Maharashtra: उद्धव सरकार की मुसीबतें बढ़ीं, शिकायतें लेकर सोनिया के दरबार में पहुंचे कांग्रेस विधायक
Maharashtra : इन दिनों महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। हाल ही में कांग्रेस के विधायकों ने उद्धव ठाकरे सरकार के खिलाफ शिकायतों को लेकर सोनिया गांधी से मुलाकात किया है।
Maharashtra News : महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) सरकार की मुसीबतें लगातार बढ़ती जा रही हैं। महाविकास अघाड़ी गठबंधन में शामिल कांग्रेस (Congress) के विधायक सरकार के कामकाज से संतुष्ट नहीं हैं। कांग्रेस के 25 विधायकों ने इस संबंध में पिछले दिनों पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को चिट्ठी लिखी थी और अब कांग्रेस विधायकों ने दिल्ली पहुंचकर सोनिया से मुलाकात की है।
इस मुलाकात के दौरान कांग्रेस विधायकों ने कांग्रेस अध्यक्ष से तमाम शिकायतें की हैं। उनका आरोप है कि सरकार में उनकी बातें नहीं सुनी जाती हैं और क्षेत्र के विकास के लिए पैसा भी नहीं मिलता। उनका कहना था कि मंत्री विधायकों की बातों पर कोई ध्यान नहीं देते और ऐसी स्थिति में पार्टी के लिए अगले चुनाव में काफी मुश्किलें खड़ी हो जाएंगी।
कांग्रेस विधायकों की अनदेखी का आरोप
दरअसल महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी गठबंधन में ऊपर से भले ही सबकुछ दुरुस्त दिख रहा हो मगर भीतर ही भीतर असंतोष की आग सुलग रही है। सबसे ज्यादा नाराजगी कांग्रेस विधायकों में दिख रही है। पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के लिए विधायकों ने पिछले दिनों समय मांगा था और मंगलवार को कांग्रेस के 22 विधायकों ने दिल्ली पहुंचकर सोनिया गांधी के सामने अपनी शिकायतें रखीं हैं।
कांग्रेस विधायकों ने कहा कि उद्धव सरकार में शामिल कांग्रेस कोटे के मंत्री भी बेअसर दिख रहे हैं। सरकार के फैसलों में उनकी कोई भूमिका नहीं नजर आ रही है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी कांग्रेस विधायकों से मुलाकात नहीं करते। कई बार उनसे मुलाकात का समय मांगा गया मगर उन्होंने कांग्रेस विधायकों से मुलाकात करना जरूरी नहीं समझा। पार्टी विधायकों के प्रति उनकी यह बेरुखी चिंता का विषय बन गई है।
कांग्रेस कोटे के मंत्री बदलने की मांग
विधायकों ने यह भी शिकायत की है कि दूसरे दलों के मंत्री तो दूर कांग्रेस कोटे के मंत्री भी उनकी बातों पर ध्यान नहीं देते। कांग्रेस विधायकों के क्षेत्रों की समस्याओं का कोई निराकरण नहीं किया जाता। विधायकों ने कांग्रेस कोटे के मंत्रियों को भी बदलने की मांग की। उनका कहना था कि नए चेहरों को मंत्री बनने का मौका दिया जाना चाहिए।
कांग्रेस विधायकों ने डेढ़ साल से विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव न होने का मुद्दा भी उठाया। उनका कहना था कि उद्धव सरकार इस मामले में कोई दिलचस्पी नहीं ले रही है और इसी कारण विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव का मामला लटका हुआ है।
विधायकों ने पहली बार की सोनिया से मुलाकात
महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी गठबंधन की सरकार बनने के बाद यह पहला मौका है जब कांग्रेस के विधायक अपनी शिकायतें लेकर सोनिया के दरबार में पहुंचे हैं। कांग्रेस विधायकों के रुख से साफ हो गया है कि आने वाले दिनों में उद्धव सरकार की मुसीबतें और बढ़ेंगी।
पार्टी अध्यक्ष से मुलाकात के बाद कांग्रेस विधायक कैलाश गोरंटियाल ने कहा की पार्टी अध्यक्ष ने उनकी सारी शिकायतों को काफी ध्यान से सुनना है और उनका निस्तारण करने का आश्वासन दिया है। उनका कहना था कि कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा है कि इस मामले में पार्टी की ओर से जरूर कदम उठाए जाएंगे।
वरिष्ठ नेता भी कर चुके हैं शिकायत
इससे पूर्व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विश्वबंधु राय ने भी सोनिया को चिट्ठी लिखकर आगाह किया था कि राज्य में भाजपा को रोकने के लिए कांग्रेस को खुद को बर्बाद नहीं करना चाहिए। ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सदस्य विश्वबंधु राय का कहना था कि महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी गठबंधन में शामिल सहयोगी दलों शिवसेना और एनसीपी के नेताओं पर लगातार केंद्रीय एजेंसियों के छापे पड़ रहे हैं। इन दोनों दलों के साथ सरकार में कांग्रेस भी शामिल है। इसलिए दोनों सहयोगी दलों के कुकर्मों के छींटे कांग्रेस के दामन पर भी पड़ रहे हैं और इसका खामियाजा कांग्रेस को भी भुगतना पड़ रहा है।
नहीं पूरा हो रहा कांग्रेस का वादा
उन्होंने कहा कि राज्य में सिर्फ भाजपा को रोकने के लिए कांग्रेस को अपना अस्तित्व दांव पर नहीं लगाना चाहिए। भाजपा को रोकने के चक्कर में पार्टी लगातार कमजोर होती जा रही है। उनका यह भी कहना था कि ढाई साल का समय बीतने के बावजूद कांग्रेस के घोषणा पत्र में किया गया एक भी वादा पूरा नहीं किया गया है। ऐसे में विधायक किस मुंह से मतदाताओं के सामने वोट मांगने के लिए जाएंगे।
राय के अलावा कांग्रेस के 25 विधायकों ने भी सोनिया को चिट्ठी लिखकर अपनी शिकायत दर्ज कराई थी। कांग्रेस विधायकों के रुख से साफ हो गया है कि महाविकास अघाड़ी गठबंधन सरकार में भीतर ही भीतर असंतोष की आग धधक रही है।