Rain in Mumbai: मुंबई में भारी बारिश के बाद हालात अस्थिर, कई इलाकों में भीषण जलभराव

Rainfall in Mumbai: मुम्बई में भारी जलभराव के दृश्य बीते दिन हुई तेज और भारी बारिश के चलते उत्पन्न हुए हैं।

Written By :  Rajat Verma
Update:2022-07-05 10:07 IST

महाराष्ट्र में जलभराव (photo: social media )

Rainfall in Mumbai: महाराष्ट्र में बीते दिन सोमवार को शुरू हुई तेज बारिश के चलते जनजीवन अस्थिर हो गया है। इस दौरान मुम्बई (Rainfall in Mumbai) के कई इलाकों में भारी जलभराव (Waterlogging) की स्थिति देखी जा रही है, जिससे आम जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। मानसून (Monsoon) के आगमन के बीच मुंबई में शुरू हुई भारी बारिश ( Heavy Rainfall in Mumbai) के चलते राजधानी के कई इलाकों में जलभराव और यातायात की समस्या खड़ी हो गई है। मुम्बई में भारी जलभराव के दृश्य बीते दिन हुई तेज और भारी बारिश के चलते उत्पन्न हुए हैं।

भारी बारिश के बाद मुम्बई की जारी तस्वीरों में देखा जा सकता है कि सड़कों पर पानी भर गया है। मुम्बई स्थित नवी मुंबई के खंडेश्वर रेलवे स्टेशन पर जलभराव के चलते यात्रियों को बड़ी समस्या का सामना करना पड़ रहा है तथा साथ ही मुम्बई के अन्य कई इलाकों में भी भारी बारिश के चलते पानी भर गया है।

मौसम विज्ञान विभाग ने जारी की चेतावनी

मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने आगामी कुछ दिनों के लिए मुंबई में भारी बारिश की चेतावनी जारी करते हुए सावधान और सतर्क रहने को सलाह दी है। इस दौरान मुम्बई और आसपास के कई इलाकों में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की कई टीमों को किसी भी अनहोनी से बचने के लिए शहर के विभिन्न इलाकों में तैनात किया गया है।

आगे और तेज बारिश के चलते स्थिति बिगड़ने पर भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की सलाह पर मुम्बई के विभिन्न इलाके को ग्रीन, येलो, ऑरेंज और रेड ज़ोन के तौर पर चिन्हित किया गया है। आपको बता दें कि रेड ज़ोन में भारी बारिश के चलते सबसे अधिक खतरे वाले इलाकों को रखा गया है।

मौसम विज्ञान विभाग ने बीते दिन हुई तेज बारिश की रिपोर्ट साझा करता हुआ बताया कि मुम्बई शहर में सोमवार सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक 21 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि पूर्वी और पश्चिमी उपनगरों में क्रमशः 17 मिमी और 25 मिमी बारिश दर्ज हुई।

मुम्बई में हर साल उत्पन्न होती है यह समस्या

मानसून के समय हर साल मुम्बई में बाढ़ और भीषण जलभराव की स्थिति देखने को मिलती है, जिसके चलते आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है। स्थानीय लोगों के लिए घर से बाहर निकलना एक खतरे भरा काम बन जाता है तथा सड़कों पर पानी भरने के चलते यातायात की समस्या भी खड़ी हो जाती है।

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