वैक्सीन पर छिड़ा युद्ध: महाराष्ट्र सरकार ने केंद्र पर मढ़ा आरोप, डोज पर नाइंसाफी क्यों

देशभर में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच वैक्सीन को लेकर केंद्र और महाराष्ट्र सरकार के बीच टकराव...

Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2021-04-08 09:32 GMT

फोटो-सोशल मीडिया

नई दिल्ली। देशभर में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच वैक्सीन को लेकर केंद्र और महाराष्ट्र सरकार के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। ऐसे में महाराष्ट्र सरकार ने वैक्सीन वितरण में भेदभाव का आरोप केंद्र सरकार पर लगाया है। इस बारे में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने आरोप लगाया कि हमें हफ्ते में सिर्फ 17 लाख कोरोना वैक्सीन की डोज मिली है, जबकि यूपी को 48 लाख, एमपी को 40 लाख और गुजरात को 30 लाख वैक्सीन डोज दी गई है।

सबसे ज्यादा आबादी 

बढ़ते मामलों के बीच महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि मैंने केंद्र के भेदभाव के बारे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन से बात की है, हमारे यहां सबसे अधिक केस है, सबसे ज्यादा आबादी है और 57 हजार से अधिक मौतें हुई हैं, बावजूद इसके भेदभाव किया जा रहा है, मेरी शिकायत पर हर्षवर्धन ने कहा कि मैं देखता हूं और इसको सही कराता हूं।

आगे स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि वैक्सीन की कमी के कारण सतारा, पनवेल समेत कई इलाकों में वैक्सीनेशन रूक गया है, हमने सबसे अधिक लोगों को कोरोना वैक्सीन की खुराक दी, बावजूद इसके दूसरे राज्यों को अधिक स्टॉक दिया गया, हमने हर हफ्ते 40 लाख कोरोना वैक्सीन की डोज की मांग की है।


महाराष्ट्र की आबादी 12 करोड़

इसके साथ ही उम्र सीमा को खत्म करने की मांग करते हुए स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि अमेरिका जैसे देश में कोरोना वैक्सीनेशन की उम्र 18 साल से ऊपर है, इसी उम्र से अधिक लोग अधिकतर समय बाहर रहते हैं, ऐसे में इन लोगों को वैक्सीन लगाना बहुत जरूरी है, हमने केंद्र से उम्र सीमा को हटाने की मांग की है।

वहीं स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि केंद्र सरकार हमारी मदद कर रही है, लेकिन इस तरह मदद नहीं की जानी चाहिए, गुजरात की आबादी 6 करोड़ हैं और उन्हें अब तक 1 करोड़ से अधिक वैक्सीन मिल चुके हैं, जबकि महाराष्ट्र की आबादी 12 करोड़ है और उसे अब तक 1 करोड़ 4 लाख डोज ही दिया गया है।

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