कोरोना मरीज फिर रहे मारे-मारे, अस्पताल में ऐसी स्थिति, बिगड़ी नागपुर की हालत
कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच नागपुर के अस्पताल में बेड की कमी हो गई है। बता दें कि मौजूदा समय में नागपुर में 34 हजार से भी ज्यादा कोविड-19 के एक्टिव केस हैं।
नई दिल्ली: देश में एक बार फिर से कोरोना वायरस (Corona Virus) ने अपनी रफ्तार पकड़ ली है। भारत के कई राज्यों में तेजी से कोविड-19 संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है, जिससे सरकार की चिंता बढ़ गई है। करीब पांच महीने के बाद एक दिन में पचास हजार से अधिक भारत में मामले दर्ज किए गए हैं।
कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित महाराष्ट्र
कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले राज्यों में महाराष्ट्र सबसे आगे बना हुई है। Maharashtra की हालत सबसे ज्यादा बुरी है। जहां से कोरोना के कुल मामलों में से 60 फीसदी से अधिक सामने आ रहे हैं। इस बीच अब नागपुर से एक चिंताजनक बात सामने आई है। दरअसल, यहां पर कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से अस्पताल में बेड की कमी हो गई है।
नागपुर में बेड्स की हुई कमी
नागपुर GMC के मेडिकल अधिकारी के मुताबिक, अस्पताल में 600 बेड्स हैं लेकिन उनमें से 90 बेड्स बेसमेंट में हैं। जिन्हें ड्रेनेज की परेशानी की वजह से बंद किया गया है। अधिकारी ने बताया कि हम अब तक हाई कोर्ट की अनुमति का इंतजार कर रहे थे। अब बीते दिन हमें बेड्स मिल पाए हैं। जानकारी के लिए आपको बता दें कि नागपुर देश के उन दस जिलों में से एक है, जहां पर सबसे ज्यादा एक्टिव केस हैं।
३१ मार्च तक लगा लॉकडाउन
इस वक्त नागपुर में 34 हजार से भी ज्यादा कोरोना के एक्टिव केस हैं। बीते दिन यहां पर कोरोना वायरस के करीब 3700 नए मामले दर्ज किए गए हैं। जो कि अब तक सबसे अधिक आंकड़ा है। कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से नागपुर में 31 मार्च तक लॉकडाउन लगाया गया है। नागपुर के अलावा बीड, नांदेड़ में भी संपूर्ण लॉकडाउन है, जबकि महाराष्ट्र के कई अन्य शहरों में नाइट कर्फ्यू जैसी पाबंदियां लागू हैं।
राजस्थान में प्रवेश करने के लिए कोविड टेस्ट जरूरी
वहीं, राजस्थान में तो कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सख्ती बढ़ा दी गई है। यहां पर होली, शब ए बारात के किसी भी कार्यक्रम की अनुमति नहीं है। साथ ही किसी अन्य राज्य से राजस्थान आने वाले व्यक्ति को 72 घंटे के भीतर वाली RT-PCR टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी। बता दें कि पहले ये नियम कुछ राज्यों से आने वाले लोगों के लिए ही लागू था।
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