Bombay High Court: फैक्ट चेक यूनिट मौलिक अधिकारों का हनन.., बॉम्बे हाईकोर्ट ने IT नियमों में बदलाव को किया रद्द

Bombay High Court: बॉम्बे उच्च न्यायालय ने सूचना प्रौद्योगिकी संशोधन नियम 2023 को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने इसे असंवैधानिक करार दिया है।

Update:2024-09-20 18:29 IST

बॉम्बे हाईकोर्ट ने IT नियमों में बदलाव को किया रद्द (सोशल मीडिया)

Bombay High Court: बॉम्बे उच्च न्यायालय ने सूचना प्रौद्योगिकी संशोधन नियम 2023 को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने इसे असंवैधानिक करार दिया है। सूचना प्रौद्योगिकी संशोधन के जरिए केंद्र सरकार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपने कामकाज के बारे में ’फर्जी और भ्रामक’ सूचनाओं की पहचान करने और उसे खारिज करने के लिए फैक्ट चेक यूनिट स्थापित करने की अनुमति थी। कोर्ट ने इस मामले पर कहा कि फैक्ट चेक यूनिट (FCU) मौलिक अधिकारों का हनन है। 

बीते जनवरी माह में एक खंडपीठ द्वारा संशोधित आईटी नियमों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर दो जजों ने विभाजित निर्णय दिया था। जिसके बाद मामले को न्यायमूर्ति एएस चंदुरकर को ’टाई-ब्रेकर जज’ के रूप में सौंपा गया था। जिसके बाद न्यायमूर्ति चंदुरकर ने आज कहा कि आईटी नियमों ने संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन किया है।

जस्टिस ने कहा है कि मेरा मानना है कि यह संशोधन देश के संविधान के अनुच्छेद 14 और अनुच्छेद 19 का उल्लंघन हैं। इससे पूर्व न्यायाधीश गौतम पटेल और डॉ नीला गोखले की खंडपीठ ने सूचना प्रौद्योगिकी संशोधन नियम 2023 पर जनवरी 2024 में अलग-अलग निर्णय सुनाया था। 

अपने निर्णय में न्यायाधीश गौतम पटेल ने कहा था कि आईटी नियमों में संशोधन प्रस्तावित फैक्ट चेक यूनिट (FCU) ऑनलाइन और प्रिंट सामग्री के बीच डिफरेंटल ट्रीटमेंट के कारण सीधे अनुच्छेद 19(1)(जी) के तहत मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। भारत के संविधान का अनुच्छेद 19(1)(जी) किसी भी व्यवसाय का अभ्यास करने की स्वतंत्रता देता है। वहीं इस मामले पर दूसरे न्यायाधीश डॉ. नीला गोखले ने आईटी नियमों (IT Rules) में संशोधन को असंवैधानिक करार दिया था।

उन्होंने अपने फैसले में कहा था कि याचिकाकर्ता की यह आशंका है कि फैक्ट चेक यूनिट (FCU) एक पक्षपाती निकाय होगा। जिसमें केंद्र सरकार द्वारा चुने गए लोग ही शामिल होंगे और उनके निर्देशों का पालन करेंगे। न्यायाधीश श्री पटेल ने अपने निर्णय में स्पष्ट कहा था कि स्वतंत्र भाषण पर कोई प्रतिबंध नहीं हो सकता है। न ही सूचना प्रौद्योगिकी संशोधन नियम 2023 किसी उपयोगकर्ता को भुगतने वाले किसी दंडात्मक परिणाम का सुझाव देता है। 

Tags:    

Similar News