Dharavi Redevelopment: क्या है धारावी की री-डेवलपमेंट योजना? क्यों धारावी की तस्वीर बदलना होगी एक बड़ी चुनौती

Dharavi Redevelopment Prouject: मुंबई के केंद्र में स्थित धारावी को संवारने का जिम्मा गौतम अडानी की अगुवाई वाली कंपनी अडानी ग्रुप को मिला है। यहां चमड़े का बड़ा उद्योग है। मुंबई जैसे–जैसे फैला इसका दायरा भी बढ़ता गया है।

Update:2022-12-06 16:16 IST

धारावी की री-डेवलपमेंट योजना एक बड़ी चुनौती क्यों: Photo- Social Media

Dharavi Redevelopment: एशिया के सबसे बड़े स्लम एरिया (slum area) के कायाकल्प का जिम्मा इस महादेश के सबसे रईस शख्स को मिला है। 10 लाख की आबादी वाला यह स्लम तंग गलियों और गंदगियों के लिए पहचाना जाता रहा है। मुंबई के केंद्र में स्थित धारावी को संवारने का जिम्मा गौतम अडानी (Gautam Adani) की अगुवाई वाली कंपनी अडानी ग्रुप (Adani Group) को मिला है। यहां चमड़े का बड़ा उद्योग है। मुंबई जैसे–जैसे फैला इसका दायरा भी बढ़ता गया है।

वर्तमान में इस स्लम में हजारों लघु उद्योग हैं। कहते हैं कि धारावी में एक-एक कमरे में परिवारों की दुनिया बसी है। एक दीवार से दूसरे दीवार की दूरी अधिक नहीं होती और ऐसे ही चार दीवारों से घिरकर लोगों का घर है। धारावी के रीडेवलपमेंट की कवायद लंबे समय से होते रही है लेकिन ये कभी परवान नहीं चढ़ सकी। अडानी ग्रुप द्वारा इस प्रोजेक्ट का बीड जीतने के बाद लोगों को उम्मीद है कि इसबार परियोजना वाकई में जमीन पर उतरती हुई नजर आएगी।

धारावी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट क्या है ?

धारावी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट (Dharavi Redevelopment Project) करीब 1 करोड़ वर्ग फीट एरिया शामिल है। इसमें से 70-80 लाख वर्ग मीटर एरिया का इस्तेमाल रिहैब्लिटेशन के लिए होगा। वहीं बाकी को ओपन मार्केट में सेल किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट की लागत करीब 20 हजार करोड़ रूपये है। इस प्रोजेक्ट की टाइमलाइन 7 साल है। इतने समय में धारावी में रहने वाले 60 हजार परिवारों को फिर से बसाया जाएगा। इस स्लम में रहने वाले हर परिवार को 405 वर्ग फीट कारपेट एरिया का घर मिलेगा। यहां रह रहे लोगों को यह घर मुफ्त में दिया जाएगा। इस कवायद का मकसद यहां के लोगों के जीवन स्तर को सुधारना है।

अडानी ने कैसी जीती बाजी?

धारावी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट को हासिल करने के लिए कई कंपनियां रेस में थीं। जानकरी के मुताबिक, 18 साल पुराने इस प्रोजेक्ट में दुनिया की 8 कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई थी। जिनमें 5 भारत की और तीन विदेशी कंपनी है। हालांकि, बोली लगाने से पहले ही 5 कंपनियां पीछे हट गईं। सिर्फ तीन कंपनियों ने बोली लगाई। अडानी ग्रुप ने 5 हजार 69 करोड़ रूपये की सर्वाधिक बोली लगाकर बाजी मार ली। दूसरे नंबर पर डीएलएफ समूह ने 2 हजार 25 करोड़ रूपये की बोली लगाई थी। वहीं, रेस में शामिल तीसरी कंपनी नमन समूह को टेंडर प्रक्रिया में अवैध पाया गया।

अडानी ग्रुप को इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए एक नई स्पेशल कंपनी (SPV) बनानी होगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, डेवलपर (अडानी ग्रुप) स्पेशल पर्पज व्हीकल यानी एसपीवी में 80 फीसदी इक्विटी रखेगा और महाराष्ट्र सरकार 20 फीसदी इक्विटी रखेगी। इस रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के लिए राज्य सरकार ने 240 हेक्टेयर भूमि अधिसूचित किया है।

चुनौतियों से भरा होगा सफर

मुंबई के मध्य में करीब 600 एकड़ में फैले धारावी में 60 हजार से अधिक बस्तियों में करब 10 लाख लोग रहते हैं। इसके अलावा धारावी में 13 से अधिक लघु उद्योग भी चलते हैं। इसके एक तरफ बांद्र कुर्ला कॉम्पलेक्स है तो दूसरी तरफ दादर है। धारावी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के लिए 6 बार ग्लोबल टेंडर जारी हो चुके हैं। साल 2007 को छोड़ दें तो इसमें किसी ने भी खास रूचि नहीं दिखाई और अंततः 2022 में जो तीन टेंडर मिले थे उनमें अडानी को चुना गया।

डेवलपर्स द्वारा इस प्रोजेक्ट में रूचि न दिखाने की बड़ी वजह इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के दौरान आने वाली कठिनाईयां है। इतने विशाल क्षेत्र में फैली इस घनी झुग्गी का रीडेवलपमेंट चुनौतियों से भरा है। यह शहर के अंदर एक शहर जैसा है। लाखों की आबादी और हजारों लघु उद्योग को इस परियोजना के लिए तैयार करना एक मुश्किल काम है। 

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