IIT Bombay के पीजी स्टूडेंट ने हॉस्टल की 7वीं मंजिल से कूदकर की आत्महत्या, सुसाइड नोट में क्या लिखा?

भारत के सबसे प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थानों में से एक आईआईटी बॉम्बे (IIT Bombay) के एक छात्र ने आत्महत्या कर ली। मिल रही जानकारी के अनुसार, तड़के करीब साढ़े चार बजे के आसपास इंजीनियरिंग के स्टूडेंट ने आत्महत्या की।

Newstrack :  Network
Published By :  aman
Update:2022-01-17 11:39 IST

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IIT Bombay :भारत के सबसे प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थानों (Engineering Institutes) में से एक आईआईटी बॉम्बे (IIT Bombay) के एक छात्र ने आत्महत्या कर ली। मिल रही जानकारी के अनुसार, तड़के करीब साढ़े चार बजे के आसपास इंजीनियरिंग के स्टूडेंट ने आत्महत्या की। एक समाचार एजेंसी की खबर के मुताबिक, यह छात्र हॉस्टल की सातवीं मंजिल से कूदकर जान आत्महत्या की।

इस संबंध में मुंबई पुलिस ने बताया, कि 'मौके से सुसाइड नोट ((Suicide note) बरामद हुआ है। सुसाइड नोट में छात्र ने कहा, कि उसे अवसाद (Depression) था। उसका इलाज चल रहा था। मृत छात्र ने अपनी मौत के लिए किसी को भी जिम्मेदार नहीं ठहराया है।' पुलिस ने बताया कि घटना के संबंध में आगे की जांच जारी है।

बताया जा रहा है, कि सुसाइड करने वाले छात्र की उम्र 26 साल थी। वह इंजीनियरिंग में मास्टर्स के सेकंड ईयर (second year of masters) में पढ़ाई कर रहा था। घटना की सूचना मिलते ही उसे आनन-फानन में मुंबई के राजावाडी अस्पताल (Rajawadi Hospital) में भर्ती कराया गया। मगर, डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। फिलहाल पुलिस मामले की तफ्तीश में जुटी है। साथ ही, यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिर इस स्टूडेंट के तनाव की असली वजह क्या थी।

उच्च शिक्षण संस्थानों में बढ़े आत्महत्या के मामले

उल्लेखनीय है, कि संसद सत्र के दौरान शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने यह जानकारी दी थी, कि आईआईटी (IIT), आईआईएम (IIM), केंद्रीय विश्वविद्यालयों (central universities), आईईएससी सहित अन्य उच्चतर शिक्षण संस्थानों में वर्ष 2014 से 2021 के दौरान करीब 122 छात्रों ने आत्महत्या की। जिनमें अनुसूचित जाति से 24 छात्र, अनुसूचित जनजाति वर्ग से 3 छात्र, अन्य पिछड़ा वर्ग से 41 छात्र और अल्पसंख्यक वर्ग से तीन छात्र शामिल हैं।

बड़े संस्थाओं में मौत के आंकड़े चिंताजनक आंकड़े

बता दें, कि इस समय अवधि में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान यानी आईआईटी में 34 स्टूडेंट्स ने, भारतीय प्रबंध संस्थान यानी आईआईएम में 5 छात्रों ने, भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) तथा भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान में 9 छात्रों ने, केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 37 छात्र तथा भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान में 4 छात्र, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में 30 स्टूडेंट्स द्वारा आत्महत्या की घटनाएं सामने आई हैं।

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