महाराष्ट्र के नए गृहमंत्री होंगे दिलीप पाटिल, जानिए इनके बारे में
उद्धव सरकार दिलीप पाटिल को गृह मंत्रालय का प्रभार सौंप सकती है। हालांकि अभी इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
मुंबई: वसूली प्रकरण में बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) का फैसला आने के बाद महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने इस्तीफा दे दिया है। अब उनके इस्तीफे के बाद दिलीप पाटिल महाराष्ट्र के नए गृह मंत्री हो सकते हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पाटिल को गृह मंत्री के तौर पर राज्य की कमान सौंपी जा सकती है। आपको बता दें कि पाटिल वर्तमान सरकार में आबकारी एवं श्रम विभाग के मंत्री का पद संभाल रहे हैं।
बॉम्बे हाई कोर्ट ने सुनाया ये फैसला
आपको बता दें कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने आज गृह मंत्री पर लगाए गए 100 करोड़ की हफ्ता वसूली के आरोप पर बड़ा फैसला सुनाया है। दरअसल, HC ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है। गौरतलब है कि बीते महीने मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ के उगाही का आरोप लगाया था। अब इस मामले की जांच सीबीआई करेगी।
HC के फैसले के बाद देशमुख ने दिया इस्तीफा
बॉम्बे हाई कोर्ट के इस आदेश के तीन घंटे के भीतर ही महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने इस्तीफा दे दिया है। पार्टी सुप्रीमो शरद पवार से बात करने के बाद अनिल देशमुख ने सूबे के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को अपना इस्तीफा सौंपा है। इसके बाद माना जा रहा है कि उद्धव सरकार दिलीप पाटिल को गृह मंत्रालय का प्रभार सौंप सकती है। हालांकि अभी इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
क्या है अनिल देशमुख पर आरोप?
गौरतलब है कि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर आरोप लगाया है कि देशमुख ने सचिन वाजे को 100 करोड़ रुपये का टारगेट दिया था। इस टारगेट को पूरा करने के लिए मुंबई के बार, पब और रेस्टोरेंट से वसूली करने को कहा गया था। परमबीर सिंह की चिट्ठी के मुताबिक, वाजे ने कहा था कि वो 40 करोड़ का टारगेट पूरा कर सकते हैं, 100 करोड़ का नहीं। इस पर अनिल देशमुख ने वाजे को दूसरे तरीके ईजाद करने के लिए कहा था।
इस चिट्ठी के बाद से ही अनिल देशमुख हर किसी के निशाने पर थे। परमबीर सिंह की चिट्ठी के बाद महाराष्ट्र की सियासत में काफी ज्यादा हलचल मच गई थी। हालांकि, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने शुरुआत में अनिल देशमुख का साथ देते हुए उनके इस्तीफे से इनकार कर दिया था। लेकिन देशमुख का बचाव करने के लिए पवार भी सभी के निशाने पर आ गए थे।