाव से नियुक्ति की जानकारी दी गई है। 

ऐसा माना जा रहा है कि शिवसेना नेतृत्व की ओर से उठाए गए इस कदम के बाद संसदीय दल में भी टकराव बढ़ेगा। शिंदे गुट की बगावत के बाद भावना गवली ने उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर शिंदे गुट की मांग को जायज ठहराया था। उनका कहना था कि शिंदे की मांग के मुताबिक शिवसेना नेतृत्व को भाजपा के साथ गठबंधन करना चाहिए। भावना गवली के इस पत्र को लेकर शिवसेना नेतृत्व काफी नाराज था और माना जा रहा है कि इसी कारण उन्हें चीफ व्हिप पद से हटाया गया है।

राष्ट्रपति चुनाव में क्रॉसवोटिंग की आशंका 

माना जा रहा है कि उद्धव ठाकरे की ओर से उठाए गए इस कदम के बाद शिवसेना के कई सांसदों की ओर से बगावत का झंडा बुलंद किया जा सकता है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के सांसद बेटे एकनाथ शिंदे ने पहले ही उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत कर रखी है। अब भावना गवली भी उद्धव ठाकरे के खिलाफ मोर्चा खोल सकती हैं। 

राष्ट्रपति चुनाव को लेकर भी शिवसेना सांसदों की नाराजगी की बात सामने आई है। शिवसेना के सांसद राहुल शेवाले ने उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि शिवसेना को सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय रहने वाली आदिवासी महिला का समर्थन करना चाहिए। माना जा रहा है कि राष्ट्रपति चुनाव के दौरान शिवसेना के कई सांसद क्रॉसवोटिंग करके द्रौपदी मुर्मू का समर्थन कर सकते हैं। 

12 सांसदों के साथ आने का दावा 

इस बीच शिंदे गुट के विधायक गुलाबराव पाटिल ने दावा किया है कि शिवसेना के 18 में से 12 सांसद जल्दी ही एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाले गुट में शामिल हो जाएंगे। जलगांव में मीडिया से बातचीत के दौरान पाटिल ने कहा कि वे 4 सांसदों से व्यक्तिगत तौर पर मुलाकात कर चुके हैं और दूसरे सांसदों ने भी शिंदे गुट को समर्थन का वादा किया है। 

उन्होंने कहा कि 55 में से 40 विधायक हमारे साथ हैं और जल्द ही 18 में से 12 सांसद भी शिंदे गुट के साथ आ जाएंगे। उन्होंने कहा कि आठ मंत्रियों ने शिवसेना छोड़ी है और इसका मतलब पूरी तरह साफ है कि शिंदे गुट में शामिल सभी लोग शिवसेना को बचाने के इच्छुक हैं।

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