Maharashtra: वसूली में फंसे उद्धव के करीबी मंत्री, ट्रांसफर-पोस्टिंग में 300 करोड़ कमाने का आरोप
Maharashtra: नासिक के पुलिस आयुक्त ने इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच पैनल का गठन किया है।
Maharashtra: महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के एक और करीबी मंत्री अनिल परब भी वसूली के आरोपों में घिर गए हैं। अनिल परब राज्य के परिवहन मंत्री हैं और उन पर परिवहन विभाग के अफसरों के ट्रांसफर और पोस्टिंग में 300 करोड़ की वसूली का आरोप लगा है। इस मामले में विभाग के एक निलंबित अधिकारी ने नासिक के पंचवटी पुलिस थाने में शिकायत भी दर्ज कराई है।
नासिक के पुलिस आयुक्त ने इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच पैनल का गठन किया है। शिवसेना नेता परब को मुख्यमंत्री ठाकरे का काफी करीबी माना जाता है और उनके ऊपर भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद राज्य की सियासत गरमा गई है। विपक्ष ने मामले की निष्पक्ष जांच करने के साथ ही परब से तत्काल इस्तीफा देने की मांग की है।
विभागीय अफसर का रैकेट चलाने का आरोप
निलंबित आरटीओ इंस्पेक्टर गजेंद्र पाटिल ने इस बाबत दिए गए अपने शिकायती पत्र में परिवहन मंत्री परब पर ट्रांसफर-पोस्टिंग का रैकेट चलाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि इस रैकेट में ट्रांसपोर्ट कमिश्नर अविनाश ढाकणे सहित विभाग के पांच अन्य अफसर भी शामिल हैं। पाटिल के मुताबिक परब के इशारे पर आरटीओ अफसरों की ट्रांसफर और पोस्टिंग में करोड़ों की वसूली की जाती है। उन्होंने कहा कि अब तक 250 से 300 करोड़ रुपए की वसूली की जा चुकी है।
वसूली रैकेट का मास्टरमाइंड
शिकायती पत्र में वर्धा में तैनात डिप्टी आरटीओ बजरंग खरमाटे को वसूली रैकेट का मास्टरमाइंड बताया गया है। पाटिल के मुताबिक परब के इशारे पर खरमाटे परिवहन आयुक्त के साथ मिलकर इस पूरे रैकेट को चलाता है। उन्होंने बीएस 4 कारों की रजिस्ट्री पर सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद कई लग्जरी कारों की रजिस्ट्री बैक डेट में किए जाने का आरोप भी लगाया है। शिकायती पत्र देने वाले पाटिल को इसी साल जनवरी में भ्रष्टाचार के आरोपों में निलंबित किया गया था। अब पाटिल ने परिवहन मंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
तीन सदस्यीय पैनल करेगा जांच
पाटिल की ओर से थाने में दिए गए शिकायती पत्र के बावजूद अभी तक इस मामले में कोई एफआईआर नहीं दर्ज की गई है। पुलिस इस मामले में एफआईआर दर्ज करने से बच रही है। इस बीच नासिक के पुलिस आयुक्त दीपक पांडेय ने भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय पैनल का गठन किया है। पुलिस आयुक्त के आदेश में खास बात यह है कि उन्होंने पुराने फैसले को आधार बनाते हुए फिलहाल इस मामले में एफआईआर न दर्ज करने का भी आदेश दिया है।
विपक्ष ने मांगा परिवहन मंत्री से इस्तीफा
अब विपक्ष की ओर से इस मामले को लेकर सरकार की घेरेबंदी की जा रही है। विपक्ष का आरोप है कि केवल खानापूर्ति के लिए जांच की जा रही है और दबाव में आकर पुलिस मामले में एफआईआर नहीं दर्ज कर रही है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के नेता संदीप देशपांडे ने कहा कि सरकार की वसूली 300 करोड़ तक पहुंच गई है और यह एक बहुत ही गंभीर मामला है।
उन्होंने कहा कि इस गंभीर आरोप के बाद परब को परिवहन मंत्री के पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। देशपांडे ने कहा कि उनके इस्तीफे के बिना मामले में निष्पक्ष जांच नहीं की जा सकती। दूसरी ओर परब भ्रष्टाचार के इन आरोपों पर खुलकर बोलने से बच रहे हैं। हालांकि इस बाबत पूछे जाने पर उन्होंने आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया है।