ट्रेडमार्क विवाद में फंसी कोरोना की वैक्सीन कोविशील्ड, जाने बॉम्बे HC का फैसला

कोरोना वायरस संक्रमण से लड़ने के लिए हमारे पास उम्मीद की एकमात्र किरण के तौर पर कोविशील्ड (Covishield ) ही है, लेकिन अब वैक्सीन कोविशील्ड पर ट्रेडमार्क विवाद (Trademark) का साया मंडराने लगा है।

Reporter :  Daksham Dwivedi
Published By :  Monika
Update: 2021-04-21 11:27 GMT

कोविशील्ड वैक्सीन (फोटो : सोशल मीडिया)

मुंबई: इस वक्त पूरे देश में कोरोना (Coronavirus) से कोहराम मचा हुआ है । दूसरी लहर ने जिस तेजी से अपने पांव पसारे हैं उससे लोगों में डर बैठ गया है । ऐसे में हमारे पास उम्मीद की एकमात्र किरण के तौर पर कोविशील्ड (Covishield ) ही है, लेकिन अब वैक्सीन कोविशील्ड पर ट्रेडमार्क विवाद (Trademark) का साया मंडराने लगा है। फार्मा कंपनी क्यूटिस बायोटेक (cutis biotech) ने बॉम्बे हाइकोर्ट (Bombay Highcourt ) में कोविशील्ड ट्रेडमार्क होने का दावा किया है। बहरहाल कोरोना वायरस से सुरक्षा प्रदान करने वाली इस वैक्सीन को कोविशील्ड नाम का इस्तेमाल करने पर फिलहाल कोर्ट से राहत मिल गई है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एसआईआई) को कोविड-19 के उपचार के लिए बने उसके टीके को 'कोविशील्ड' नाम का इस्तेमाल करने पर रोक लगाने से मना कर दिया। न्यायालय ने कहा कि ऐसा कोई आदेश, वैक्सीन की व्यवस्था -प्रशासन कार्यक्रम में संदेह और रुकावट पैदा करेगा।

जानिए कोर्ट का रुख

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अगर सीरम इंस्टीट्यूट को कोविशील्ड नाम का इस्तेमाल नहीं करने दिया गया तो इससे देश में जारी वैक्सीनेशन ड्राइव पर असर पड़ सकता है और लोगों में एक भ्रम की स्थिति उत्पन हो जाएगी। कोर्ट की तरफ से ये भी साफ किया गया है कि इस वक्त देश में लोगों की नजर में कोविशील्ड एक ऐसी वैक्सीन है जो कोरोना के खिलाफ जंग में सहायक है तथा अच्छी खासी मात्रा में इसका इस्तेमाल भी हो रहा है। ऐसे में वैक्सीन का नाम बदलने से किसी का भी फायदा नहीं होगा। अगर कुछ आंकड़ों पर गौर करें तो यहां पर भी सीरम इंस्टीट्यूट का पक्ष मजबूत होता दिख रहा है।

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