हाई प्रोफाइल IPS विजय रमन का निधन, पान सिंह तोमर और आतंकी गाजी बाबा का किया था एनकाउंटर...फूलन देवी ने की थी हटाने की मांग

IPS Vijay Raman Dies: विजय रमन अपनी बहादुरी के लिए खासे चर्चित थे। वो 1975 मध्य प्रदेश कैडर के आईपीएस थे। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उन्हें राजीव गांधी की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया था।

Report :  aman
Update:2023-09-22 22:06 IST

IPS Vijay Raman (Social Media)

IPS Vijay Raman Dies: देश के हाई प्रोफाइल आईपीएस अधिकारी विजय रमन (IPS Vijay Raman) का पुणे के एक अस्पताल में निधन हो गया। वो कैंसर से पीड़ित थे। विजय रमन 1975 बैच के मध्य प्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी थे। विजय रमन की पत्नी वीना रमन(Veena Raman) ने मीडिया को बताया कि, इसी साल फरवरी महीने में उन्हें कैंसर होने की पुष्टि हुई थी। उसके बाद से उनका इलाज चल रहा था। इलाज के दौरान उनमें सुधार के लक्षण दिखे थे।

आईपीएस विजय रमन को 18 सितंबर को सांस लेने में तकलीफ के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालत बिगड़ने पर आईसीयू में शिफ्ट किया गया। गुरुवार को उनकी सेहत में सुधार होता दिखा। परिवार के सदस्य उन्हें 2-3 दिनों के लिए घर ले जाने वाले थे। मगर, अचानक उनका निधन हो गया। उनके देहांत से परिवार में सभी सदमे में हैं।

पान सिंह तोमर का किया था एनकाउंटर

शायद आपको ये ना पता हो, आईपीएस विजय रमन वही,ऑफिसर हैं जिन्होंने साल 1981 में एथलीट से डकैत बने पान सिंह तोमर (Paan Singh Tomar) का एनकाउंटर किया था। विजय रमन के नेतृत्व में एक टीम ने 14 घंटे चले मुठभेड़ में पान सिंह तोमर को मार गिराया था। 

फूलन देवी ने आत्मसमर्पण से पहले की थी हटाने की मांग  

जिस वक़्त चंबल घाटी में डकैतों का आतंक था, उस वक़्त उनके भीतर IPS विजय रमन का खौफ हुआ करता था। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो जब फूलन देवी (Phoolan Devi) ने आत्मसमर्पण किया था, उस वक्त उन्होंने विजय रमन की जगह किसी और को भिंड का एसपी (SP of Bhind) बनाने की मांग की थी। बता दें, विजय रमन कई आतंक-रोधी और नक्सल-रोधी अभियानों का हिस्सा रहे। उन्होंने मध्य प्रदेश पुलिस, CRPF, BSF और रेलवे पुलिस के साथ भी काम किया था। 

3 राष्ट्रीय पदक से हुए सम्मानित

विजय रमन तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की सुरक्षा में तैनात एसपीजी में भी रहे थे। साल 2003 में जम्मू-कश्मीर में वो गाजी बाबा एनकाउंटर टीम के प्रमुख थे। वर्ष 2009 में नक्सल विरोधी ऑपरेशन (Anti Naxal Operation) की कमान थामी। बीएसएफ व सीआरपीएफ में रहे। विजय रमन का डकैतों में उनका इतना खौफ था कि 1984 में जब वो भिंड एसपी थे, तब मलखान सिंह (Malkhan Singh) और फूलन देवी ने सरेंडर की पहली शर्त यही रखी कि रमन की जगह किसी और को एसपी नियुक्त किया जाए। तब सरकार ने रमन को भिंड से वापस बुला लिया था। बाद में फूलन और मलखान ने आत्मसमर्पण किया। उनके साहस और बहादुरी के लिए उन्हें 3 राष्ट्रीय पदक से सम्मानित किया जा चुका है।

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