Sanjay Raut: संजय राउत के घर से मिले साढ़े 11 लाख जब्त,हिरासत में लेकर ईडी कर रही पूछताछ

Sanjay Raut: ईडी पार्टी नेता संजय राउत को हिरासत में ले लिया है। उन्हें आगे की पूछताछ के लिए ले जाया जा रहा है। इससे पूर्व शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा था कि ईडी संजय राउत को गिरफ्तार कर सकता है

Update:2022-07-31 20:17 IST

संजय राउत (फोटो-सोशल मीडिया)

Sanjay Raut: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने संजय राउत के घर से मिले 11.50 लाख रुपये जब्त कर लिये हैं। ईडी ने इससे पहले शिवसेना नेता संजय राउत (Shivsena Leader Sanjay Raut) को हिरासत में ले लिया था। उन्हें आगे की पूछताछ के लिए ले जाया गया है। प्रवर्तन निदेशालय ने शिवसेना नेता संजय राउत को 31 जुलाई 2022 दोपहर में पात्रा चाल घोटाला मामले में हिरासत में लिया। चूंकि शिवसेना नेता जांच दल को ठीक से जवाब नहीं दे रहे थे, इसलिए ईडी ने उन्हें आगे की पूछताछ के लिए हिरासत में लिया। मुंबई में ईडी कार्यालय के पास भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। ईडी ने जुलाई 2022 में शिवसेना नेता को दो बार तलब किया था। उन्होंने मौजूदा संसद सत्र का हवाला देते हुए अधिकारियों के सामने खुद को पेश नहीं किया। ईडी की एक टीम आज सुबह राउत के आवास पर पहुंची थी और उनसे पूछताछ और घर की तलाशी शुरू की थी। पात्रा चाल घोटाला मामले में केंद्रीय एजेंसी उसकी जांच कर रही है। संजय राउत ने कहा है कि महाराष्ट्र को कमजोर करने की कोशिश हो रही है लेकिन वह झुकेंगे नहीं।

इससे पूर्व शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे (Shiv Sena President Uddhav Thackeray) ने कहा था कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पार्टी नेता संजय राउत को गिरफ्तार कर सकता है और आरोप लगाया कि उनके खिलाफ एजेंसी की चल रही कार्रवाई पार्टी को खत्म करने की एक "साजिश" का हिस्सा है। ठाकरे ठाणे जिले के पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को उनके आवास मातोश्री में संबोधित कर रहे थे, जब ईडी मनी लॉन्ड्रिंग जांच (money laundering investigation) के सिलसिले में राउत के घर की तलाशी ले रहा था। उन्होंने कहा, "संजय राउत के घर पर ईडी के मेहमान हैं। उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है। यह क्या साजिश है? शिवसेना हिंदुओं और मराठी लोगों को ताकत देती है और इसलिए पार्टी को खत्म करने की साजिश है।"

राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मुंबई पर टिप्पणी कर मराठी और महाराष्ट्र का किया अपमान: ठाकरे

ठाकरे ने कहा कि जिन लोगों को शिवसेना ने राजनीतिक रूप से बढ़ने में मदद की, वे अब वफादारी बदल रहे हैं। उन्होंने कहा, "अर्जुन खोतकर (पूर्व मंत्री जो बागी खेमे में शामिल हुए) ने कम से कम स्वीकार किया कि वह दबाव में विद्रोह कर रहे थे। (दिवंगत शिवसेना नेता) आनंद दिघे ने शिव सैनिकों को दिखाया कि जब उन्हें दो साल की जेल हुई तो वफादारी क्या होती है।" ठाकरे ने कहा कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Governor Bhagat Singh Koshyari) ने मुंबई पर अपनी टिप्पणी के माध्यम से मराठी और महाराष्ट्र का अपमान किया। उन्होंने कहा, "उन्हें कोल्हापुरी चप्पल दिखानी होगी।"

राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने ये कहा था 

राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शुक्रवार शाम कहा था कि अगर गुजराती और राजस्थानी नहीं होंगे, तो मुंबई का धन का प्रवाह सूख जाएगा और यह भारत की वित्तीय राजधानी नहीं रहेगा। उन्होंने पार्टी के खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व करने वाले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Chief Minister Eknath Shinde) का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए कहा, ''जो गुलाम बन गए हैं, उनकी क्या प्रतिक्रिया थी..यह बहुत नरम था... बस इतना कहा कि हम सहमत नहीं हैं.''

ठाकरे ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का नाम लिए बिना कहा, "भारत के प्रधान न्यायाधीश ने भी कहा है कि विपक्ष को दुश्मन नहीं माना जाना चाहिए। लेकिन जब हम सहयोगी थे, तो हमें दुश्मन माना जाता था।" उन्होंने कहा कि पार्टी को ऐसे कार्यकर्ताओं की जरूरत है जो निडर हों और अन्याय से लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हों।

शिवसेना कार्यकर्ताओं ने ठाकरे से मुलाकात की

पार्टी सांसद राजन विचारे (MP Rajan Vichare) के नेतृत्व में ठाणे के शिवसेना कार्यकर्ताओं ने ठाकरे से मुलाकात की और उन्हें अपना समर्थन देने का वादा किया। संवाददाताओं से बात करते हुए विचारे ने कहा, "हम उद्धवजी को आश्वस्त करने आए हैं कि हम उनके साथ हैं। शिवसेना को सत्ता का पहला स्वाद तब मिला जब उसने ठाणे निकाय चुनाव जीता। ठाणे उद्धवजी से मजबूती से पीछे रहेगा।" दिघे के भतीजे केदार दिघे और ठाणे जिले की पहली महिला शिव सैनिक अनीता बिरजे ने भी विचारे और अन्य के साथ ठाकरे से मुलाकात की।

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