Rajya Sabha Elections: महाराष्ट्र में छठी सीट पर भाजपा शिवसेना आमने-सामने, दोनों दलों में खींचतान शुरू
Rajya Sabha Elections: महाराष्ट्र में राज्यसभा चुनाव को भाजपा ने काफी दिलचस्प बना दिया है। भाजपा की ओर से तीन सीटों पर प्रत्याशी उतारे जाने से शिवसेना की मुसीबतें बढ़ गई हैं।
Rajya Sabha elections in Maharashtra: महाराष्ट्र में राज्यसभा चुनाव को भाजपा ने काफी दिलचस्प बना दिया है। भाजपा की ओर से तीन सीटों पर प्रत्याशी उतारे जाने से शिवसेना की मुसीबतें बढ़ गई हैं। महाराष्ट्र में राज्यसभा की 6 सीटों पर चुनाव हो रहा है। शिवसेना ने 2 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं जबकि भाजपा ने 3 सीटों पर प्रत्याशी उतार दिए हैं। कांग्रेस और एनसीपी ने एक-एक सीट के लिए अपने प्रत्याशी घोषित किए हैं।
विधानसभा के समीकरण को देखते हुए भाजपा (BJP) की दो और शिवसेना(Shivsena) की एक सीट पक्की मानी जा रही है। कांग्रेस और एनसीपी की एक-एक सीट पर जीत तय है। अब बाकी बची छठी सीट पर शिवसेना और भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद जताई जा रही है। भाजपा की ओर से तीन प्रत्याशी उतारे जाने पर शिवसेना बिफर पड़ी है और उसने विधायकों की खरीद-फरोख्त की साजिश का आरोप लगाया है। दोनों दलों के बीच बढ़ती खींचतान के कारण राज्य का सियासी माहौल गरमा गया है।
राज्यसभा चुनाव का समीकरण
भाजपा की ओर से राज्य की तीन सीटों पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, अनिल बोंडे और धनंजय महादिक को प्रत्याशी बनाया गया है। भाजपा के तीनों प्रत्याशियों ने सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में नामांकन भी दाखिल कर दिया। शिवसेना की ओर से संजय राउत के साथ संजय पवार (Sanjay Pawar) को पार्टी का प्रत्याशी घोषित किया गया है। उधर कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश के नेता इमरान प्रतापगढ़ी को चुनाव मैदान में उतारा है जबकि प्रफुल्ल पटेल एनसीपी की ओर से प्रत्याशी घोषित किए गए हैं।
भाजपा अपने बूते दो सीटें जीतने की स्थिति में है जबकि शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी अपने-अपने बूते एक-एक सीट पर जीत हासिल करने में सक्षम है। ऐसी स्थिति में असली लड़ाई छठी सीट पर होगी और इसे लेकर भाजपा और शिवसेना के बीच घमासान छिड़ता नजर आ रहा है। दोनों दलों ने बाजी जीतने के लिए सियासी जोड़-तोड़ शुरू कर दी है।
कोल्हापुर से जुड़े हैं दोनों प्रत्याशी
भाजपा की ओर से घोषित किए गए तीसरे प्रत्याशी धनंजय महादिक कोल्हापुर से हैं। उनके पिता महादेव महादिक कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे हैं। धनंजय ने अपना सियासी सफर शिवसेना से ही शुरू किया था और बाद में वे एनसीपी में शामिल हो गए थे। 2014 के चुनाव में उन्हें जीत हासिल हुई थी मगर 2019 में चुनाव हारने के बाद उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया था। अब पार्टी ने उन्हें राज्यसभा चुनाव के अखाड़े में उतार दिया है।
दूसरी ओर शिवसेना के दूसरे उम्मीदवार संजय पवार (Sanjay Pawar) का रिश्ता भी कोल्हापुर से ही है। धनंजय और संजय दोनों की कर्मभूमि कोल्हापुर ही रही है और राज्यसभा चुनाव में दोनों के बीच कड़े मुकाबले की बिसात बिछ गई है।
शिवसेना ने लगाया खरीद-फरोख्त का आरोप
भाजपा की ओर से तीसरा उम्मीदवार उतारने पर शिवसेना बिफर पड़ी है पार्टी के सांसद संजय राउत ने आरोप लगाया है कि भाजपा की ओर से राज्य में विधायकों की खरीद-फरोख्त की साजिश रची जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि खरीद-फरोख्त करने के लिए ही भाजपा की ओर से तीसरा उम्मीदवार उतारा गया है और इसी कारण हमारी सरकार की इस चुनाव पर कड़ी नजर है। भाजपा की साजिश को किसी भी कीमत पर सफल नहीं होने दिया जाएगा।
भाजपा को तीनों सीटें जीतने का भरोसा
शिवसेना नेता के आरोपों का जवाब देते हुए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि भाजपा के तीनों उम्मीदवार जीतने में कामयाब होंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा को खरीद-फरोख्त करने की कोई जरूरत ही नहीं है। हमें अपने तीनों प्रत्याशियों के जीतने का भरोसा है और इसी कारण पार्टी की ओर से तीसरा प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारा गया है।
उन्होंने कहा कि शिवसेना को अपने दूसरा उम्मीदवार वापस ले लेना चाहिए। फडणवीस ने कहा कि हमें पूरा भरोसा है की विधायक अपने विवेक का पूरा इस्तेमाल करेंगे और राज्य में किसी भी प्रकार की खरीद-फरोख्त नहीं होगी।
छठी सीट पर होगा कड़ा मुकाबला
सियासी जानकारों का कहना है कि भाजपा के दोनों उम्मीदवारों के लिए 42-42 वोट सुरक्षित रखने के बाद पार्टी के पास 22 वोट बचेंगे। ऐसे में पार्टी निर्दलीय विधायकों और महाविकास अघाड़ी गठबंधन में शामिल तीनों दलों शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के असंतुष्ट विधायकों के जरिए इस चुनाव को जीतने की कवायद करेगी।
दूसरी और शिवसेना को अपना दूसरा उम्मीदवार जिताने के लिए अपनी पार्टी के साथ ही कांग्रेस और एनसीपी के अतिरिक्त वोटों की मदद की दरकार है। ऐसे में महाराष्ट्र में राज्यसभा की छठी सीट पर कड़े मुकाबले की बिसात बिछ गई है।
कांग्रेस में बाहरी उम्मीदवार इमरान प्रतापगढ़ी को लेकर कुछ नाराजगी दिख रही है। इस कारण भाजपा की ओर से कांग्रेस में सेंधमारी की कोशिश की जा सकती है। राज्यसभा चुनाव के लिए 10 जून को मतदान होना है और माना जा रहा है कि मतदान की तारीख नजदीक आने के साथ शिवसेना और भाजपा में सियासी खींचतान और बढ़ेगी।