मुंबई में ब्लैक फंगस का पहला मरीज मिलने के बाद विशेषज्ञ अलर्ट, इन लक्षणों से रहें सावधान

देश में कोरोना संक्रमण के ग्राफ में कुछ कमी तो दर्ज की गई है मगर पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के दो लाख से अधिक नए संक्रमण के मामले सामने आए हैं। इसके अलावां देश के कुछ शहर ब्लैक फंगस के संकट से भी जूझ रहे हैं।

Newstrack :  Bishwajeet Kumar
Update: 2022-01-27 17:41 GMT

ब्लैक फंगस

मुंबई: देश में कोरोना वायरस के कारण हालात अभी भी चिंताजनक बने हुए हैं। हर दिन ओमिक्रोन वैरिएंट के नए मामलों में इजाफा देखा जा रहा है। इन सब परेशानियों के साथ अब एक बार फिर ब्लैक फंगस का खतरा कोरोना संक्रमण से ठीक हुए लोगों पर मंडराने लगा है। अगर भारत में कोरोना वायरस के दूसरे लहर की ओर गौर करें तो उस वक्त कोरोना वायरस से ठीक हुए बहुत से लोगों को ब्लैक फंगस का सामना करना पड़ा था। उस दौर में ब्लैक फंगस के वजह से कई मरीजों की मृत्यु भी हुई थी।

अब एक बार फिर देश में करोड़ों के साथ ब्लैक फंगस का खतरा भी बढ़ता दिखाई दे रहा है हाल ही मैं ब्लैक पंकज का एक मामला मुंबई के सामने आया है जहां 5 जनवरी को एक 70 वर्षीय बुजुर्ग की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी इसके कुछ दिन बाद ही बुजुर्ग व्यक्ति के शरीर में ब्लैक फंगस के लक्षण भी दिखने लगे जिसके बाद मरीज को मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां मरीज का इलाज जारी है।

ब्लैक फंगस के ऐसे ही मामले कुछ दिन पहले गुजरात में देखने को मिले थे जहां एक महीने के भीतर ही 5 से अधिक ब्लैक फंगस के मामलों का पता चला था। इसके अलावा छत्तीसगढ़ में भी पिछले महीने ब्लैक फंगस के मामलों में काफी इजाफा देखा गया था। छत्तीसगढ़ में दिसंबर माह में तो ब्लैक फंगस के कुल 16 सक्रिय मामले थे राज्य में अब तक 70 से अधिक लोगों का ब्लैक फंगस से मृत्यु हो चुका है।

गौरतलब है कि भारत में जब कोरोना वायरस का दूसरा और अब तक का सबसे खतरनाक लहर आया था तब कोरोना वायरस के साथ ब्लैक फंगस भी अपने साथ ले आया था। ब्लैक फंगस से ज्यादातर वही मरीज संक्रमित होते थे जो लोग हाल ही में कोरोना वायरस संक्रमण से ठीक हुए थे। ब्लैक फंगस को लेकर विशेषज्ञों ने बताया की यह ज्यादा स्टेरॉयड (डेल्टा वैरिएंट से संक्रमित मरीजों के उपचार में ली जाने वाली दवाई) इस्तेमाल करने से हो रहा। इसके अलावा ब्लैक फंगस से उस व्यक्ति के भी संक्रमित होने का खतरा होता है जो लंबे वक़्त से मधुमेह की बीमारी से ग्रसित हो या फिर कोई ऐसे मरीज जिनका लंबे वक्त से कैंसर और किडनी संबंधी दवाइयां चलती हो।

ब्लैक फंगस के लक्षण और उपचार

यह दुर्लभ इंफेक्शन हमारे ब्रेन, श्वास नली और आंखों पर फैलता है। ब्लैक फंगस से संक्रमित मरीज को चेहरे पर सूजन, सिर में दर्द, बार-बार उल्टी होना, सांस लेने में तकलीफ होना, बुखार, आंखों का लाल हो जाना, आंख खोलने और बंद करने में दिक्कत होना तथा आंखों में सूजन हो जाने दे कई लक्षण से पता लगाया जा सकता है। अगर कोई ब्लैंक फंगस से संक्रमित हो जाता है तो इसके लिए एंटीफंगल दवाओं में एंफोटेरिसिन-बी जैसी दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन इसके साथ ही सबसे पहले हमारे शरीर का इम्यून सिस्टम मजबूत होना चाहिए। हालांकि कभी भी ब्लैक फंगस के लक्षण दिखने पर सबसे पहले डॉक्टर की सलाह लेना चाहिए।

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